انجیل مقدس

خدا کا فضل تحفہ

زبُور باب 2

1 क़ौमें किस लिए ग़ुस्से में है और लोग क्यूँ बेकार ख़याल बाँधते हैं 2 ख़ुदावन्द और उसके मसीह के ख़िलाफ़ ज़मीन के बादशाह एक हो कर, और हाकिम आपस में मशवरा करके कहते हैं, 3 “आओ, हम उनके बन्धन तोड़ डालें, और उनकी रस्सियाँ अपने ऊपर से उतार फेंके।” 4 वह जो आसमान पर तख़्त नशीन है हँसेगा, ख़ुदावन्द उनका मज़ाक़ उड़ाएगा। 5 तब वह अपने ग़ज़ब में उनसे कलाम करेगा, और अपने ग़ज़बनाक ग़ुस्से में उनको परेशान कर देगा, 6 “मैं तो अपने बादशाह को, अपने पाक पहाड़ सिय्यून पर बिठा चुका हूँ।” 7 मैं उस फ़रमान को बयान करूँगा:ख़ुदावन्द ने मुझ से कहा, “तू मेरा बेटा है। आज तू मुझ से पैदा हुआ। 8 मुझ से माँग, और मैं क़ौमों को तेरी मीरास के लिए, और ज़मीन के आख़िरी हिस्से तेरी मिल्कियत के लिए तुझे बख़्शूँगा। 9 तू उनको लोहे के 'असा से तोड़ेगा, कुम्हार के बर्तन की तरह तू उनको चकनाचूर कर डालेगा।” 10 इसलिए अब ऐ बादशाहो, अक़्लमंद बनो; ऐ ज़मीन की 'अदालत करने वालो, तरबियत पाओ। 11 डरते हुए ख़ुदावन्द की इबादत करो, काँपते हुए ख़ुशी मनाओ। 12 बेटे को चूमो, ऐसा न हो कि वह क़हर में आए, और तुम रास्ते में हलाक हो जाओ, क्यूँकि उसका ग़ज़ब जल्द भड़कने को है। मुबारक हैं वह सब जिनका भरोसा उस पर है।
1 क़ौमें किस लिए ग़ुस्से में है और लोग क्यूँ बेकार ख़याल बाँधते हैं .::. 2 ख़ुदावन्द और उसके मसीह के ख़िलाफ़ ज़मीन के बादशाह एक हो कर, और हाकिम आपस में मशवरा करके कहते हैं, .::. 3 “आओ, हम उनके बन्धन तोड़ डालें, और उनकी रस्सियाँ अपने ऊपर से उतार फेंके।” .::. 4 वह जो आसमान पर तख़्त नशीन है हँसेगा, ख़ुदावन्द उनका मज़ाक़ उड़ाएगा। .::. 5 तब वह अपने ग़ज़ब में उनसे कलाम करेगा, और अपने ग़ज़बनाक ग़ुस्से में उनको परेशान कर देगा, .::. 6 “मैं तो अपने बादशाह को, अपने पाक पहाड़ सिय्यून पर बिठा चुका हूँ।” .::. 7 मैं उस फ़रमान को बयान करूँगा:ख़ुदावन्द ने मुझ से कहा, “तू मेरा बेटा है। आज तू मुझ से पैदा हुआ। .::. 8 मुझ से माँग, और मैं क़ौमों को तेरी मीरास के लिए, और ज़मीन के आख़िरी हिस्से तेरी मिल्कियत के लिए तुझे बख़्शूँगा। .::. 9 तू उनको लोहे के 'असा से तोड़ेगा, कुम्हार के बर्तन की तरह तू उनको चकनाचूर कर डालेगा।” .::. 10 इसलिए अब ऐ बादशाहो, अक़्लमंद बनो; ऐ ज़मीन की 'अदालत करने वालो, तरबियत पाओ। .::. 11 डरते हुए ख़ुदावन्द की इबादत करो, काँपते हुए ख़ुशी मनाओ। .::. 12 बेटे को चूमो, ऐसा न हो कि वह क़हर में आए, और तुम रास्ते में हलाक हो जाओ, क्यूँकि उसका ग़ज़ब जल्द भड़कने को है। मुबारक हैं वह सब जिनका भरोसा उस पर है।
  • زبُور باب 1  
  • زبُور باب 2  
  • زبُور باب 3  
  • زبُور باب 4  
  • زبُور باب 5  
  • زبُور باب 6  
  • زبُور باب 7  
  • زبُور باب 8  
  • زبُور باب 9  
  • زبُور باب 10  
  • زبُور باب 11  
  • زبُور باب 12  
  • زبُور باب 13  
  • زبُور باب 14  
  • زبُور باب 15  
  • زبُور باب 16  
  • زبُور باب 17  
  • زبُور باب 18  
  • زبُور باب 19  
  • زبُور باب 20  
  • زبُور باب 21  
  • زبُور باب 22  
  • زبُور باب 23  
  • زبُور باب 24  
  • زبُور باب 25  
  • زبُور باب 26  
  • زبُور باب 27  
  • زبُور باب 28  
  • زبُور باب 29  
  • زبُور باب 30  
  • زبُور باب 31  
  • زبُور باب 32  
  • زبُور باب 33  
  • زبُور باب 34  
  • زبُور باب 35  
  • زبُور باب 36  
  • زبُور باب 37  
  • زبُور باب 38  
  • زبُور باب 39  
  • زبُور باب 40  
  • زبُور باب 41  
  • زبُور باب 42  
  • زبُور باب 43  
  • زبُور باب 44  
  • زبُور باب 45  
  • زبُور باب 46  
  • زبُور باب 47  
  • زبُور باب 48  
  • زبُور باب 49  
  • زبُور باب 50  
  • زبُور باب 51  
  • زبُور باب 52  
  • زبُور باب 53  
  • زبُور باب 54  
  • زبُور باب 55  
  • زبُور باب 56  
  • زبُور باب 57  
  • زبُور باب 58  
  • زبُور باب 59  
  • زبُور باب 60  
  • زبُور باب 61  
  • زبُور باب 62  
  • زبُور باب 63  
  • زبُور باب 64  
  • زبُور باب 65  
  • زبُور باب 66  
  • زبُور باب 67  
  • زبُور باب 68  
  • زبُور باب 69  
  • زبُور باب 70  
  • زبُور باب 71  
  • زبُور باب 72  
  • زبُور باب 73  
  • زبُور باب 74  
  • زبُور باب 75  
  • زبُور باب 76  
  • زبُور باب 77  
  • زبُور باب 78  
  • زبُور باب 79  
  • زبُور باب 80  
  • زبُور باب 81  
  • زبُور باب 82  
  • زبُور باب 83  
  • زبُور باب 84  
  • زبُور باب 85  
  • زبُور باب 86  
  • زبُور باب 87  
  • زبُور باب 88  
  • زبُور باب 89  
  • زبُور باب 90  
  • زبُور باب 91  
  • زبُور باب 92  
  • زبُور باب 93  
  • زبُور باب 94  
  • زبُور باب 95  
  • زبُور باب 96  
  • زبُور باب 97  
  • زبُور باب 98  
  • زبُور باب 99  
  • زبُور باب 100  
  • زبُور باب 101  
  • زبُور باب 102  
  • زبُور باب 103  
  • زبُور باب 104  
  • زبُور باب 105  
  • زبُور باب 106  
  • زبُور باب 107  
  • زبُور باب 108  
  • زبُور باب 109  
  • زبُور باب 110  
  • زبُور باب 111  
  • زبُور باب 112  
  • زبُور باب 113  
  • زبُور باب 114  
  • زبُور باب 115  
  • زبُور باب 116  
  • زبُور باب 117  
  • زبُور باب 118  
  • زبُور باب 119  
  • زبُور باب 120  
  • زبُور باب 121  
  • زبُور باب 122  
  • زبُور باب 123  
  • زبُور باب 124  
  • زبُور باب 125  
  • زبُور باب 126  
  • زبُور باب 127  
  • زبُور باب 128  
  • زبُور باب 129  
  • زبُور باب 130  
  • زبُور باب 131  
  • زبُور باب 132  
  • زبُور باب 133  
  • زبُور باب 134  
  • زبُور باب 135  
  • زبُور باب 136  
  • زبُور باب 137  
  • زبُور باب 138  
  • زبُور باب 139  
  • زبُور باب 140  
  • زبُور باب 141  
  • زبُور باب 142  
  • زبُور باب 143  
  • زبُور باب 144  
  • زبُور باب 145  
  • زبُور باب 146  
  • زبُور باب 147  
  • زبُور باب 148  
  • زبُور باب 149  
  • زبُور باب 150  
×

Alert

×

Urdu Letters Keypad References