URV
11. لیکِن میں نے تُم کو درحقِیقت یہ لِکھا تھا کہ اگر کوئی بھائِی کہلا کر حرامکار یا لالچِی یا بُت پرست یا گالی دینے والا یا شرابی یا ظالِم ہو تو اُس سے صحُبت نہ رکھّو بلکہ اَیسے کے ساتھ کھانا تک نہ کھاؤ۔
IRVUR
11. यहाँ तक कि सुनने में आया है कि तुम में हरामकारी होती है बल्कि ऐसी हरामकारी जो ग़ैर क़ौमों में भी नहीं होती:चुनाँचे तुम में से एक शख़्स अपने बाप की बीवी को रखता है। लेकिन मैने तुम को दर हक़ीक़त ये लिखा था कि अगर कोई भाई कहलाकर हरामकार या लालची या बुतपरस्त या गाली देने वाला शराबी या ज़ालिम हो तो उस से सुहबत न रखो; बल्कि ऐसे के साथ खाना तक न खाना।
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