انجیل مقدس

خدا کا فضل تحفہ
1. {जन्नत में फ़तह के गीत } [PS]इन बातों के बाद मैंने आसमान पर गोया बड़ी जमा'अत को ऊँची आवाज़ से ये कहते सुना, [PE][QS]“हालेलूया! नजात और जलाल और क़ुदरत हमारे ख़ुदा की है। [QE]
2. [QS]क्यूँकि उसके फ़ैसले सहीह और दरुस्त हैं, [QE][QS]इसलिए कि उसने उस बड़ी कस्बी का इन्साफ़ किया जिसने अपनी हरामकारी से दुनियाँ को ख़राब किया था, और उससे अपने बन्दों के ख़ून का बदला लिया।” [QE]
3. [MS] फिर दूसरी बार उन्होंने कहा, [ME][QS]“हल्लेलुइया! और उसके जलने का धुवाँ हमेशा उठता रहेगा।” [QE]
4. [PS]और चौबीसों बुज़ुर्गों और चारों जानदारों ने गिर कर ख़ुदा को सिज्दा किया, जो तख़्त पर बैठा था और कहा, “आमीन! हल्लेलुइया!” [ME]
5. [PS]और तख़्त में से ये आवाज़ निकली, [ME][QS]“ऐ उससे डरनेवाले बन्दो! [QE][QS]हमारे ख़ुदा की तम्जीद करो! [QE][QS]चाहे छोटे हो चाहे बड़े!” [QE]
6. [PS]फिर मैंने बड़ी जमा'अत की सी आवाज़, और ज़ोर की सी आवाज़, और सख़्त गरजने की सी आवाज़ सुनी: [ME][QS]“हल्लेलुइया! इसलिए के ख़ुदावन्द हमारा ख़ुदा क़ादिर — ए — मुतल्लिक़ बादशाही करता है। [QE]
[QS]7. आओं, हम ख़ुशी करें और निहायत शादमान हों, और उसकी बड़ाई करें; [QE][QS]इसलिए कि बर्रे की शादी आ पहुँची, [QE][QS]और उसकी बीवी ने अपने आपको तैयार कर लिया; [QE]
[QS]8. और उसको चमकदार और साफ़ महीन कतानी कपड़ा पहनने का इख़्तियार दिया गया,” [QE][QS]क्यूँकि महीन कतानी कपड़ों से मुक़द्दस लोगों की रास्तबाज़ी के काम मुराद हैं। [QE]
9. [PS]और उसने मुझ से कहा, “लिख, मुबारिक़ हैं वो जो बर्रे की शादी की दावत में बुलाए गए हैं।” फिर उसने मुझ से कहा, “ये ख़ुदा की सच्ची बातें हैं।”
10. और मैं उसे सिज्दा करने के लिए उसके पाँव पर गिरा। उसने मुझ से कहा, “ख़बरदार! ऐसा न कर। मैं भी तेरा और तेरे उन भाइयों का हमख़िदमत हूँ, जो ईसा की गवाही देने पर क़ाईम हैं। ख़ुदा ही को सिज्दा कर।” क्यूँकि ईसा की गवाही नबुव्वत की रूह है। [ME]
11. [PS]फिर मैंने आसमान को खुला हुआ, देखा, और क्या देखता हूँ कि एक सफ़ेद घोड़ा है; और उस पर एक सवार है जो सच्चा और बरहक़ कहलाता है, और वो सच्चाई के साथ इन्साफ़ और लड़ाई करता है।
12. और उसकी आँखें आग के शो'ले हैं, और उसके सिर पर बहुत से ताज हैं। और उसका एक नाम लिखा हुआ है, जिसे उसके सिवा और कोई नहीं जानता।
13. और वो ख़ून की छिड़की हुई पोशाक पहने हुए है, और उसका नाम कलाम — ए — ख़ुदा कहलाता है।
14. और आसमान की फ़ौजें सफ़ेद घोड़ों पर सवार, और सफ़ेद और साफ़ महीन कतानी कपड़े पहने हुए उसके पीछे पीछे हैं।
15. और क़ौमों के मारने के लिए उसके मुँह से एक तेज़ तलवार निकलती है; और वो लोहे की 'लाठी से उन पर हुकूमत करेगा, और क़ादिर — ए — मुतल्लिक़ ख़ुदा के तख़्त ग़ज़ब की मय के हौज़ में अंगूर रौंदेगा।
16. और उसकी पोशाक और रान पर ये नाम लिखा हुआ है: “बादशाहों का बादशाह और ख़ुदावन्दों का ख़ुदावन्द।” [ME]
17. [PS]फिर मैंने एक फ़रिश्ते को आफ़ताब पर खड़े हुए देखा। और उसने बड़ी आवाज़ से चिल्ला कर आसमान में के सब उड़नेवाले परिन्दों से कहा, “आओं, ख़ुदा की बड़ी दावत में शरीक होने के लिए जमा हो जाओ;
18. ताकि तुम बादशाहों का गोश्त, और फ़ौजी सरदारों का गोश्त, और ताक़तवरों का गोश्त, और घोड़ों और उनके सवारों का गोश्त, और सब आदमियों का गोश्त खाओ; चाहे आज़ाद हों चाहे ग़ुलाम, चाहे छोटे हों चाहे बड़े।”
19. फिर मैंने उस हैवान और ज़मीन के बादशाहों और उनकी फ़ौजों को, उस घोड़े के सवार और उसकी फ़ौज से जंग करने के लिए इकट्ठे देखा।
20. और वो हैवान और उसके साथ वो झूठा नबी पकड़ा गया, जिनसे उसने हैवान की छाप लेनेवालों और उसके बुत की इबादत करनेवालों को गुमराह किया था। वो दोनों आग की उस झील में ज़िन्दा डाले गए, जो गंधक से जलती है।
21. और बाक़ी उस घोड़े के सवार की तलवार से, जो उसके मुँह से निकलती थी क़त्ल किए गए; और सब परिन्दे उनके गोश्त से सेर हो गए। [ME]
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1 {जन्नत में फ़तह के गीत } इन बातों के बाद मैंने आसमान पर गोया बड़ी जमा'अत को ऊँची आवाज़ से ये कहते सुना, “हालेलूया! नजात और जलाल और क़ुदरत हमारे ख़ुदा की है। 2 क्यूँकि उसके फ़ैसले सहीह और दरुस्त हैं, इसलिए कि उसने उस बड़ी कस्बी का इन्साफ़ किया जिसने अपनी हरामकारी से दुनियाँ को ख़राब किया था, और उससे अपने बन्दों के ख़ून का बदला लिया।” 3 फिर दूसरी बार उन्होंने कहा, “हल्लेलुइया! और उसके जलने का धुवाँ हमेशा उठता रहेगा।” 4 और चौबीसों बुज़ुर्गों और चारों जानदारों ने गिर कर ख़ुदा को सिज्दा किया, जो तख़्त पर बैठा था और कहा, “आमीन! हल्लेलुइया!” 5 और तख़्त में से ये आवाज़ निकली, “ऐ उससे डरनेवाले बन्दो! हमारे ख़ुदा की तम्जीद करो! चाहे छोटे हो चाहे बड़े!” 6 फिर मैंने बड़ी जमा'अत की सी आवाज़, और ज़ोर की सी आवाज़, और सख़्त गरजने की सी आवाज़ सुनी: “हल्लेलुइया! इसलिए के ख़ुदावन्द हमारा ख़ुदा क़ादिर — ए — मुतल्लिक़ बादशाही करता है। 7 आओं, हम ख़ुशी करें और निहायत शादमान हों, और उसकी बड़ाई करें; इसलिए कि बर्रे की शादी आ पहुँची, और उसकी बीवी ने अपने आपको तैयार कर लिया; 8 और उसको चमकदार और साफ़ महीन कतानी कपड़ा पहनने का इख़्तियार दिया गया,” क्यूँकि महीन कतानी कपड़ों से मुक़द्दस लोगों की रास्तबाज़ी के काम मुराद हैं। 9 और उसने मुझ से कहा, “लिख, मुबारिक़ हैं वो जो बर्रे की शादी की दावत में बुलाए गए हैं।” फिर उसने मुझ से कहा, “ये ख़ुदा की सच्ची बातें हैं।” 10 और मैं उसे सिज्दा करने के लिए उसके पाँव पर गिरा। उसने मुझ से कहा, “ख़बरदार! ऐसा न कर। मैं भी तेरा और तेरे उन भाइयों का हमख़िदमत हूँ, जो ईसा की गवाही देने पर क़ाईम हैं। ख़ुदा ही को सिज्दा कर।” क्यूँकि ईसा की गवाही नबुव्वत की रूह है। 11 फिर मैंने आसमान को खुला हुआ, देखा, और क्या देखता हूँ कि एक सफ़ेद घोड़ा है; और उस पर एक सवार है जो सच्चा और बरहक़ कहलाता है, और वो सच्चाई के साथ इन्साफ़ और लड़ाई करता है। 12 और उसकी आँखें आग के शो'ले हैं, और उसके सिर पर बहुत से ताज हैं। और उसका एक नाम लिखा हुआ है, जिसे उसके सिवा और कोई नहीं जानता। 13 और वो ख़ून की छिड़की हुई पोशाक पहने हुए है, और उसका नाम कलाम — ए — ख़ुदा कहलाता है। 14 और आसमान की फ़ौजें सफ़ेद घोड़ों पर सवार, और सफ़ेद और साफ़ महीन कतानी कपड़े पहने हुए उसके पीछे पीछे हैं। 15 और क़ौमों के मारने के लिए उसके मुँह से एक तेज़ तलवार निकलती है; और वो लोहे की 'लाठी से उन पर हुकूमत करेगा, और क़ादिर — ए — मुतल्लिक़ ख़ुदा के तख़्त ग़ज़ब की मय के हौज़ में अंगूर रौंदेगा। 16 और उसकी पोशाक और रान पर ये नाम लिखा हुआ है: “बादशाहों का बादशाह और ख़ुदावन्दों का ख़ुदावन्द।” 17 फिर मैंने एक फ़रिश्ते को आफ़ताब पर खड़े हुए देखा। और उसने बड़ी आवाज़ से चिल्ला कर आसमान में के सब उड़नेवाले परिन्दों से कहा, “आओं, ख़ुदा की बड़ी दावत में शरीक होने के लिए जमा हो जाओ; 18 ताकि तुम बादशाहों का गोश्त, और फ़ौजी सरदारों का गोश्त, और ताक़तवरों का गोश्त, और घोड़ों और उनके सवारों का गोश्त, और सब आदमियों का गोश्त खाओ; चाहे आज़ाद हों चाहे ग़ुलाम, चाहे छोटे हों चाहे बड़े।” 19 फिर मैंने उस हैवान और ज़मीन के बादशाहों और उनकी फ़ौजों को, उस घोड़े के सवार और उसकी फ़ौज से जंग करने के लिए इकट्ठे देखा। 20 और वो हैवान और उसके साथ वो झूठा नबी पकड़ा गया, जिनसे उसने हैवान की छाप लेनेवालों और उसके बुत की इबादत करनेवालों को गुमराह किया था। वो दोनों आग की उस झील में ज़िन्दा डाले गए, जो गंधक से जलती है। 21 और बाक़ी उस घोड़े के सवार की तलवार से, जो उसके मुँह से निकलती थी क़त्ल किए गए; और सब परिन्दे उनके गोश्त से सेर हो गए।
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