انجیل مقدس

خدا کا فضل تحفہ
1. जब मै पुकारूँ तो मुझे जबाब दे ऐ मेरी सदाक़त के ख़ुदा! तंगी में तूने मुझे कुशादगी बख़्शी, मुझ पर रहम कर और मेरी दुआ सुन ले।
2. ऐ बनी आदम! कब तक मेरी 'इज़्ज़त के बदले रुस्वाई होगी? तुम कब तक बकवास से मुहब्बत रखोगे और झूट के दर पे रहोगे?
3. जान लो कि ख़ुदावन्द ने दीनदार को अपने लिए अलग कर रखा है; जब मैं ख़ुदावन्द को पुकारूँगा तो वह सुन लेगा।
4. थरथराओ और गुनाह न करो; अपने अपने बिस्तर पर दिल में सोचो और ख़ामोश रहो।
5. सदाक़त की कु़र्बानियाँ पेश करो, और ख़ुदावन्द पर भरोसा करो।
6. बहुत से कहते हैं कौन हम को कुछ भलाई दिखाएगा? ऐ ख़ुदावन्द तू अपने चेहरे का नूर हम पर जलवह गर फ़रमा।
7. तूने मेरे दिल को उससे ज़्यादा खु़शी बख़्शी है, जो उनको ग़ल्ले और मय की बहुतायत से होती थी।
8. मैं सलामती से लेट जाऊँगा और सो रहूँगाः क्यूँकि ऐ ख़ुदावन्द! सिर्फ़ तू ही मुझे मुत्मईन रखता है! [PE]

Notes

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زبُور 4:13
1. जब मै पुकारूँ तो मुझे जबाब दे मेरी सदाक़त के ख़ुदा! तंगी में तूने मुझे कुशादगी बख़्शी, मुझ पर रहम कर और मेरी दुआ सुन ले।
2. बनी आदम! कब तक मेरी 'इज़्ज़त के बदले रुस्वाई होगी? तुम कब तक बकवास से मुहब्बत रखोगे और झूट के दर पे रहोगे?
3. जान लो कि ख़ुदावन्द ने दीनदार को अपने लिए अलग कर रखा है; जब मैं ख़ुदावन्द को पुकारूँगा तो वह सुन लेगा।
4. थरथराओ और गुनाह करो; अपने अपने बिस्तर पर दिल में सोचो और ख़ामोश रहो।
5. सदाक़त की कु़र्बानियाँ पेश करो, और ख़ुदावन्द पर भरोसा करो।
6. बहुत से कहते हैं कौन हम को कुछ भलाई दिखाएगा? ख़ुदावन्द तू अपने चेहरे का नूर हम पर जलवह गर फ़रमा।
7. तूने मेरे दिल को उससे ज़्यादा खु़शी बख़्शी है, जो उनको ग़ल्ले और मय की बहुतायत से होती थी।
8. मैं सलामती से लेट जाऊँगा और सो रहूँगाः क्यूँकि ख़ुदावन्द! सिर्फ़ तू ही मुझे मुत्मईन रखता है! PE
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