انجیل مقدس

خدا کا فضل تحفہ
1. जब इस्राईल मिस्र से निकलआया, या'नी या'क़ूब का घराना अजनबी ज़बान वाली क़ौम में से;
2. तो यहूदाह उसका हैकल, और इस्राईल उसकी ममलुकत ठहरा।
3. यह देखते ही समन्दर भागा; यरदन पीछे हट गया।
4. पहाड़ मेंढों की तरह उछले, पहाड़ियाँ भेड़ के बच्चों की तरह कूदे।
5. ऐ समन्दर, तुझे क्या हुआ के तू भागता है? ऐ यरदन, तुझे क्या हुआ कि तू पीछे हटता है?
6. ऐ पहाड़ो, तुम को क्या हुआ के तुम मेंढों की तरह उछलते हो? ऐ पहाड़ियो, तुम को क्या हुआ के तुम भेड़ के बच्चों की तरह कूदती हो?
7. ऐ ज़मीन, तू रब्ब के सामने, या'क़ूब के ख़ुदा के सामने थरथरा;
8. जो चट्टान को झील, और चक़माक़ की पानी का चश्मा बना देता है। [PE]

Notes

No Verse Added

Total 150 Chapters, Current Chapter 114 of Total Chapters 150
زبُور 114:37
1. जब इस्राईल मिस्र से निकलआया, या'नी या'क़ूब का घराना अजनबी ज़बान वाली क़ौम में से;
2. तो यहूदाह उसका हैकल, और इस्राईल उसकी ममलुकत ठहरा।
3. यह देखते ही समन्दर भागा; यरदन पीछे हट गया।
4. पहाड़ मेंढों की तरह उछले, पहाड़ियाँ भेड़ के बच्चों की तरह कूदे।
5. समन्दर, तुझे क्या हुआ के तू भागता है? यरदन, तुझे क्या हुआ कि तू पीछे हटता है?
6. पहाड़ो, तुम को क्या हुआ के तुम मेंढों की तरह उछलते हो? पहाड़ियो, तुम को क्या हुआ के तुम भेड़ के बच्चों की तरह कूदती हो?
7. ज़मीन, तू रब्ब के सामने, या'क़ूब के ख़ुदा के सामने थरथरा;
8. जो चट्टान को झील, और चक़माक़ की पानी का चश्मा बना देता है। PE
Total 150 Chapters, Current Chapter 114 of Total Chapters 150
×

Alert

×

urdu Letters Keypad References