انجیل مقدس

خدا کا فضل تحفہ
1. [PS]जब इस्राईल मिस्र से निकलआया, या'नी या'क़ूब का घराना अजनबी ज़बान वाली क़ौम में से;
2. तो यहूदाह उसका हैकल, और इस्राईल उसकी ममलुकत ठहरा।
3. यह देखते ही समन्दर भागा; यरदन पीछे हट गया।
4. पहाड़ मेंढों की तरह उछले, पहाड़ियाँ भेड़ के बच्चों की तरह कूदे।
5. ऐ समन्दर, तुझे क्या हुआ के तू भागता है? ऐ यरदन, तुझे क्या हुआ कि तू पीछे हटता है?
6. ऐ पहाड़ो, तुम को क्या हुआ के तुम मेंढों की तरह उछलते हो? ऐ पहाड़ियो, तुम को क्या हुआ के तुम भेड़ के बच्चों की तरह कूदती हो?
7. ऐ ज़मीन, तू रब्ब के सामने, या'क़ूब के ख़ुदा के सामने थरथरा;
8. जो चट्टान को झील, और चक़माक़ की पानी का चश्मा बना देता है। [PE]
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1 जब इस्राईल मिस्र से निकलआया, या'नी या'क़ूब का घराना अजनबी ज़बान वाली क़ौम में से; 2 तो यहूदाह उसका हैकल, और इस्राईल उसकी ममलुकत ठहरा। 3 यह देखते ही समन्दर भागा; यरदन पीछे हट गया। 4 पहाड़ मेंढों की तरह उछले, पहाड़ियाँ भेड़ के बच्चों की तरह कूदे। 5 ऐ समन्दर, तुझे क्या हुआ के तू भागता है? ऐ यरदन, तुझे क्या हुआ कि तू पीछे हटता है? 6 ऐ पहाड़ो, तुम को क्या हुआ के तुम मेंढों की तरह उछलते हो? ऐ पहाड़ियो, तुम को क्या हुआ के तुम भेड़ के बच्चों की तरह कूदती हो? 7 ऐ ज़मीन, तू रब्ब के सामने, या'क़ूब के ख़ुदा के सामने थरथरा; 8 जो चट्टान को झील, और चक़माक़ की पानी का चश्मा बना देता है।
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