انجیل مقدس

خدا کا فضل تحفہ
1. {येसु का आने वाले कल के बारे में बताना } [PS]और ईसा हैकल से निकल कर जा रहा था, कि उसके शागिर्द उसके पास आए, ताकि उसे हैकल की इमारतें दिखाएँ।
2. उसने जवाब में उनसे कहा, [SCJ]“क्या तुम इन सब चीज़ों को नहीं देखते? मैं तुम से सच कहता हूँ, कि यहाँ किसी पत्थर पर पत्थर बाक़ी न रहेगा; जो गिराया न जाएगा।”[SCJ.] [PE]
3. [PS]जब वो ज़ैतून के पहाड़ पर बैठा था, उसके शागिर्दों ने अलग उसके पास आकर कहा, “हम को बता ये बातें कब होंगी? और तेरे आने और दुनिया के आख़िर होने का निशान क्या होगा?”
4. ईसा' ने जवाब में उनसे कहा, [SCJ]“ख़बरदार! कोई तुम को गुमराह न कर दे,[SCJ.]
5. [SCJ]क्यूँकि बहुत से मेरे नाम से आएँगे और कहेंगे, ‘मैं मसीह हूँ।’ और बहुत से लोगों को गुमराह करेंगे।[SCJ.]
6. [SCJ]और तुम लड़ाइयाँ और लड़ाइयों की अफ़वाह सुनोगे, ख़बरदार, घबरा न जाना, क्यूँकि इन बातों का वाक़े होना ज़रूर है।[SCJ.]
7. [SCJ]क्यूँकि क़ौम पर क़ौम और सल्तनत पर सल्तनत चढ़ाई करेगी, और जगह — जगह काल पड़ेंगे, और भुन्चाल आएँगे।[SCJ.]
8. [SCJ]लेकिन ये सब बातें मुसीबतों का शुरू ही होंगी।[SCJ.]
9. [SCJ]उस वक़्त लोग तुम को तकलीफ़ देने के लिए पकड़वाएँगे, और तुम को क़त्ल करेंगे; और मेरे नाम की ख़ातिर सब क़ौमें तुम से दुश्मनी रख्खेंगी।[SCJ.]
10. [SCJ]और उस वक़्त बहुत से ठोकर खाएँगे, और एक दूसरे को पकड़वाएँगे; और एक दूसरे से दुश्मनी रख्खेंगे।[SCJ.]
11. [SCJ]और बहुत से झूठे नबी उठ खड़े होंगे, और बहुतों को गुमराह करेंगे।[SCJ.]
12. [SCJ]और बेदीनी के बढ़ जाने से बहुतेरों की मुहब्बत ठन्डी पड़ जाएगी।[SCJ.]
13. [SCJ]लेकिन जो आख़िर तक बर्दाश्त करेगा वो नजात पाएगा।[SCJ.]
14. [SCJ]और बादशाही की इस ख़ुशख़बरी का एलान तमाम दुनिया में होगा, ताकि सब क़ौमों के लिए गवाही हो, तब ख़ातिमा होगा।”[SCJ.] [PE]
15. [PS] [SCJ]“पस जब तुम उस उजाड़ने वाली मकरूह चीज़ जिसका ज़िक्र दानीएल नबी की ज़रिए हुआ, मुक़द्दस मुक़ामों में खड़ा हुआ देखो (पढ़ने वाले समझ लें)[SCJ.]
16. [SCJ]तो जो यहूदिया में हों वो पहाड़ों पर भाग जाएँ।[SCJ.]
17. [SCJ]जो छत पर हो वो अपने घर का माल लेने को नीचे न उतरे।[SCJ.]
18. [SCJ]और जो खेत में हो वो अपना कपड़ा लेने को पीछे न लौटे।”[SCJ.] [PE]
19. [PS] [SCJ]“मगर अफ़सोस उन पर जो उन दिनों में हामिला हों और जो दूध पिलाती हों।[SCJ.]
20. [SCJ]पस, दुआ करो कि तुम को जाड़ों में या सबत के दिन भागना न पड़े।[SCJ.]
21. [SCJ]क्यूँकि उस वक़्त ऐसी बड़ी मुसीबत होगी कि दुनिया के शुरू से न अब तक हुई न कभी होगी।[SCJ.]
22. [SCJ]अगर वो दिन घटाए न जाते तो कोई बशर न बचता मगर चुने हुवों की ख़ातिर वो दिन घटाए जाएँगे।[SCJ.]
23. [SCJ]उस वक़्त अगर कोई तुम को कहे, देखो, मसीह ‘यहाँ है’ या ‘वह वहाँ है’ तो यक़ीन न करना।”[SCJ.] [PE]
24. [PS] [SCJ]“क्यूँकि झूठे मसीह और झूठे नबी उठ खड़े होंगे और ऐसे बड़े निशान और अजीब काम दिखाएँगे कि अगर मुम्किन हो तो बरगुज़ीदों को भी गुमराह कर लें।[SCJ.]
25. [SCJ]देखो, मैं ने पहले ही तुम को कह दिया है।[SCJ.]
26. [SCJ]पस अगर वो तुम से कहें, देखो, वो वीरानों में है तो बाहर न जाना। या देखो, कोठरियों में है तो यक़ीन न करना।”[SCJ.] [PE]
27. [PS] [SCJ]“क्यूँकि जैसे बिजली पूरब से कौंध कर पच्छिम तक दिखाई देती है वैसे ही इबने आदम का आना होगा।[SCJ.]
28. [SCJ]जहाँ मुर्दार है, वहाँ गिद्ध जमा हो जाएँगे।”[SCJ.] [PE]
29. [PS] [SCJ]“फ़ौरन इन दिनों की मुसीबत के बाद सूरज तारीक हो जाएगा। और चाँद अपनी रौशनी न देगा, और सितारे आसमान से गिरेंगे और आस्मान की क़ुव्वतें हिलाई जाएँगी।[SCJ.]
30. [SCJ]और उस वक़्त इब्न — ए — आदम का निशान आस्मान पर दिखाई देगा। और उस वक़्त ज़मीन की सब क़ौमें छाती पीटेंगी; और इबने आदम को बड़ी क़ुदरत और जलाल के साथ आसमान के बादलों पर आते देखेंगी।[SCJ.]
31. [SCJ]और वो नरसिंगे की बड़ी आवाज़ के साथ अपने फ़रिश्तों को भेजेगा और वो उसके चुने हुवों को चारों तरफ़ से आसमान के इस किनारे से उस किनारे तक जमा करेंगे।”[SCJ.] [PE]
32. [PS] [SCJ]“अब अंजीर के दरख़्त से एक मिसाल सीखो, जैसे ही उसकी डाली नर्म होती और पत्ते निकलते हैं तुम जान लेते हो कि गर्मी नज़दीक है।[SCJ.]
33. [SCJ]इसी तरह जब तुम इन सब बातों को देखो, तो जान लो कि वो नज़दीक बल्कि दरवाज़े पर है।[SCJ.]
34. [SCJ]मैं तुम से सच कहता हूँ कि जब तक ये सब बातें न हो लें ये नस्ल हरगिज़ तमाम न होगी।[SCJ.]
35. [SCJ]आसमान और ज़मीन टल जाएँगी लेकिन मेरी बातें हरगिज़ न टलेंगी।”[SCJ.] [PE]
36. [PS] [SCJ]“लेकिन उस दिन और उस वक़्त के बारे में कोई नहीं जानता, न आसमान के फ़रिश्ते न बेटा मगर, सिर्फ़ बाप।[SCJ.]
37. [SCJ]जैसा नूह के दिनों में हुआ वैसा ही इबने आदम के आने के वक़्त होगा।[SCJ.]
38. [SCJ]क्यूँकि जिस तरह तूफ़ान से पहले के दिनों में लोग खाते पीते और ब्याह शादी करते थे, उस दिन तक कि नूह नाव में दाख़िल हुआ।[SCJ.]
39. [SCJ]और जब तक तूफ़ान आकर उन सब को बहा न ले गया, उन को ख़बर न हुई, उसी तरह इबने आदम का आना होगा।[SCJ.]
40. [SCJ]उस वक़्त दो आदमी खेत में होंगे, एक ले लिया जाएगा, और दूसरा छोड़ दिया जाएगा,[SCJ.]
41. [SCJ]दो औरतें चक्की पीसती होंगी, एक ले ली जाएगी और दूसरी छोड़ दी जाएगी।[SCJ.]
42. [SCJ]पस जागते रहो, क्यूँकि तुम नहीं जानते कि तुम्हारा ख़ुदावन्द किस दिन आएगा[SCJ.]
43. [SCJ]लेकिन ये जान रख्खो, कि अगर घर के मालिक को मा'लूम होता कि चोर रात के कौन से पहर आएगा, तो जागता रहता और अपने घर में नक़ब न लगाने देता।[SCJ.]
44. [SCJ]इसलिए तुम भी तैयार रहो, क्यूँकि जिस घड़ी तुम को गुमान भी न होगा इबने आदम आ जाएगा।”[SCJ.] [PE]
45. [PS] [SCJ]“पस वो ईमानदार और अक़्लमन्द नौकर कौन सा है, जिसे मालिक ने अपने नौकर चाकरों पर मुक़र्रर किया ताकि वक़्त पर उनको खाना दे।[SCJ.]
46. [SCJ]मुबारिक़ है वो नौकर जिसे उस का मालिक आकर ऐसा ही करते पाए।[SCJ.]
47. [SCJ]मैं तुम से सच कहता हूँ, कि वो उसे अपने सारे माल का मुख़्तार कर देगा।[SCJ.]
48. [SCJ]लेकिन अगर वो ख़राब नौकर अपने दिल में ये कह कर कि मेरे मालिक के आने में देर है।[SCJ.]
49. [SCJ]अपने हमख़िदमतों को मारना शुरू करे, और शराबियों के साथ खाए पिए।[SCJ.]
50. [SCJ]तो उस नौकर का मालिक ऐसे दिन कि वो उसकी राह न देखता हो और ऐसी घड़ी कि वो न जानता हो आ मौजूद होगा।[SCJ.]
51. [SCJ]और ख़ूब कोड़े लगा कर उसको रियाकारों में शामिल करेगा वहाँ रोना और दाँत पीसना होगा।”[SCJ.] [PE]
Total 28 ابواب, Selected باب 24 / 28
1 {येसु का आने वाले कल के बारे में बताना } और ईसा हैकल से निकल कर जा रहा था, कि उसके शागिर्द उसके पास आए, ताकि उसे हैकल की इमारतें दिखाएँ। 2 उसने जवाब में उनसे कहा, “क्या तुम इन सब चीज़ों को नहीं देखते? मैं तुम से सच कहता हूँ, कि यहाँ किसी पत्थर पर पत्थर बाक़ी न रहेगा; जो गिराया न जाएगा।” 3 जब वो ज़ैतून के पहाड़ पर बैठा था, उसके शागिर्दों ने अलग उसके पास आकर कहा, “हम को बता ये बातें कब होंगी? और तेरे आने और दुनिया के आख़िर होने का निशान क्या होगा?” 4 ईसा' ने जवाब में उनसे कहा, “ख़बरदार! कोई तुम को गुमराह न कर दे, 5 क्यूँकि बहुत से मेरे नाम से आएँगे और कहेंगे, ‘मैं मसीह हूँ।’ और बहुत से लोगों को गुमराह करेंगे। 6 और तुम लड़ाइयाँ और लड़ाइयों की अफ़वाह सुनोगे, ख़बरदार, घबरा न जाना, क्यूँकि इन बातों का वाक़े होना ज़रूर है। 7 क्यूँकि क़ौम पर क़ौम और सल्तनत पर सल्तनत चढ़ाई करेगी, और जगह — जगह काल पड़ेंगे, और भुन्चाल आएँगे। 8 लेकिन ये सब बातें मुसीबतों का शुरू ही होंगी। 9 उस वक़्त लोग तुम को तकलीफ़ देने के लिए पकड़वाएँगे, और तुम को क़त्ल करेंगे; और मेरे नाम की ख़ातिर सब क़ौमें तुम से दुश्मनी रख्खेंगी। 10 और उस वक़्त बहुत से ठोकर खाएँगे, और एक दूसरे को पकड़वाएँगे; और एक दूसरे से दुश्मनी रख्खेंगे। 11 और बहुत से झूठे नबी उठ खड़े होंगे, और बहुतों को गुमराह करेंगे। 12 और बेदीनी के बढ़ जाने से बहुतेरों की मुहब्बत ठन्डी पड़ जाएगी। 13 लेकिन जो आख़िर तक बर्दाश्त करेगा वो नजात पाएगा। 14 और बादशाही की इस ख़ुशख़बरी का एलान तमाम दुनिया में होगा, ताकि सब क़ौमों के लिए गवाही हो, तब ख़ातिमा होगा।” 15 “पस जब तुम उस उजाड़ने वाली मकरूह चीज़ जिसका ज़िक्र दानीएल नबी की ज़रिए हुआ, मुक़द्दस मुक़ामों में खड़ा हुआ देखो (पढ़ने वाले समझ लें) 16 तो जो यहूदिया में हों वो पहाड़ों पर भाग जाएँ। 17 जो छत पर हो वो अपने घर का माल लेने को नीचे न उतरे। 18 और जो खेत में हो वो अपना कपड़ा लेने को पीछे न लौटे।” 19 “मगर अफ़सोस उन पर जो उन दिनों में हामिला हों और जो दूध पिलाती हों। 20 पस, दुआ करो कि तुम को जाड़ों में या सबत के दिन भागना न पड़े। 21 क्यूँकि उस वक़्त ऐसी बड़ी मुसीबत होगी कि दुनिया के शुरू से न अब तक हुई न कभी होगी। 22 अगर वो दिन घटाए न जाते तो कोई बशर न बचता मगर चुने हुवों की ख़ातिर वो दिन घटाए जाएँगे। 23 उस वक़्त अगर कोई तुम को कहे, देखो, मसीह ‘यहाँ है’ या ‘वह वहाँ है’ तो यक़ीन न करना।” 24 “क्यूँकि झूठे मसीह और झूठे नबी उठ खड़े होंगे और ऐसे बड़े निशान और अजीब काम दिखाएँगे कि अगर मुम्किन हो तो बरगुज़ीदों को भी गुमराह कर लें। 25 देखो, मैं ने पहले ही तुम को कह दिया है। 26 पस अगर वो तुम से कहें, देखो, वो वीरानों में है तो बाहर न जाना। या देखो, कोठरियों में है तो यक़ीन न करना।” 27 “क्यूँकि जैसे बिजली पूरब से कौंध कर पच्छिम तक दिखाई देती है वैसे ही इबने आदम का आना होगा। 28 जहाँ मुर्दार है, वहाँ गिद्ध जमा हो जाएँगे।” 29 “फ़ौरन इन दिनों की मुसीबत के बाद सूरज तारीक हो जाएगा। और चाँद अपनी रौशनी न देगा, और सितारे आसमान से गिरेंगे और आस्मान की क़ुव्वतें हिलाई जाएँगी। 30 और उस वक़्त इब्न — ए — आदम का निशान आस्मान पर दिखाई देगा। और उस वक़्त ज़मीन की सब क़ौमें छाती पीटेंगी; और इबने आदम को बड़ी क़ुदरत और जलाल के साथ आसमान के बादलों पर आते देखेंगी। 31 और वो नरसिंगे की बड़ी आवाज़ के साथ अपने फ़रिश्तों को भेजेगा और वो उसके चुने हुवों को चारों तरफ़ से आसमान के इस किनारे से उस किनारे तक जमा करेंगे।” 32 “अब अंजीर के दरख़्त से एक मिसाल सीखो, जैसे ही उसकी डाली नर्म होती और पत्ते निकलते हैं तुम जान लेते हो कि गर्मी नज़दीक है। 33 इसी तरह जब तुम इन सब बातों को देखो, तो जान लो कि वो नज़दीक बल्कि दरवाज़े पर है। 34 मैं तुम से सच कहता हूँ कि जब तक ये सब बातें न हो लें ये नस्ल हरगिज़ तमाम न होगी। 35 आसमान और ज़मीन टल जाएँगी लेकिन मेरी बातें हरगिज़ न टलेंगी।” 36 “लेकिन उस दिन और उस वक़्त के बारे में कोई नहीं जानता, न आसमान के फ़रिश्ते न बेटा मगर, सिर्फ़ बाप। 37 जैसा नूह के दिनों में हुआ वैसा ही इबने आदम के आने के वक़्त होगा। 38 क्यूँकि जिस तरह तूफ़ान से पहले के दिनों में लोग खाते पीते और ब्याह शादी करते थे, उस दिन तक कि नूह नाव में दाख़िल हुआ। 39 और जब तक तूफ़ान आकर उन सब को बहा न ले गया, उन को ख़बर न हुई, उसी तरह इबने आदम का आना होगा। 40 उस वक़्त दो आदमी खेत में होंगे, एक ले लिया जाएगा, और दूसरा छोड़ दिया जाएगा, 41 दो औरतें चक्की पीसती होंगी, एक ले ली जाएगी और दूसरी छोड़ दी जाएगी। 42 पस जागते रहो, क्यूँकि तुम नहीं जानते कि तुम्हारा ख़ुदावन्द किस दिन आएगा 43 लेकिन ये जान रख्खो, कि अगर घर के मालिक को मा'लूम होता कि चोर रात के कौन से पहर आएगा, तो जागता रहता और अपने घर में नक़ब न लगाने देता। 44 इसलिए तुम भी तैयार रहो, क्यूँकि जिस घड़ी तुम को गुमान भी न होगा इबने आदम आ जाएगा।” 45 “पस वो ईमानदार और अक़्लमन्द नौकर कौन सा है, जिसे मालिक ने अपने नौकर चाकरों पर मुक़र्रर किया ताकि वक़्त पर उनको खाना दे। 46 मुबारिक़ है वो नौकर जिसे उस का मालिक आकर ऐसा ही करते पाए। 47 मैं तुम से सच कहता हूँ, कि वो उसे अपने सारे माल का मुख़्तार कर देगा। 48 लेकिन अगर वो ख़राब नौकर अपने दिल में ये कह कर कि मेरे मालिक के आने में देर है। 49 अपने हमख़िदमतों को मारना शुरू करे, और शराबियों के साथ खाए पिए। 50 तो उस नौकर का मालिक ऐसे दिन कि वो उसकी राह न देखता हो और ऐसी घड़ी कि वो न जानता हो आ मौजूद होगा। 51 और ख़ूब कोड़े लगा कर उसको रियाकारों में शामिल करेगा वहाँ रोना और दाँत पीसना होगा।”
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