انجیل مقدس

خدا کا فضل تحفہ
1. {मजूसियों की आमद } [PS]जब ईसा हेरोदेस बादशाह के ज़माने में यहूदिया के बैत — लहम में पैदा हुआ। तो देखो कई मजूसी पूरब से येरूशलेम में ये कहते हुए आए।
2. “यहूदियों का बादशाह जो पैदा हुआ है, वो कहाँ है? क्यूँकि पूरब में उस का सितारा देखकर हम उसे सज्दा करने आए हैं।”
3. यह सुन कर हेरोदेस बादशाह और उस के साथ येरूशलेम के सब लोग घबरा गए।
4. और उस ने क़ौम के सब सरदार काहिनों और आलिमों को जमा करके उन से पूछा, “मसीह की पैदाइश कहाँ होनी चाहिए?”
5. उन्हों ने उस से कहा, यहूदिया के बैत-लहम में, क्यूँकि नबी के ज़रिए यूँ लिखा गया है कि, [PE]
6. [PS]“ऐ बैत-लहम, यहूदिया के 'इलाक़े तू यहूदाह के हाकिमों में हरगिज़ सब से छोटा नहीं। क्यूँकि तुझ में से एक सरदार निकलेगा जो मेरी क़ौम इस्राईल की निगहबानी करेगा।”
7. इस पर हेरोदेस ने मजूसियों को चुपके से बुला कर उन से मालूम किया कि वह सितारा किस वक़्त दिखाई दिया था।
8. और उन्हें ये कह कर “बैतलहम भेजा कि जा कर उस बच्चे के बारे में ठीक — ठीक मालूम करो और जब वो मिले तो मुझे ख़बर दो ताकि मैं भी आ कर उसे सिज्दा करूँ।”
9. वो बादशाह की बात सुनकर रवाना हुए और देखो, जो सितारा उन्होंने पूरब में देखा था; वो उनके आगे — आगे चला; यहाँ तक कि उस जगह के ऊपर जाकर ठहर गया जहाँ वो बच्चा था।
10. वो सितारे को देख कर निहायत ख़ुश हुए।
11. और उस घर में पहुँचकर बच्चे को उस की माँ मरियम के पास देखा; और उसके आगे गिर कर सिज्दा किया। और अपने डिब्बे खोल कर सोना, और लुबान और मुर उसको नज़्र किया।
12. और हेरोदेस के पास फिर न जाने की हिदायत ख़्वाब में पाकर दूसरी राह से अपने मुल्क को रवाना हुए। [PE]
13. {मिस्र के मुल्क को जाना } [PS]जब वो रवाना हो गए तो देखो ख़ुदावन्द के फ़रिश्ते ने यूसुफ़ को ख़्वाब में दिखाई देकर कहा, “उठ बच्चे और उस की माँ को साथ लेकर मिस्र को भाग जा: और जब तक कि मैं तुझ से न कहूँ वहीं रहना; क्यूँकि हेरोदेस इस बच्चे को तलाश करने को है, ताकि इसे हलाक करे।”
14. पस वो उठा और रात के वक़्त बच्चे और उस की माँ को साथ ले कर मिस्र के लिए रवाना हो गया।
15. और हेरोदेस के मरने तक वहीं रहा ताकि जो ख़ुदावन्द ने नबी के ज़रिए कहा था, वो पूरा हो “कि मिस्र से मैंने अपने बेटे को बुलाया।” [PE]
16. [PS]जब हेरोदेस ने देखा कि मजूसियों ने मेरे साथ हँसी की तो निहायत ग़ुस्सा हुआ और आदमी भेजकर बैतलहम और उसकी सब सरहदों के अन्दर के उन सब लड़कों को क़त्ल करवा दिया जो दो — दो बरस के या इस से छोटे थे, उस वक़्त के हिसाब से जो उसने मजूसियों से तहक़ीक़ की थी।
17. उस वक़्त वो बात पूरी हुई जो यर्मियाह नबी के ज़रिए कही गई थी।
18. “रामा में आवाज़ सुनाई दी, रोना और बड़ा मातम। राख़िल अपने बच्चे को रो रही है और तसल्ली क़बूल नहीं करती, इसलिए कि वो नहीं हैं।” [PE]
19. {मिस्र से वापसी } [PS]जब हेरोदेस मर गया, तो देखो ख़ुदावन्द के फ़रिश्ते ने मिस्र में यूसुफ़ को ख़्वाब में दिखाई देकर कहा कि।
20. उठ इस बच्चे और इसकी माँ को लेकर इस्राईल के मुल्क में चला जा, क्यूँकि जो बच्चे की जान लेने वाले थे वो मर गए
21. पस वो उठा और बच्चे और उस की माँ को ले कर मुल्क — ए — इस्राईल में लौट आया।
22. मगर जब सुना कि अर्ख़िलाउस अपने बाप हेरोदेस की जगह यहूदिया में बादशाही करता है तो वहाँ जाने से डरा, और ख़्वाब में हिदायत पाकर गलील के 'इलाक़े को रवाना हो गया।
23. और नासरत नाम एक शहर में जा बसा, ताकि जो नबियों की मारिफ़त कहा गया था वो पूरा हो, “वह नासरी कहलाएगा।” [PE]
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1 {मजूसियों की आमद } जब ईसा हेरोदेस बादशाह के ज़माने में यहूदिया के बैत — लहम में पैदा हुआ। तो देखो कई मजूसी पूरब से येरूशलेम में ये कहते हुए आए। 2 “यहूदियों का बादशाह जो पैदा हुआ है, वो कहाँ है? क्यूँकि पूरब में उस का सितारा देखकर हम उसे सज्दा करने आए हैं।” 3 यह सुन कर हेरोदेस बादशाह और उस के साथ येरूशलेम के सब लोग घबरा गए। 4 और उस ने क़ौम के सब सरदार काहिनों और आलिमों को जमा करके उन से पूछा, “मसीह की पैदाइश कहाँ होनी चाहिए?” 5 उन्हों ने उस से कहा, यहूदिया के बैत-लहम में, क्यूँकि नबी के ज़रिए यूँ लिखा गया है कि, 6 “ऐ बैत-लहम, यहूदिया के 'इलाक़े तू यहूदाह के हाकिमों में हरगिज़ सब से छोटा नहीं। क्यूँकि तुझ में से एक सरदार निकलेगा जो मेरी क़ौम इस्राईल की निगहबानी करेगा।” 7 इस पर हेरोदेस ने मजूसियों को चुपके से बुला कर उन से मालूम किया कि वह सितारा किस वक़्त दिखाई दिया था। 8 और उन्हें ये कह कर “बैतलहम भेजा कि जा कर उस बच्चे के बारे में ठीक — ठीक मालूम करो और जब वो मिले तो मुझे ख़बर दो ताकि मैं भी आ कर उसे सिज्दा करूँ।” 9 वो बादशाह की बात सुनकर रवाना हुए और देखो, जो सितारा उन्होंने पूरब में देखा था; वो उनके आगे — आगे चला; यहाँ तक कि उस जगह के ऊपर जाकर ठहर गया जहाँ वो बच्चा था। 10 वो सितारे को देख कर निहायत ख़ुश हुए। 11 और उस घर में पहुँचकर बच्चे को उस की माँ मरियम के पास देखा; और उसके आगे गिर कर सिज्दा किया। और अपने डिब्बे खोल कर सोना, और लुबान और मुर उसको नज़्र किया। 12 और हेरोदेस के पास फिर न जाने की हिदायत ख़्वाब में पाकर दूसरी राह से अपने मुल्क को रवाना हुए। 13 {मिस्र के मुल्क को जाना } जब वो रवाना हो गए तो देखो ख़ुदावन्द के फ़रिश्ते ने यूसुफ़ को ख़्वाब में दिखाई देकर कहा, “उठ बच्चे और उस की माँ को साथ लेकर मिस्र को भाग जा: और जब तक कि मैं तुझ से न कहूँ वहीं रहना; क्यूँकि हेरोदेस इस बच्चे को तलाश करने को है, ताकि इसे हलाक करे।” 14 पस वो उठा और रात के वक़्त बच्चे और उस की माँ को साथ ले कर मिस्र के लिए रवाना हो गया। 15 और हेरोदेस के मरने तक वहीं रहा ताकि जो ख़ुदावन्द ने नबी के ज़रिए कहा था, वो पूरा हो “कि मिस्र से मैंने अपने बेटे को बुलाया।” 16 जब हेरोदेस ने देखा कि मजूसियों ने मेरे साथ हँसी की तो निहायत ग़ुस्सा हुआ और आदमी भेजकर बैतलहम और उसकी सब सरहदों के अन्दर के उन सब लड़कों को क़त्ल करवा दिया जो दो — दो बरस के या इस से छोटे थे, उस वक़्त के हिसाब से जो उसने मजूसियों से तहक़ीक़ की थी। 17 उस वक़्त वो बात पूरी हुई जो यर्मियाह नबी के ज़रिए कही गई थी। 18 “रामा में आवाज़ सुनाई दी, रोना और बड़ा मातम। राख़िल अपने बच्चे को रो रही है और तसल्ली क़बूल नहीं करती, इसलिए कि वो नहीं हैं।” 19 {मिस्र से वापसी } जब हेरोदेस मर गया, तो देखो ख़ुदावन्द के फ़रिश्ते ने मिस्र में यूसुफ़ को ख़्वाब में दिखाई देकर कहा कि। 20 उठ इस बच्चे और इसकी माँ को लेकर इस्राईल के मुल्क में चला जा, क्यूँकि जो बच्चे की जान लेने वाले थे वो मर गए 21 पस वो उठा और बच्चे और उस की माँ को ले कर मुल्क — ए — इस्राईल में लौट आया। 22 मगर जब सुना कि अर्ख़िलाउस अपने बाप हेरोदेस की जगह यहूदिया में बादशाही करता है तो वहाँ जाने से डरा, और ख़्वाब में हिदायत पाकर गलील के 'इलाक़े को रवाना हो गया। 23 और नासरत नाम एक शहर में जा बसा, ताकि जो नबियों की मारिफ़त कहा गया था वो पूरा हो, “वह नासरी कहलाएगा।”
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