انجیل مقدس

خدا کا فضل تحفہ
1. जब सबत का दिन गुज़र गया तो मरियम मग़दलिनी और या'क़ूब की माँ मरियम और सलोमी ने ख़ुशबूदार चीज़ें मोल लीं ताकि आकर उस पर मलें।
2. वो हफ़्ते के पहले दिन बहुत सवेरे जब सूरज निकला ही था क़ब्र पर आईं।
3. और आपस में कहती थी “हमारे लिए पत्थर को क़ब्र के मुँह पर से कौन लुढ़काएगा?”
4. जब उन्हों ने निगाह की तो देखा कि पत्थर लुढ़का हुआ है क्यूँकि वो बहुत ही बड़ा था।
5. क़ब्र के अन्दर जाकर उन्हों ने एक जवान को सफ़ेद जामा पहने हुए दहनी तरफ़ बैठे देखा और निहायत हैरान हुईं।
6. उसने उनसे कहा ऐसी हैरान न हो तुम ईसा नासरी को “जो मस्लूब हुआ था तलाश रही हो; जी उठा है वो यहाँ नहीं है देखो ये वो जगह है जहाँ उन्होंने उसे रख्खा था।
7. लेकिन तुम जाकर उसके शागिर्दों और पतरस से कहो कि वो तुम से पहले गलील को जाएगा तुम वहीं उसको देखोगे जैसा उसने तुम से कहा।”
8. और वो निकल कर क़ब्र से भागीं क्यूँकि कपकपी और हैबत उन पर ग़ालिब आ गई थी और उन्होंने किसी से कुछ न कहा क्यूँकि वो डरती थीं। [PE][PS]
9. हफ़्ते के पहले दिन जब वो सवेरे जी उठा तो पहले मरियम मग़दलिनी को जिस में से उसने सात बदरूहें निकाली थीं दिखाई दिया।
10. उसने जाकर उसके शागिर्दो को जो मातम करते और रोते थे ख़बर दी।
11. उन्होंने ये सुनकर कि वो जी उठा है और उसने उसे देखा है यक़ीन न किया। [PE][PS]
12. इसके बाद वो दूसरी सूरत में उन में से दो को जब वो देहात की तरफ़ जा रहे थे दिखाई दिया।
13. उन्होंने भी जाकर बाक़ी लोगों को ख़बर दी; मगर उन्होंने उन का भी यक़ीन न किया। [PE][PS]
14. फिर वो उन गयारह शागिर्दों को भी जब खाना खाने बैठे थे दिखाई दिया और उसने उनकी बे'ऐ'तिक़ादी और सख़्त दिली पर उनको मलामत की क्यूँकि जिन्हों ने उसके जी उठने के बाद उसे देखा था उन्होंने उसका यक़ीन न किया था।
15. और उसने उनसे कहा, “तुम सारी दुनियाँ में जाकर सारी मख़लूक़ के सामने इन्जील की मनादी करो।
16. जो ईमान लाए और बपतिस्मा ले वो नजात पाएगा और जो ईमान न लाए वो मुजरिम ठहराया जाएगा।
17. और ईमान लाने वालों के दर्मियान ये मोजिज़े होंगे वो मेरे नाम से बदरूहों को निकालेंगे; नई नई ज़बाने बोलेंगे।
18. साँपों को उठा लेंगे और अगर कोई हलाक करने वाली चीज़ पीएँगे तो उन्हें कुछ तकलीफ़ न पहुँचेगी वो बीमारों पर हाथ रखेंगे तो अच्छे हो जाएँगे।” [PE][PS]
19. ग़रज़ ख़ुदावन्द उनसे कलाम करने के बाद आसमान पर उठाया गया और ख़ुदा की दहनी तरफ़ बैठ गया।
20. फिर उन्होंने निकल कर हर जगह मनादी की और ख़ुदावन्द उनके साथ काम करता रहा और कलाम को उन मोजिज़ों के वसीले से जो साथ साथ होते थे साबित करता रहा; आमीन। [PE]

Notes

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مرقس 16:40
1. जब सबत का दिन गुज़र गया तो मरियम मग़दलिनी और या'क़ूब की माँ मरियम और सलोमी ने ख़ुशबूदार चीज़ें मोल लीं ताकि आकर उस पर मलें।
2. वो हफ़्ते के पहले दिन बहुत सवेरे जब सूरज निकला ही था क़ब्र पर आईं।
3. और आपस में कहती थी “हमारे लिए पत्थर को क़ब्र के मुँह पर से कौन लुढ़काएगा?”
4. जब उन्हों ने निगाह की तो देखा कि पत्थर लुढ़का हुआ है क्यूँकि वो बहुत ही बड़ा था।
5. क़ब्र के अन्दर जाकर उन्हों ने एक जवान को सफ़ेद जामा पहने हुए दहनी तरफ़ बैठे देखा और निहायत हैरान हुईं।
6. उसने उनसे कहा ऐसी हैरान हो तुम ईसा नासरी को “जो मस्लूब हुआ था तलाश रही हो; जी उठा है वो यहाँ नहीं है देखो ये वो जगह है जहाँ उन्होंने उसे रख्खा था।
7. लेकिन तुम जाकर उसके शागिर्दों और पतरस से कहो कि वो तुम से पहले गलील को जाएगा तुम वहीं उसको देखोगे जैसा उसने तुम से कहा।”
8. और वो निकल कर क़ब्र से भागीं क्यूँकि कपकपी और हैबत उन पर ग़ालिब गई थी और उन्होंने किसी से कुछ कहा क्यूँकि वो डरती थीं। PEPS
9. हफ़्ते के पहले दिन जब वो सवेरे जी उठा तो पहले मरियम मग़दलिनी को जिस में से उसने सात बदरूहें निकाली थीं दिखाई दिया।
10. उसने जाकर उसके शागिर्दो को जो मातम करते और रोते थे ख़बर दी।
11. उन्होंने ये सुनकर कि वो जी उठा है और उसने उसे देखा है यक़ीन किया। PEPS
12. इसके बाद वो दूसरी सूरत में उन में से दो को जब वो देहात की तरफ़ जा रहे थे दिखाई दिया।
13. उन्होंने भी जाकर बाक़ी लोगों को ख़बर दी; मगर उन्होंने उन का भी यक़ीन किया। PEPS
14. फिर वो उन गयारह शागिर्दों को भी जब खाना खाने बैठे थे दिखाई दिया और उसने उनकी बे'ऐ'तिक़ादी और सख़्त दिली पर उनको मलामत की क्यूँकि जिन्हों ने उसके जी उठने के बाद उसे देखा था उन्होंने उसका यक़ीन किया था।
15. और उसने उनसे कहा, “तुम सारी दुनियाँ में जाकर सारी मख़लूक़ के सामने इन्जील की मनादी करो।
16. जो ईमान लाए और बपतिस्मा ले वो नजात पाएगा और जो ईमान लाए वो मुजरिम ठहराया जाएगा।
17. और ईमान लाने वालों के दर्मियान ये मोजिज़े होंगे वो मेरे नाम से बदरूहों को निकालेंगे; नई नई ज़बाने बोलेंगे।
18. साँपों को उठा लेंगे और अगर कोई हलाक करने वाली चीज़ पीएँगे तो उन्हें कुछ तकलीफ़ पहुँचेगी वो बीमारों पर हाथ रखेंगे तो अच्छे हो जाएँगे।” PEPS
19. ग़रज़ ख़ुदावन्द उनसे कलाम करने के बाद आसमान पर उठाया गया और ख़ुदा की दहनी तरफ़ बैठ गया।
20. फिर उन्होंने निकल कर हर जगह मनादी की और ख़ुदावन्द उनके साथ काम करता रहा और कलाम को उन मोजिज़ों के वसीले से जो साथ साथ होते थे साबित करता रहा; आमीन। PE
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