4. “तुम में से कौन है जिसकी सौ भेड़ें हों, और उनमें से एक गुम हो जाए तो निनानवें को जंगल में छोड़कर उस खोई हुई को जब तक मिल न जाए ढूँडता न रहेगा?
|
6. और घर पहुँचकर दोस्तों और पड़ोसियों को बुलाता और कहता है, 'मेरे साथ ख़ुशी करो, क्यूँकि मेरी खोई हुई भेड़ मिल गई।
|
7. मैं तुम से कहता हूँ कि इसी तरह निनानवें, रास्तबाज़ों की निस्बत जो तौबा की हाजत नहीं रखते, एक तौबा करने वाले गुनहगार के बा'इस आसमान पर ज़्यादा ख़ुशी होगी।” PEPS
|
8. “या कौन ऐसी “औरत है जिसके पास दस दिरहम हों और एक खो जाए तो वो चराग़ जलाकर घर में झाडू न दे, और जब तक मिल न जाए कोशिश से ढूँडती न रहे।
|
9. और जब मिल जाए तो अपनी दोस्तों और पड़ोसियों को बुलाकर न कहे, 'मेरे साथ ख़ुशी करो, क्यूँकि 'मेरा खोया हुआ दिरहम मिल गया।
|
10. मैं तुम से कहता हूँ कि इसी तरह एक तौबा करनेवाला गुनाहगार के बारे में ख़ुदा के फ़रिश्तों के सामने ख़ुशी होती है।” PEPS
|
12. उनमें से छोटे ने बाप से कहा, 'ऐ बाप! माल का जो हिस्सा मुझ को पहुँचता है मुझे दे दे। उसने अपना माल — ओ — अस्बाब उन्हें बाँट दिया।
|
13. और बहुत दिन न गुज़रे कि छोटा बेटा अपना सब कुछ जमा करके दूर दराज़ मुल्क को रवाना हुआ, और वहाँ अपना माल बदचलनी में उड़ा दिया।
|
15. फिर उस मुल्क के एक बाशिन्दे के वहाँ जा पड़ा। उसने उसको अपने खेत में खिंजीर यनी सूअवर चराने भेजा।
|
16. और उसे आरज़ू थी कि जो फलियाँ खिंजीर यनी सूअवर खाते थे उन्हीं से अपना पेट भरे, मगर कोई उसे न देता था।
|
17. फिर उसने होश में आकर कहा, 'मेरे बाप के बहुत से मज़दूरों को इफ़रात से रोटी मिलती है, और मैं यहाँ भूखा मर रहा हूँ।
|
18. मैं उठकर अपने बाप के पास जाऊँगा और उससे कहूँगा, 'ऐ बाप! मैं आसमान का और तेरी नज़र में गुनहगार हुआ।
|
20. “पस वो उठकर अपने बाप के पास चला। वो अभी दूर ही था कि उसे देखकर उसके बाप को तरस आया, और दौड़कर उसको गले लगा लिया और चूमा।
|
21. बेटे ने उससे कहा, 'ऐ बाप! मैं आसमान का और तेरी नज़र मैं गुनहगार हुआ। अब इस लायक़ नहीं रहा कि फिर तेरा बेटा कहलाऊँ।
|
22. बाप ने अपने नौकरों से कहा, 'अच्छे से अच्छा लिबास जल्द निकाल कर उसे पहनाओ और उसके हाथ में अँगूठी और पैरों में जूती पहनाओ;
|
24. क्यूँकि मेरा ये बेटा मुर्दा था, अब ज़िन्दा हुआ; खो गया था, अब मिला है। पस वो ख़ुशी मनाने लगे।” PEPS
|
25. “लेकिन उसका बड़ा बेटा खेत में था। जब वो आकर घर के नज़दीक पहुँचा, तो गाने बजाने और नाचने की आवाज़ सुनी।
|
27. उसने उससे कहा, 'तेरा भाई आ गया है, और तेरे बाप ने तैयार किया हुआ जानवर ज़बह कराया है, क्यूँकि उसे भला चंगा पाया।
|
29. उसने अपने बाप से जवाब में कहा, 'देख, इतने बरसों से मैं तेरी ख़िदमत करता हूँ और कभी तेरी नाफ़रमानी नहीं की, मगर मुझे तूने कभी एक बकरी का बच्चा भी न दिया कि अपने दोस्तों के साथ ख़ुशी मनाता।
|
30. लेकिन जब तेरा ये बेटा आया जिसने तेरा माल — ओ — अस्बाब कस्बियों में उड़ा दिया, तो उसके लिए तूने तैयार किया हुआ जानवर ज़बह कराया है'।
|
32. लेकिन ख़ुशी मनाना और शादमान होना मुनासिब था, क्यूँकि तेरा ये भाई मुर्दा था अब ज़िन्दा हुआ, खोया था अब मिला है'।” PE
|