انجیل مقدس

خدا کا فضل تحفہ
1. {इफ़्राईम का इफ़्ताह से लड़ना } [PS]तब इफ़्राईम के लोग जमा' होकर उत्तर की तरफ़ गए और इफ़्ताह से कहने लगे कि जब तू बनी 'अम्मून से जंग करने को गया तो हम को साथ चलने को क्यूँ न बुलवाया? इसलिए हम तेरे घर को तुझ समेत जलाएँगे।
2. इफ़्ताह ने उनको जवाब दिया कि मेरा और मेरे लोगों का बड़ा झगड़ा बनी 'अम्मून के साथ हो रहा था, और जब मैंने तुम को बुलवाया तो तुम ने उनके हाथ से मुझे न बचाया।
3. और जब मैंने यह देखा कि तुम मुझे नहीं बचाते, तो मैंने अपनी जान हथेली पर रख्खी और बनी 'अम्मून के मुक़ाबिले को चला, और ख़ुदावन्द ने उनको मेरे क़ब्ज़े में कर दिया; फिर तुम आज के दिन मुझ से लड़ने को मेरे पास क्यूँ चले आए?
4. तब इफ़्ताह सब जिल'आदियों को जमा' करके इफ़्राईमियों से लड़ा, और जिल'आदियों ने इफ़्राईमियों को मार लिया क्यूँकि वह कहते थे कि तुम जिल'आदी इफ़्राईम ही के भगोड़े हो, जो इफ़्राईमियों और मनस्सियों के बीच रहते हो।
5. और जिल'आदियों ने इफ़्राईमियों का रास्ता रोकने के लिए यरदन के घाटों को अपने क़ब्ज़े में कर लिया, और जो भागा हुआ इफ़्राईमी कहता कि मुझे पार जाने दो तो जिल'आदी उससे कहते क्या कि तू इफ़्राइमी है? और अगर वह जवाब देता, “नहीं।”
6. तो वह उससे कहते, शिब्बुलत तो बोल, तो वह “सिब्बुलत” कहता, क्यूँकि उससे उसका सही तलफ़्फ़ुज़ नहीं हो सकता था। तब वह उसे पकड़कर यरदन के घाटों पर कत्ल कर देते थे। इसलिए उस वक़्त बयालीस हज़ार इफ़्राईमी क़त्ल हुए।
7. और इफ़्ताह छ: बरस तक बनी इस्राईल का क़ाज़ी रहा। फिर जिल'आदी इफ़्ताह ने वफ़ात पाई, और जिल'आद के शहरों में से एक में दफ़्न हुआ। [PE]
8. {इबसान इस्राईल का क़ाज़ी हुआ } [PS]उसके बाद बैतलहमी इबसान इस्राईलियों का क़ाज़ी हुआ।
9. उसके तीस बेटे थे; और तीस बेटियाँ उसने बाहर ब्याह दीं, और बाहर से अपने बेटों के लिए तीस बेटियाँ ले आया। वह सात बरस तक इस्राईलियों का क़ाज़ी रहा।
10. और इबसान मर गया और बैतलहम में दफ़्न हुआ। [PE]
11. {ऐलोन इस्राईल का क़ाज़ी हुआ } [PS]और उसके बाद ज़बूलूनी ऐलोन इस्राईल का क़ाज़ी हुआ; और वह दस बरस इस्राईल का क़ाज़ी रहा।
12. और ज़बूलूनी ऐलोन मर गया, और अय्यालोन में जो ज़बूलून के मुल्क में है दफ़्न हुआ। [PE]
13. {'अबदोन इस्राईल का क़ाज़ी हुआ } [PS]इसके बाद फ़िर'अतोनी हिल्लेल का बेटा 'अबदोन इस्राईल का क़ाज़ी हुआ।
14. और उसके चालीस बेटे और तीस पोते थे जो सत्तर जवान गधों पर सवार होते थे; और वह आठ बरस इस्राईलियों का क़ाज़ी रहा।
15. और फ़िर'आतोनी हिल्लेल का बेटा 'अबदोन मर गया, और 'अमालीक़ियों के पहाड़ी 'इलाक़े में, फ़िर'आतोन में जो इफ़्राईम के मुल्क में है दफ़्न हुआ। [PE]
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1 {इफ़्राईम का इफ़्ताह से लड़ना } तब इफ़्राईम के लोग जमा' होकर उत्तर की तरफ़ गए और इफ़्ताह से कहने लगे कि जब तू बनी 'अम्मून से जंग करने को गया तो हम को साथ चलने को क्यूँ न बुलवाया? इसलिए हम तेरे घर को तुझ समेत जलाएँगे। 2 इफ़्ताह ने उनको जवाब दिया कि मेरा और मेरे लोगों का बड़ा झगड़ा बनी 'अम्मून के साथ हो रहा था, और जब मैंने तुम को बुलवाया तो तुम ने उनके हाथ से मुझे न बचाया। 3 और जब मैंने यह देखा कि तुम मुझे नहीं बचाते, तो मैंने अपनी जान हथेली पर रख्खी और बनी 'अम्मून के मुक़ाबिले को चला, और ख़ुदावन्द ने उनको मेरे क़ब्ज़े में कर दिया; फिर तुम आज के दिन मुझ से लड़ने को मेरे पास क्यूँ चले आए? 4 तब इफ़्ताह सब जिल'आदियों को जमा' करके इफ़्राईमियों से लड़ा, और जिल'आदियों ने इफ़्राईमियों को मार लिया क्यूँकि वह कहते थे कि तुम जिल'आदी इफ़्राईम ही के भगोड़े हो, जो इफ़्राईमियों और मनस्सियों के बीच रहते हो। 5 और जिल'आदियों ने इफ़्राईमियों का रास्ता रोकने के लिए यरदन के घाटों को अपने क़ब्ज़े में कर लिया, और जो भागा हुआ इफ़्राईमी कहता कि मुझे पार जाने दो तो जिल'आदी उससे कहते क्या कि तू इफ़्राइमी है? और अगर वह जवाब देता, “नहीं।” 6 तो वह उससे कहते, शिब्बुलत तो बोल, तो वह “सिब्बुलत” कहता, क्यूँकि उससे उसका सही तलफ़्फ़ुज़ नहीं हो सकता था। तब वह उसे पकड़कर यरदन के घाटों पर कत्ल कर देते थे। इसलिए उस वक़्त बयालीस हज़ार इफ़्राईमी क़त्ल हुए। 7 और इफ़्ताह छ: बरस तक बनी इस्राईल का क़ाज़ी रहा। फिर जिल'आदी इफ़्ताह ने वफ़ात पाई, और जिल'आद के शहरों में से एक में दफ़्न हुआ। 8 {इबसान इस्राईल का क़ाज़ी हुआ } उसके बाद बैतलहमी इबसान इस्राईलियों का क़ाज़ी हुआ। 9 उसके तीस बेटे थे; और तीस बेटियाँ उसने बाहर ब्याह दीं, और बाहर से अपने बेटों के लिए तीस बेटियाँ ले आया। वह सात बरस तक इस्राईलियों का क़ाज़ी रहा। 10 और इबसान मर गया और बैतलहम में दफ़्न हुआ। 11 {ऐलोन इस्राईल का क़ाज़ी हुआ } और उसके बाद ज़बूलूनी ऐलोन इस्राईल का क़ाज़ी हुआ; और वह दस बरस इस्राईल का क़ाज़ी रहा। 12 और ज़बूलूनी ऐलोन मर गया, और अय्यालोन में जो ज़बूलून के मुल्क में है दफ़्न हुआ। 13 {'अबदोन इस्राईल का क़ाज़ी हुआ } इसके बाद फ़िर'अतोनी हिल्लेल का बेटा 'अबदोन इस्राईल का क़ाज़ी हुआ। 14 और उसके चालीस बेटे और तीस पोते थे जो सत्तर जवान गधों पर सवार होते थे; और वह आठ बरस इस्राईलियों का क़ाज़ी रहा। 15 और फ़िर'आतोनी हिल्लेल का बेटा 'अबदोन मर गया, और 'अमालीक़ियों के पहाड़ी 'इलाक़े में, फ़िर'आतोन में जो इफ़्राईम के मुल्क में है दफ़्न हुआ।
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