1. और दूसरा पर्चा शमौन के नाम पर बनी शमौन के क़बीले के वास्ते उनके घरानों के मुवाफ़िक़ निकला और उनकी मीरास बनी यहूदाह की मीरास के बीच थी।
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8. और वह सब गाँव भी इनके थे जो इन शहरों के आस पास बा'लात बैर या'नी दख्खिन के रामा तक हैं, बनी शमौन के क़बीले की मीरास उनके घरानों के मुताबिक़ यह ठहरी।
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9. बनी यहूदाह की मिल्कियत में से बनी शमौन की मीरास ली गयी क्यूँकि बनी यहूदाह का हिस्सा उनके वास्ते बहुत ज़्यादा था, इसलिए बनी शमौन को उनकी मीरास के बीच मीरास मिली। ज़बूलून को दिए गए ईलाके PEPS
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11. और उनकी हद पश्चिम की तरफ़ मर'अला होती हुई दब्बासत तक गयी, और उस नदी से जो यक़'नियाम के आगे है जा मिली।
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12. और सारीद से पूरब की तरफ़ मुड़ कर वह किसलोत तबूर की सरहद को गई और वहाँ से दबरत होती हुई यफ़ी'को जा निकली।
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13. और वहाँ से पूरब की तरफ़ जित्ता हीफ़्र और इत्ता क़ाज़ीन से गुज़रती हुई रिम्मोन को गयी, जो नी'आ तक फैला हुआ है।
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16. यह सब शहर और इनके गाँव बनी ज़बूलून के घरानों के मुवाफ़िक़ उनकी मीरास है। इश्कार को दिए गए ईलाके PEPS
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22. और वह हद तबूर और शख़सीमाह और बैत शम्स से जा मिली और उनकी हद का ख़ातिमा यरदन पर हुआ, यह सोलह शहर थे और इनके गाँव भी थे।
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26. और अलम्मलक और 'अमाद और मिसाल उनकी हद ठहरे और पश्चिम की तरफ़ वह कर्मिल और सैहूर लिबनात तक पहुँची।
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27. औ़र वह पूरब की तरफ़ मुड़ कर बैत द्जून को गयी और फिर ज़बूलून तक और वादी — ए — इफ़ताहएल के उत्तर से होकर बैत उल 'अमक़ और नग़ीएल तक पहुँची और फिर कबूल के बाएँ को गयी।
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29. फिर वह हद रामा सूर के फ़सील दार शहर की तरफ़ को झुकी और वहाँ से मुड़ कर हूसा तक गयी और उसका ख़ातिमा अकज़ीब की नवाही के समन्दर पर हुआ।
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31. बनी आशर के क़बीले की मीरास उनके घरानों के मुताबिक़ यह शहर और इनके गाँव थे। नफ़ताली को दिए गए ईलाके PEPS
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33. और उनकी सरहद हलफ़ से ज़ा'नन्नीम के बलूत से अदामी नक़ब और यबनीएल होती हुई लक़ूम तक थी और उसका ख़ातिमा यरदन पर हुआ।
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34. और वह हद पश्चिम की तरफ़ मुड़ कर अज़नूततबूर से गुज़रती हुई हुक़्क़ूक़ को गई और दख्खिन में ज़बूलून तक और पश्चिम में आशर तक और पूरब में यहूदाह के हिस्सा के यरदन तक पहुँची।
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39. यह शहर और इनके गाँव बनी नफ़्ताली के क़बीले के घरानों के मुताबिक़ उनकी मीरास हैं। दान को दिए गए ईलाके PEPS
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47. और बनी दान की हद उनकी इस हद के' अलावा भी थी, क्यूँकि बनी दान ने जाकर लशम से जंग की और उसे घेर करके उसको तलवार की धार से मारा और उस पर क़ब्ज़ा करके वहाँ बसे, और अपने बाप दान के नाम पर लशम का नाम दान रखा।
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48. यह सब शहर और इनके गाँव बनी दान के क़बीले के घरानों के मुताबिक़ उनकी मीरास है। यशू'अ को दिए गए ईलाके PEPS
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49. तब वह उस मुल्क को मीरास के लिए उसकी सरहदों के मुताबिक़ तक़सीम करने से फ़ारिग़ हुए और बनी इस्राईल ने नून के बेटे यशू'अ को अपने बीच मीरास दी।
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50. उन्होंने ख़ुदावन्द के हुक्म के मुताबिक़ वही शहर जिसे उसने माँगा था या'नी इफ़्राईम के पहाड़ी मुल्क का तिमनत सरह उसे दिया और वह उस शहर को ता'मीर करके उसमें बस गया।
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51. यह वह मीरासी हिस्से हैं जिनको इली'एलियाज़र काहिन और नून के बेटे यशू'अ और बनी इस्राईल के क़बीलों के आबाई ख़ानदानों के सरदारों ने शीलोह में ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर ख़ुदावन्द के सामने पर्ची डालकर मीरास के लिए तक़सीम किया, यूँ वह उस मुल्क की तक़सीम से फ़ारिग़ हुए। PE
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