انجیل مقدس

خدا کا فضل تحفہ
1. [PS] [SCJ]“मैं ने तुम को यह इस लिए बताया है ताकि तुम गुमराह न हो जाओ।[SCJ.]
2. [SCJ]वह तुम को यहूदी जमाअतों से निकाल देंगे, बल्कि वह वक़्त भी आने वाला है कि जो भी तुम को मार डालेगा वह समझेगा, मैंने ख़ुदा की ख़िदमत की है।[SCJ.]
3. [SCJ]वह इस क़िस्म की हरकतें इस लिए करेंगे कि उन्हों ने न बाप को जाना है, न मुझे।[SCJ.]
4. [SCJ](जिस ने यह देखा है उस ने गवाही दी है और उस की गवाही सच्ची है। वह जानता है कि वह हक़ीक़त बयान कर रहा है और उस की गवाही का मक़्सद यह है कि आप भी ईमान लाएँ)” [SCJ.] [PE]
5. {पाक रुह का काम } [PS] [SCJ]“लेकिन अब मैं उस के पास जा रहा हूँ जिस ने मुझे भेजा है। तो भी तुम में से कोई मुझ से नहीं पूछता, ‘आप कहाँ जा रहे हैं?’[SCJ.]
6. [SCJ]इस के बजाए तुम्हारे दिल उदास हैं कि मैं ने तुम को ऐसी बातें बताई हैं।[SCJ.]
7. [SCJ]लेकिन मैं तुम को सच बताता हूँ कि तुम्हारे लिए फ़ाइदामन्द है कि मैं जा रहा हूँ। अगर मैं न जाऊँ तो मददगार तुम्हारे पास नहीं आएगा। लेकिन अगर मैं जाऊँ तो मैं उसे तुम्हारे पास भेज दूँगा।[SCJ.]
8. [SCJ]और जब वह आएगा तो गुनाह, रास्तबाज़ी और अदालत के बारे में दुनियाँ की ग़लती को बेनिक़ाब करके यह ज़ाहिर करेगा:[SCJ.]
9. [SCJ]गुनाह के बारे में यह कि लोग मुझ पर ईमान नहीं रखते,[SCJ.]
10. [SCJ]रास्तबाज़ी के बारे में यह कि मैं बाप के पास जा रहा हूँ और तुम मुझे अब से नहीं देखोगे,[SCJ.]
11. [SCJ]और अदालत के बारे में यह कि इस दुनियाँ के हाकिम की अदालत हो चुकी है।”[SCJ.] [PE]
12. [PS] [SCJ]“मुझे तुम को बहुत कुछ बताना है, लेकिन इस वक़्त तुम उसे बर्दाश्त नहीं कर सकते।[SCJ.]
13. [SCJ]जब सच्चाई का रूह आएगा तो वह पूरी सच्चाई की तरफ़ तुम्हारी राहनुमाई करेगा। वह अपनी मर्ज़ी से बात नहीं करेगा बल्कि सिर्फ़ वही कुछ कहेगा जो वह ख़ुद सुनेगा। वही तुम को भी। मुस्तक़बिल के बारे में बताएगा[SCJ.]
14. [SCJ]और वह इस में मुझे जलाल देगा कि वह तुम को वही कुछ सुनाएगा जो उसे मुझ से मिला होगा।[SCJ.]
15. [SCJ]जो कुछ भी बाप का है वह मेरा है। इस लिए मैं ने कहा, रूह तुम को वही कुछ सुनाएगा जो उसे मुझ से मिला होगा।”[SCJ.] [PE]
16. [PS] [SCJ]“थोड़ी देर के बाद तुम मुझे नहीं देखोगे। फिर थोड़ी देर के बाद तुम मुझे दुबारा देख लोगे।”[SCJ.]
17. उस के कुछ शागिर्द आपस में बात करने लगे, ईसा के यह कहने से क्या मुराद है कि [SCJ]“थोड़ी देर के बाद तुम मुझे नहीं देखोगे, फिर थोड़ी देर के बाद मुझे दुबारा देख लोगे? और इस का क्या मतलब है, मैं बाप के पास जा रहा हूँ?”[SCJ.]
18. और वह सोचते रहे, “यह किस क़िस्म की[SCJ]‘थोड़ी देर’[SCJ.] है जिस का ज़िक्र वह कर रहे हैं? हम उन की बात नहीं समझते।”
19. ईसा ने जान लिया कि वह मुझ से इस के बारे में सवाल करना चाहते हैं। इस लिए उस ने कहा, [SCJ]“क्या तुम एक दूसरे से पूछ रहे हो कि मेरी इस बात का क्या मतलब है कि ‘थोड़ी देर के बाद तुम मुझे नहीं देखोगे, फिर थोड़ी देर के बाद मुझे दुबारा देख लोगे?’[SCJ.]
20. [SCJ]मैं तुम को सच बताता हूँ कि तुम रो रो कर मातम करोगे जबकि दुनियाँ ख़ुश होगी। तुम ग़म करोगे, लेकिन तुम्हारा ग़म ख़ुशी में बदल जाएगा।[SCJ.]
21. [SCJ]जब किसी औरत के बच्चा पैदा होने वाला होता है तो उसे ग़म और तकलीफ़ होती है क्यूँकि उस का वक़्त आ गया है। लेकिन जूँ ही बच्चा पैदा हो जाता है तो माँ ख़ुशी के मारे कि एक इंसान दुनियाँ में आ गया है अपनी तमाम मुसीबत भूल जाती है।[SCJ.]
22. [SCJ]यही तुम्हारी हालत है। क्यूँकी अब तुम उदास हो, लेकिन मैं तुम से दुबारा मिलूँगा। उस वक़्त तुम को ख़ुशी होगी, ऐसी ख़ुशी जो तुम से कोई छीन न लेगा।[SCJ.]
23. [SCJ]उस दिन तुम मुझ से कुछ नहीं पूछोगे। मैं तुम को सच बताता हूँ कि जो कुछ तुम मेरे नाम में बाप से माँगोगे वह तुम को देगा।[SCJ.]
24. [SCJ]अब तक तुम ने मेरे नाम में कुछ नहीं माँगा। माँगो तो तुम को मिलेगा। फिर तुम्हारी ख़ुशी पूरी हो जाएगी।”[SCJ.] [PE]
25. [PS] [SCJ]“मैं ने तुम को यह मिसालों में बताया है। लेकिन एक दिन आएगा जब मैं ऐसा नहीं करूँगा। उस वक़्त मैं मिसालों में बात नहीं करूँगा बल्कि तुम को बाप के बारे में साफ़ साफ़ बता दूँगा।[SCJ.]
26. [SCJ]उस दिन तुम मेरा नाम ले कर माँगोगे। मेरे कहने का मतलब यह नहीं कि मैं ही तुम्हारी ख़ातिर बाप से दरख़्वास्त करूँगा।[SCJ.]
27. [SCJ]क्यूँकी बाप ख़ुद तुम को प्यार करता है, इस लिए कि तुम ने मुझे प्यार किया है और ईमान लाए हो कि मैं ख़ुदा में से निकल आया हूँ।[SCJ.]
28. [SCJ]मैं बाप में से निकल कर दुनियाँ में आया हूँ, और अब मैं दुनियाँ को छोड़ कर बाप के पास वापस जाता हूँ।”[SCJ.]
29. इस पर उस के शागिर्दों ने कहा, “अब आप मिसालों में नहीं बल्कि साफ़ साफ़ बात कर रहे हैं।
30. अब हमें समझ आई है कि आप सब कुछ जानते हैं और कि इस की ज़रूरत नहीं कि कोई आप की पूछ — ताछ करे। इस लिए हम ईमान रखते हैं कि आप ख़ुदा में से निकल कर आए हैं।”
31. ईसा ने जवाब दिया, [SCJ]“अब तुम ईमान रखते हो?[SCJ.]
32. [SCJ]देखो, वह वक़्त आ रहा है बल्कि आ चुका है जब तुम तितर — बितर हो जाओगे। मुझे अकेला छोड़ कर हर एक अपने घर चला जाएगा। तो भी मैं अकेला नहीं हूँगा क्यूँकि बाप मेरे साथ है।[SCJ.]
33. [SCJ]मैं ने तुम को इस लिए यह बात बताई ताकि तुम मुझ में सलामती पाओ। दुनियाँ में तुम मुसीबत में फँसे रहते हो। लेकिन हौसला रखो, मैं दुनियाँ पर ग़ालिब आया हूँ।”[SCJ.] [PE]
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1 “मैं ने तुम को यह इस लिए बताया है ताकि तुम गुमराह न हो जाओ। 2 वह तुम को यहूदी जमाअतों से निकाल देंगे, बल्कि वह वक़्त भी आने वाला है कि जो भी तुम को मार डालेगा वह समझेगा, मैंने ख़ुदा की ख़िदमत की है। 3 वह इस क़िस्म की हरकतें इस लिए करेंगे कि उन्हों ने न बाप को जाना है, न मुझे। 4 (जिस ने यह देखा है उस ने गवाही दी है और उस की गवाही सच्ची है। वह जानता है कि वह हक़ीक़त बयान कर रहा है और उस की गवाही का मक़्सद यह है कि आप भी ईमान लाएँ)” 5 {पाक रुह का काम } “लेकिन अब मैं उस के पास जा रहा हूँ जिस ने मुझे भेजा है। तो भी तुम में से कोई मुझ से नहीं पूछता, ‘आप कहाँ जा रहे हैं?’ 6 इस के बजाए तुम्हारे दिल उदास हैं कि मैं ने तुम को ऐसी बातें बताई हैं। 7 लेकिन मैं तुम को सच बताता हूँ कि तुम्हारे लिए फ़ाइदामन्द है कि मैं जा रहा हूँ। अगर मैं न जाऊँ तो मददगार तुम्हारे पास नहीं आएगा। लेकिन अगर मैं जाऊँ तो मैं उसे तुम्हारे पास भेज दूँगा। 8 और जब वह आएगा तो गुनाह, रास्तबाज़ी और अदालत के बारे में दुनियाँ की ग़लती को बेनिक़ाब करके यह ज़ाहिर करेगा: 9 गुनाह के बारे में यह कि लोग मुझ पर ईमान नहीं रखते, 10 रास्तबाज़ी के बारे में यह कि मैं बाप के पास जा रहा हूँ और तुम मुझे अब से नहीं देखोगे, 11 और अदालत के बारे में यह कि इस दुनियाँ के हाकिम की अदालत हो चुकी है।” 12 “मुझे तुम को बहुत कुछ बताना है, लेकिन इस वक़्त तुम उसे बर्दाश्त नहीं कर सकते। 13 जब सच्चाई का रूह आएगा तो वह पूरी सच्चाई की तरफ़ तुम्हारी राहनुमाई करेगा। वह अपनी मर्ज़ी से बात नहीं करेगा बल्कि सिर्फ़ वही कुछ कहेगा जो वह ख़ुद सुनेगा। वही तुम को भी। मुस्तक़बिल के बारे में बताएगा 14 और वह इस में मुझे जलाल देगा कि वह तुम को वही कुछ सुनाएगा जो उसे मुझ से मिला होगा। 15 जो कुछ भी बाप का है वह मेरा है। इस लिए मैं ने कहा, रूह तुम को वही कुछ सुनाएगा जो उसे मुझ से मिला होगा।” 16 “थोड़ी देर के बाद तुम मुझे नहीं देखोगे। फिर थोड़ी देर के बाद तुम मुझे दुबारा देख लोगे।” 17 उस के कुछ शागिर्द आपस में बात करने लगे, ईसा के यह कहने से क्या मुराद है कि “थोड़ी देर के बाद तुम मुझे नहीं देखोगे, फिर थोड़ी देर के बाद मुझे दुबारा देख लोगे? और इस का क्या मतलब है, मैं बाप के पास जा रहा हूँ?” 18 और वह सोचते रहे, “यह किस क़िस्म की‘थोड़ी देर’ है जिस का ज़िक्र वह कर रहे हैं? हम उन की बात नहीं समझते।” 19 ईसा ने जान लिया कि वह मुझ से इस के बारे में सवाल करना चाहते हैं। इस लिए उस ने कहा, “क्या तुम एक दूसरे से पूछ रहे हो कि मेरी इस बात का क्या मतलब है कि ‘थोड़ी देर के बाद तुम मुझे नहीं देखोगे, फिर थोड़ी देर के बाद मुझे दुबारा देख लोगे?’ 20 मैं तुम को सच बताता हूँ कि तुम रो रो कर मातम करोगे जबकि दुनियाँ ख़ुश होगी। तुम ग़म करोगे, लेकिन तुम्हारा ग़म ख़ुशी में बदल जाएगा। 21 जब किसी औरत के बच्चा पैदा होने वाला होता है तो उसे ग़म और तकलीफ़ होती है क्यूँकि उस का वक़्त आ गया है। लेकिन जूँ ही बच्चा पैदा हो जाता है तो माँ ख़ुशी के मारे कि एक इंसान दुनियाँ में आ गया है अपनी तमाम मुसीबत भूल जाती है। 22 यही तुम्हारी हालत है। क्यूँकी अब तुम उदास हो, लेकिन मैं तुम से दुबारा मिलूँगा। उस वक़्त तुम को ख़ुशी होगी, ऐसी ख़ुशी जो तुम से कोई छीन न लेगा। 23 उस दिन तुम मुझ से कुछ नहीं पूछोगे। मैं तुम को सच बताता हूँ कि जो कुछ तुम मेरे नाम में बाप से माँगोगे वह तुम को देगा। 24 अब तक तुम ने मेरे नाम में कुछ नहीं माँगा। माँगो तो तुम को मिलेगा। फिर तुम्हारी ख़ुशी पूरी हो जाएगी।” 25 “मैं ने तुम को यह मिसालों में बताया है। लेकिन एक दिन आएगा जब मैं ऐसा नहीं करूँगा। उस वक़्त मैं मिसालों में बात नहीं करूँगा बल्कि तुम को बाप के बारे में साफ़ साफ़ बता दूँगा। 26 उस दिन तुम मेरा नाम ले कर माँगोगे। मेरे कहने का मतलब यह नहीं कि मैं ही तुम्हारी ख़ातिर बाप से दरख़्वास्त करूँगा। 27 क्यूँकी बाप ख़ुद तुम को प्यार करता है, इस लिए कि तुम ने मुझे प्यार किया है और ईमान लाए हो कि मैं ख़ुदा में से निकल आया हूँ। 28 मैं बाप में से निकल कर दुनियाँ में आया हूँ, और अब मैं दुनियाँ को छोड़ कर बाप के पास वापस जाता हूँ।” 29 इस पर उस के शागिर्दों ने कहा, “अब आप मिसालों में नहीं बल्कि साफ़ साफ़ बात कर रहे हैं। 30 अब हमें समझ आई है कि आप सब कुछ जानते हैं और कि इस की ज़रूरत नहीं कि कोई आप की पूछ — ताछ करे। इस लिए हम ईमान रखते हैं कि आप ख़ुदा में से निकल कर आए हैं।” 31 ईसा ने जवाब दिया, “अब तुम ईमान रखते हो? 32 देखो, वह वक़्त आ रहा है बल्कि आ चुका है जब तुम तितर — बितर हो जाओगे। मुझे अकेला छोड़ कर हर एक अपने घर चला जाएगा। तो भी मैं अकेला नहीं हूँगा क्यूँकि बाप मेरे साथ है। 33 मैं ने तुम को इस लिए यह बात बताई ताकि तुम मुझ में सलामती पाओ। दुनियाँ में तुम मुसीबत में फँसे रहते हो। लेकिन हौसला रखो, मैं दुनियाँ पर ग़ालिब आया हूँ।”
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