انجیل مقدس

Indian Revised Version (IRV)
1. {बिलदद का अय्यूब को तिसरा जवाब } [PS]तब बिलदद सूखी ने जवाब दिया
2. “हुकूमत और दबदबा उसके साथ है वह अपने बुलन्द मक़ामों में अमन रखता है।
3. क्या उसकी फ़ौजों की कोई ता'दाद है? और कौन है जिस पर उसकी रोशनी नहीं पड़ती?
4. फिर इंसान क्यूँकर ख़ुदा के सामने रास्त ठहर सकता है? या वह जो 'औरत से पैदा हुआ है क्यूँकर पाक हो सकता है?
5. देख, चाँद में भी रोशनी नहीं, और तारे उसकी नज़र में पाक नहीं।
6. फिर भला इंसान का जो महज़ कीड़ा है, और आदमज़ाद जो सिर्फ़ किरम है क्या ज़िक्र।” [PE]
کل 42 ابواب, معلوم ہوا باب 25 / 42
1 {बिलदद का अय्यूब को तिसरा जवाब } तब बिलदद सूखी ने जवाब दिया 2 “हुकूमत और दबदबा उसके साथ है वह अपने बुलन्द मक़ामों में अमन रखता है। 3 क्या उसकी फ़ौजों की कोई ता'दाद है? और कौन है जिस पर उसकी रोशनी नहीं पड़ती? 4 फिर इंसान क्यूँकर ख़ुदा के सामने रास्त ठहर सकता है? या वह जो 'औरत से पैदा हुआ है क्यूँकर पाक हो सकता है? 5 देख, चाँद में भी रोशनी नहीं, और तारे उसकी नज़र में पाक नहीं। 6 फिर भला इंसान का जो महज़ कीड़ा है, और आदमज़ाद जो सिर्फ़ किरम है क्या ज़िक्र।”
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