انجیل مقدس

خدا کا فضل تحفہ
1. वह कलाम जो ख़ुदावन्द की तरफ़ से यरमियाह पर नाज़िल हुआ, जब सिदक़ियाह बादशाह ने फ़शहूर — बिन — मलकियाह और सफ़नियाह — बिन — मासियाह काहिन को उसके पास ये कहने को भेजा,
2. कि “हमारी ख़ातिर ख़ुदावन्द से दरियाफ़्त कर क्यूँकि शाहे — ए — बाबुल नबूकदनज़र हमारे साथ लड़ाई करता है; शायद ख़ुदावन्द हम से अपने तमाम 'अजीब कामों के मुवाफ़िक़ ऐसा सुलूक करे कि वह हमारे पास से चला जाए।”
3. तब यरमियाह ने उनसे कहा, तुम सिदक़ियाह से यूँ कहना,
4. कि 'ख़ुदावन्द, इस्राईल का ख़ुदा, यूँ फ़रमाता है कि: देख, मैं लड़ाई के हथियारों को जो तुम्हारे हाथ में हैं, जिनसे तुम शाह — ए — बाबुल और कसदियों के ख़िलाफ़ जो फ़सील के बाहर तुम्हारा घिराव किए हुए हैं लड़ते हो फेर दूँगा और मैं उनको इस शहर के बीच में इकट्ठे करूँगा;
5. और मैं आप अपने बढ़ाए हुए हाथ से और क़ुव्वत — ए — बाज़ू से तुम्हारे ख़िलाफ़ लड़ूँगा, हाँ, क़हर — ओ — ग़ज़ब से बल्कि ग़ज़बनाक ग़ुस्से से।
6. और मैं इस शहर के बाशिन्दों को, इंसान और हैवान दोनों को मारूँगा, वह बड़ी वबा से फ़ना हो जाएँगे।
7. और ख़ुदावन्द फ़रमाता है, फिर मैं शाह — ए — यहूदाह सिदक़ियाह को और उसके मुलाज़िमों और 'आम लोगों को, जो इस शहर में वबा और तलवार और काल से बच जाएँगे, शाह — ए — बाबुल नबूकदनज़र और उनके मुख़ालिफ़ों और जानी दुश्मनों के हवाले करूँगा। और वह उनको हलाक करेगा; न उनको छोड़ेगा, न उन पर तरस खाएगा और न रहम करेगा।
8. 'और तू इन लोगों से कहना ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि: देखो, मैं तुम को हयात की राह और मौत की राह दिखाता हूँ।
9. जो कोई इस शहर में रहेगा, वह तलवार और काल और वबा से मरेगा, लेकिन जो निकलकर कसदियों में जो तुम को घेरे हुए हैं, चला जाएगा, वह जिएगा और उसकी जान उसके लिए ग़नीमत होगी।
10. क्यूँकि मैंने इस शहर का रुख़ किया है कि इससे बुराई करूँ, और भलाई न करूँ, ख़ुदावन्द फ़रमाता है; वह शाह — ए — बाबुल के हवाले किया जाएगा और वह उसे आग से जलाएगा।
11. 'और शाह — ए — यहूदाह के ख़ान्दान के बारे में ख़ुदावन्द का कलाम सुनो,
12. 'ऐ दाऊद के घराने! ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि: तुम सवेरे उठ कर इन्साफ़ करो और मज़लूम को ज़ालिम के हाथ से छुड़ाओ, ऐसा तुम्हारे कामों की बुराई की वजह से मेरा क़हर आग की तरह भड़के, और ऐसा तेज़ हो कि कोई उसे ठंडा न कर सके।
13. ऐ वादी की बसनेवाली, ऐ मैदान की चट्टान पर रहने वाली, जो कहती है कि कौन हम पर हमला करेगा? या हमारे घरों में कौन आ घुसेगा?' ख़ुदावन्द फ़रमाता है: मैं तेरा मुख़ालिफ़ हूँ,
14. और तुम्हारे कामों के फल के मुवाफ़िक़ मैं तुम को सज़ा दूँगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, और मैं उसके बन में आग लगाऊँगा, जो उसके सारे 'इलाक़े को भसम करेगी। [PE]

Notes

No Verse Added

Total 52 Chapters, Current Chapter 21 of Total Chapters 52
یرمیاہ 21:4
1. वह कलाम जो ख़ुदावन्द की तरफ़ से यरमियाह पर नाज़िल हुआ, जब सिदक़ियाह बादशाह ने फ़शहूर बिन मलकियाह और सफ़नियाह बिन मासियाह काहिन को उसके पास ये कहने को भेजा,
2. कि “हमारी ख़ातिर ख़ुदावन्द से दरियाफ़्त कर क्यूँकि शाहे बाबुल नबूकदनज़र हमारे साथ लड़ाई करता है; शायद ख़ुदावन्द हम से अपने तमाम 'अजीब कामों के मुवाफ़िक़ ऐसा सुलूक करे कि वह हमारे पास से चला जाए।”
3. तब यरमियाह ने उनसे कहा, तुम सिदक़ियाह से यूँ कहना,
4. कि 'ख़ुदावन्द, इस्राईल का ख़ुदा, यूँ फ़रमाता है कि: देख, मैं लड़ाई के हथियारों को जो तुम्हारे हाथ में हैं, जिनसे तुम शाह बाबुल और कसदियों के ख़िलाफ़ जो फ़सील के बाहर तुम्हारा घिराव किए हुए हैं लड़ते हो फेर दूँगा और मैं उनको इस शहर के बीच में इकट्ठे करूँगा;
5. और मैं आप अपने बढ़ाए हुए हाथ से और क़ुव्वत बाज़ू से तुम्हारे ख़िलाफ़ लड़ूँगा, हाँ, क़हर ग़ज़ब से बल्कि ग़ज़बनाक ग़ुस्से से।
6. और मैं इस शहर के बाशिन्दों को, इंसान और हैवान दोनों को मारूँगा, वह बड़ी वबा से फ़ना हो जाएँगे।
7. और ख़ुदावन्द फ़रमाता है, फिर मैं शाह यहूदाह सिदक़ियाह को और उसके मुलाज़िमों और 'आम लोगों को, जो इस शहर में वबा और तलवार और काल से बच जाएँगे, शाह बाबुल नबूकदनज़र और उनके मुख़ालिफ़ों और जानी दुश्मनों के हवाले करूँगा। और वह उनको हलाक करेगा; उनको छोड़ेगा, उन पर तरस खाएगा और रहम करेगा।
8. 'और तू इन लोगों से कहना ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि: देखो, मैं तुम को हयात की राह और मौत की राह दिखाता हूँ।
9. जो कोई इस शहर में रहेगा, वह तलवार और काल और वबा से मरेगा, लेकिन जो निकलकर कसदियों में जो तुम को घेरे हुए हैं, चला जाएगा, वह जिएगा और उसकी जान उसके लिए ग़नीमत होगी।
10. क्यूँकि मैंने इस शहर का रुख़ किया है कि इससे बुराई करूँ, और भलाई करूँ, ख़ुदावन्द फ़रमाता है; वह शाह बाबुल के हवाले किया जाएगा और वह उसे आग से जलाएगा।
11. 'और शाह यहूदाह के ख़ान्दान के बारे में ख़ुदावन्द का कलाम सुनो,
12. 'ऐ दाऊद के घराने! ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि: तुम सवेरे उठ कर इन्साफ़ करो और मज़लूम को ज़ालिम के हाथ से छुड़ाओ, ऐसा तुम्हारे कामों की बुराई की वजह से मेरा क़हर आग की तरह भड़के, और ऐसा तेज़ हो कि कोई उसे ठंडा कर सके।
13. वादी की बसनेवाली, मैदान की चट्टान पर रहने वाली, जो कहती है कि कौन हम पर हमला करेगा? या हमारे घरों में कौन घुसेगा?' ख़ुदावन्द फ़रमाता है: मैं तेरा मुख़ालिफ़ हूँ,
14. और तुम्हारे कामों के फल के मुवाफ़िक़ मैं तुम को सज़ा दूँगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, और मैं उसके बन में आग लगाऊँगा, जो उसके सारे 'इलाक़े को भसम करेगी। PE
Total 52 Chapters, Current Chapter 21 of Total Chapters 52
×

Alert

×

urdu Letters Keypad References