انجیل مقدس

خدا کا فضل تحفہ
1. उस वक़्त मरूदक बल्दान — बिन — बल्दान, शाह — ए — बाबुल ने हिज़क़ियाह के लिए नामे और तहाइफ़ भेजे; क्यूँकि उसने सुना था कि वह बीमार था और शिफ़ायाब हुआ।
2. और हिज़क़ियाह उनसे बहुत ख़ुश हुआ और अपने ख़ज़ाने, या'नी चाँदी और सोना और मसालेह और बेश क़ीमत 'इत्र और तमाम सिलाह ख़ाना, और जो कुछ उसके ख़ज़ानों में मौजूद था उनको दिखाया। उसके घर में और उसकी सारी ममलुकत में ऐसी कोई चीज़ न थी, जो हिज़क़ियाह ने उनको न दिखाई।
3. तब यसा'याह नबी ने हिज़क़ियाह बादशाह के पास आकर उससे कहा, कि “ये लोग क्या कहते थे, और ये कहाँ से तेरे पास आए?” हिज़क़ियाह ने जवाब दिया, कि “ये एक दूर के मुल्क, या'नी बाबुल से मेरे पास आए हैं।”
4. तब उसने पूछा, कि “उन्होंने तेरे घर में क्या — क्या देखा?” हिज़क़ियाह ने जवाब दिया, “सब कुछ जो मेरे घर में है, उन्होंने देखा: मेरे ख़ज़ानों में ऐसी कोई चीज़ नहीं जो मैंने उनको दिखाई न हो।”
5. तब यसा'याह ने हिज़क़ियाह से कहा, 'रब्ब — उल — अफ़वाज का कलाम सुन ले:
6. देख, वह दिन आते हैं कि सब कुछ जो तेरे घर में है, और जो कुछ तेरे बाप दादा ने आज के दिन तक जमा' कर रख्खा है बाबुल को ले जायेंगे; ख़ुदावन्द फ़रमाता है, कुछ भी बाक़ी न रहेगा।
7. और वह तेरे बेटों में से जो तुझ से पैदा होंगे और जिनका बाप तू ही होगा, कितनों को ले जाएँगे; और वह शाह — ए — बाबुल के महल में ख्वाजासरा होंगे।
8. तब हिज़क़ियाह ने यसा'याह से कहा, 'ख़ुदावन्द का कलाम जो तूने सुनाया भला है। और उसने ये भी कहा, मेरे दिनों में तो सलामती और अम्न होगा। [PE]

Notes

No Verse Added

Total 66 Chapters, Current Chapter 39 of Total Chapters 66
یسعیاہ 39:3
1. उस वक़्त मरूदक बल्दान बिन बल्दान, शाह बाबुल ने हिज़क़ियाह के लिए नामे और तहाइफ़ भेजे; क्यूँकि उसने सुना था कि वह बीमार था और शिफ़ायाब हुआ।
2. और हिज़क़ियाह उनसे बहुत ख़ुश हुआ और अपने ख़ज़ाने, या'नी चाँदी और सोना और मसालेह और बेश क़ीमत 'इत्र और तमाम सिलाह ख़ाना, और जो कुछ उसके ख़ज़ानों में मौजूद था उनको दिखाया। उसके घर में और उसकी सारी ममलुकत में ऐसी कोई चीज़ थी, जो हिज़क़ियाह ने उनको दिखाई।
3. तब यसा'याह नबी ने हिज़क़ियाह बादशाह के पास आकर उससे कहा, कि “ये लोग क्या कहते थे, और ये कहाँ से तेरे पास आए?” हिज़क़ियाह ने जवाब दिया, कि “ये एक दूर के मुल्क, या'नी बाबुल से मेरे पास आए हैं।”
4. तब उसने पूछा, कि “उन्होंने तेरे घर में क्या क्या देखा?” हिज़क़ियाह ने जवाब दिया, “सब कुछ जो मेरे घर में है, उन्होंने देखा: मेरे ख़ज़ानों में ऐसी कोई चीज़ नहीं जो मैंने उनको दिखाई हो।”
5. तब यसा'याह ने हिज़क़ियाह से कहा, 'रब्ब उल अफ़वाज का कलाम सुन ले:
6. देख, वह दिन आते हैं कि सब कुछ जो तेरे घर में है, और जो कुछ तेरे बाप दादा ने आज के दिन तक जमा' कर रख्खा है बाबुल को ले जायेंगे; ख़ुदावन्द फ़रमाता है, कुछ भी बाक़ी रहेगा।
7. और वह तेरे बेटों में से जो तुझ से पैदा होंगे और जिनका बाप तू ही होगा, कितनों को ले जाएँगे; और वह शाह बाबुल के महल में ख्वाजासरा होंगे।
8. तब हिज़क़ियाह ने यसा'याह से कहा, 'ख़ुदावन्द का कलाम जो तूने सुनाया भला है। और उसने ये भी कहा, मेरे दिनों में तो सलामती और अम्न होगा। PE
Total 66 Chapters, Current Chapter 39 of Total Chapters 66
×

Alert

×

urdu Letters Keypad References