انجیل مقدس

خدا کا فضل تحفہ
1. {खु़दा का इस्राईल के ख़िलाफ़ बोलना } [PS]ऐ बनी इस्राईल ख़ुदावन्द का कलाम सुनों क्यूँकि इस मुल्क में रहने वालों से ख़ुदावन्द का झगड़ा है; क्यूँकि ये मुल्क रास्ती — ओ — शफ़क़त, और ख़ुदाशनासी से ख़ाली है।
2. बदज़बानी वा'दा ख़िलाफ़ी और खु़ँरेज़ी और चोरी और हरामकारी के अलावा और कुछ नहीं होता; वह जु़ल्म करते हैं, और खू़न पर खू़न होता है।
3. इसलिए मुल्क मातम करेगा, और उसके तमाम रहने वाले जंगली जानवरों, और हवा के परिन्दों के साथ नातवाँ हो जाएँगे; बल्कि समन्दर की मछलियाँ भी ग़ायब हो जाएँगी।
4. तोभी कोई दूसरे के साथ बहस न करे, और न कोई उसे इल्ज़ाम दे; क्यूँकि तेरे लोग उनकी तरह हैं, जो काहिन से बहस करते हैं।
5. इसलिए तू दिन को गिर पड़ेगा, और तेरे साथ नबी भी रात को गिरेगा; और मैं तेरी माँ को तबाह करूँगा।
6. मेरे लोग 'अदम — ए — मा'रिफ़त से हलाक हुए; चूँकि तू ने ज़रिए' को रद्द किया, इसलिए मैं भी तुझे रद्द करूँगा ताकि तू मेरे सामने काहिन न हो; और चूंकि तू अपने ख़ुदा की शरी'अत को भूल गया है, इसलिए मैं भी तेरी औलाद को भूल जाऊँगा।
7. जैसे जैसे वह बड़ते गए, मेरे ख़िलाफ़ ज़्यादा गुनाह करने लगे; फिर मैं उनकी हश्मत को रुस्वाई से बदल डालूँगा।
8. वह मेरे लोगों के गुनाह पर गुज़रान करते हैं; और उनकी बदकिरदारी के आरज़ूमंद हैं।
9. फिर जैसा लोगों का हाल, वैसा ही काहिनों का हाल होगा; मैं उनके चालचलन की सज़ा और उनके 'आमाल का बदला उनको दूँगा।
10. चूँकि उनको ख़ुदावन्द का ख़याल नहीं, इसलिए वह खाएँगे, पर आसूदा न होंगे; वह बदकारी करेंगे, लेकिन ज़्यादा न होंगे।
11. बदकारी और मय और नई मय से बसीरत जाती रहती है।
12. मेरे लोग अपने काठ के पुतले से सवाल करते हैं उनकी लाठी उनको जवाब देती है। क्यूँकि बदकारी की रूह ने उनको गुमराह किया है, और अपने ख़ुदा की पनाह को छोड़ कर बदकारी करते हैं।
13. पहाड़ों की चोटियों पर वह कु़र्बानियाँ और टीलों पर और बलूत — ओ — चिनार — ओ — बतम के नीचे खु़शबू जलाते हैं, क्यूँकि उनका साया अच्छा है। पस बहू बेटियाँ बदकारी करती हैं।
14. जब तुम्हारी बहू बेटियाँ बदकारी करेंगी, तो मैं उनको सज़ा नहीं दूँगा; क्यूँकि वह आप ही बदकारों के साथ खि़ख़िल्वत में जाते हैं, और कस्बियों के साथ क़ुर्बानियाँ गुज़रानते हैं। तब जो लोग 'अक़्ल से ख़ाली हैं, बर्बाद किए जाएँगे।
15. ऐ इस्राईल, अगरचे तू बदकारी करे, तोभी ऐसा न हो कि यहूदाह भी गुनहगार हो। तुम जिल्जाल में न आओ और बैतआवन पर न जाओ, और ख़ुदावन्द की हयात की क़सम न खाओ।
16. क्यूँकि इस्राईल ने सरकश बछिया की तरह सरकशी की है; क्या अब ख़ुदावन्द उनको कुशादा जगह में बर्रे की तरह चराएगा?
17. इफ़्राईम बुतों से मिल गया है; उसे छोड़ दो।
18. वह मयख़्वारी से सेर होकर बदकारी में मशग़ूल होते हैं; उसके हाकिम रुस्वाई दोस्त हैं।
19. हवा ने उसे अपने दामन में उठा लिया, वह अपनी कु़र्बानियों से शर्मिन्दा होंगे। [PE]
Total 14 ابواب, Selected باب 4 / 14
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14
1 {खु़दा का इस्राईल के ख़िलाफ़ बोलना } ऐ बनी इस्राईल ख़ुदावन्द का कलाम सुनों क्यूँकि इस मुल्क में रहने वालों से ख़ुदावन्द का झगड़ा है; क्यूँकि ये मुल्क रास्ती — ओ — शफ़क़त, और ख़ुदाशनासी से ख़ाली है। 2 बदज़बानी वा'दा ख़िलाफ़ी और खु़ँरेज़ी और चोरी और हरामकारी के अलावा और कुछ नहीं होता; वह जु़ल्म करते हैं, और खू़न पर खू़न होता है। 3 इसलिए मुल्क मातम करेगा, और उसके तमाम रहने वाले जंगली जानवरों, और हवा के परिन्दों के साथ नातवाँ हो जाएँगे; बल्कि समन्दर की मछलियाँ भी ग़ायब हो जाएँगी। 4 तोभी कोई दूसरे के साथ बहस न करे, और न कोई उसे इल्ज़ाम दे; क्यूँकि तेरे लोग उनकी तरह हैं, जो काहिन से बहस करते हैं। 5 इसलिए तू दिन को गिर पड़ेगा, और तेरे साथ नबी भी रात को गिरेगा; और मैं तेरी माँ को तबाह करूँगा। 6 मेरे लोग 'अदम — ए — मा'रिफ़त से हलाक हुए; चूँकि तू ने ज़रिए' को रद्द किया, इसलिए मैं भी तुझे रद्द करूँगा ताकि तू मेरे सामने काहिन न हो; और चूंकि तू अपने ख़ुदा की शरी'अत को भूल गया है, इसलिए मैं भी तेरी औलाद को भूल जाऊँगा। 7 जैसे जैसे वह बड़ते गए, मेरे ख़िलाफ़ ज़्यादा गुनाह करने लगे; फिर मैं उनकी हश्मत को रुस्वाई से बदल डालूँगा। 8 वह मेरे लोगों के गुनाह पर गुज़रान करते हैं; और उनकी बदकिरदारी के आरज़ूमंद हैं। 9 फिर जैसा लोगों का हाल, वैसा ही काहिनों का हाल होगा; मैं उनके चालचलन की सज़ा और उनके 'आमाल का बदला उनको दूँगा। 10 चूँकि उनको ख़ुदावन्द का ख़याल नहीं, इसलिए वह खाएँगे, पर आसूदा न होंगे; वह बदकारी करेंगे, लेकिन ज़्यादा न होंगे। 11 बदकारी और मय और नई मय से बसीरत जाती रहती है। 12 मेरे लोग अपने काठ के पुतले से सवाल करते हैं उनकी लाठी उनको जवाब देती है। क्यूँकि बदकारी की रूह ने उनको गुमराह किया है, और अपने ख़ुदा की पनाह को छोड़ कर बदकारी करते हैं। 13 पहाड़ों की चोटियों पर वह कु़र्बानियाँ और टीलों पर और बलूत — ओ — चिनार — ओ — बतम के नीचे खु़शबू जलाते हैं, क्यूँकि उनका साया अच्छा है। पस बहू बेटियाँ बदकारी करती हैं। 14 जब तुम्हारी बहू बेटियाँ बदकारी करेंगी, तो मैं उनको सज़ा नहीं दूँगा; क्यूँकि वह आप ही बदकारों के साथ खि़ख़िल्वत में जाते हैं, और कस्बियों के साथ क़ुर्बानियाँ गुज़रानते हैं। तब जो लोग 'अक़्ल से ख़ाली हैं, बर्बाद किए जाएँगे। 15 ऐ इस्राईल, अगरचे तू बदकारी करे, तोभी ऐसा न हो कि यहूदाह भी गुनहगार हो। तुम जिल्जाल में न आओ और बैतआवन पर न जाओ, और ख़ुदावन्द की हयात की क़सम न खाओ। 16 क्यूँकि इस्राईल ने सरकश बछिया की तरह सरकशी की है; क्या अब ख़ुदावन्द उनको कुशादा जगह में बर्रे की तरह चराएगा? 17 इफ़्राईम बुतों से मिल गया है; उसे छोड़ दो। 18 वह मयख़्वारी से सेर होकर बदकारी में मशग़ूल होते हैं; उसके हाकिम रुस्वाई दोस्त हैं। 19 हवा ने उसे अपने दामन में उठा लिया, वह अपनी कु़र्बानियों से शर्मिन्दा होंगे।
Total 14 ابواب, Selected باب 4 / 14
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14
×

Alert

×

Urdu Letters Keypad References