انجیل مقدس

خدا کا فضل تحفہ
1. पुराने ज़माने में ख़ुदा ने बाप — दादा से हिस्सा — ब — हिस्सा और तरह — ब — तरह नबियों के ज़रिए कलाम करके,
2. इस ज़माने के आख़िर में हम से बेटे के ज़रिए कलाम किया, जिसे उसने सब चीज़ों का वारिस ठहराया और जिसके वसीले से उसने आलम भी पैदा किए।
3. वो उसके जलाल की रोशनी और उसकी ज़ात का नक़्श होकर सब चीज़ों को अपनी क़ुदरत के कलाम से संभालता है। वो गुनाहों को धोकर 'आलम — ए — बाला पर ख़ुदा की दहनी तरफ़ जा बैठा, [PE][PS]
4. और फ़रिश्तों से इस क़दर बड़ा हो गया, जिस क़दर उसने मीरास में उनसे अफ़ज़ल नाम पाया। [PE][PS]
5. क्यूँकि फ़रिश्तों में से उसने कब किसी से कहा, [QBR] “तू मेरा बेटा है, [QBR] आज तू मुझ से पैदा हुआ?” [QBR] और फिर ये, [QBR] “मैं उसका बाप हूँगा?” [PE][PS]
6. और जब पहलौठे को दुनियाँ में फिर लाता है, तो कहता है, “ख़ुदा के सब फ़रिश्ते उसे सिज्दा करें।”
7. और वो अपने फ़रिश्तों के बारे में ये कहता है, [QBR] “वो अपने फ़रिश्तों को हवाएँ, [QBR] और अपने ख़ादिमों को आग के शो'ले बनाता है।” [PE][PS]
8. मगर बेटे के बारे में कहता है, [QBR] “ऐ ख़ुदा, तेरा तख़्त हमेशा से हमेशा तक रहेगा, [QBR] और तेरी बादशाही की 'लाठी रास्तबाज़ी की 'लाठी है। [QBR]
9. तू ने रास्तबाज़ी से मुहब्बत और बदकारी से 'अदावत रख्खी, [QBR] इसी वजह से ख़ुदा, या'नी तेरे ख़ुदा ने ख़ुशी के तेल से [QBR] तेरे साथियों की बनिस्बत तुझे ज़्यादा मसह किया।” [QBR]
10. और ये कि, “ऐ ख़ुदावन्द! तू ने शुरू में ज़मीन की नीव डाली, [QBR] और आसमान तेरे हाथ की कारीगरी है। [QBR]
11. वो मिट जाएँगे, मगर तू बाक़ी रहेगा; और [QBR] वो सब पोशाक की तरह पुराने हो जाएँगे। [QBR]
12. तू उन्हें चादर की तरह लपेटेगा, [QBR] और वो पोशाक की तरह बदल जाएँगे: [QBR] मगर तू वही रहेगा [QBR] और तेरे साल ख़त्म न होंगे।” [PE][PS]
13. लेकिन उसने फ़रिश्तों में से किसी के बारे में कब कहा, [QBR] “तू मेरी दहनी तरफ़ बैठ, [QBR] जब तक मैं तेरे दुश्मनों को तेरे पाँव तले की चौकी न कर दूँ?” [PE][PS]
14. क्या वो सब ख़िदमत गुज़ार रूहें नहीं, जो नजात की मीरास पानेवालों की ख़ातिर ख़िदमत को भेजी जाती हैं? [PE]

Notes

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عِبرانیوں 1:2
1. पुराने ज़माने में ख़ुदा ने बाप दादा से हिस्सा हिस्सा और तरह तरह नबियों के ज़रिए कलाम करके,
2. इस ज़माने के आख़िर में हम से बेटे के ज़रिए कलाम किया, जिसे उसने सब चीज़ों का वारिस ठहराया और जिसके वसीले से उसने आलम भी पैदा किए।
3. वो उसके जलाल की रोशनी और उसकी ज़ात का नक़्श होकर सब चीज़ों को अपनी क़ुदरत के कलाम से संभालता है। वो गुनाहों को धोकर 'आलम बाला पर ख़ुदा की दहनी तरफ़ जा बैठा, PEPS
4. और फ़रिश्तों से इस क़दर बड़ा हो गया, जिस क़दर उसने मीरास में उनसे अफ़ज़ल नाम पाया। PEPS
5. क्यूँकि फ़रिश्तों में से उसने कब किसी से कहा,
“तू मेरा बेटा है,
आज तू मुझ से पैदा हुआ?”
और फिर ये,
“मैं उसका बाप हूँगा?” PEPS
6. और जब पहलौठे को दुनियाँ में फिर लाता है, तो कहता है, “ख़ुदा के सब फ़रिश्ते उसे सिज्दा करें।”
7. और वो अपने फ़रिश्तों के बारे में ये कहता है,
“वो अपने फ़रिश्तों को हवाएँ,
और अपने ख़ादिमों को आग के शो'ले बनाता है।” PEPS
8. मगर बेटे के बारे में कहता है,
“ऐ ख़ुदा, तेरा तख़्त हमेशा से हमेशा तक रहेगा,
और तेरी बादशाही की 'लाठी रास्तबाज़ी की 'लाठी है।
9. तू ने रास्तबाज़ी से मुहब्बत और बदकारी से 'अदावत रख्खी,
इसी वजह से ख़ुदा, या'नी तेरे ख़ुदा ने ख़ुशी के तेल से
तेरे साथियों की बनिस्बत तुझे ज़्यादा मसह किया।”
10. और ये कि, “ऐ ख़ुदावन्द! तू ने शुरू में ज़मीन की नीव डाली,
और आसमान तेरे हाथ की कारीगरी है।
11. वो मिट जाएँगे, मगर तू बाक़ी रहेगा; और
वो सब पोशाक की तरह पुराने हो जाएँगे।
12. तू उन्हें चादर की तरह लपेटेगा,
और वो पोशाक की तरह बदल जाएँगे:
मगर तू वही रहेगा
और तेरे साल ख़त्म होंगे।” PEPS
13. लेकिन उसने फ़रिश्तों में से किसी के बारे में कब कहा,
“तू मेरी दहनी तरफ़ बैठ,
जब तक मैं तेरे दुश्मनों को तेरे पाँव तले की चौकी कर दूँ?” PEPS
14. क्या वो सब ख़िदमत गुज़ार रूहें नहीं, जो नजात की मीरास पानेवालों की ख़ातिर ख़िदमत को भेजी जाती हैं? PE
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