انجیل مقدس

خدا کا فضل تحفہ
1. {हम जो बोते हैं वही काटते है } [PS]ऐ भाइयों! अगर कोई आदमी किसी क़ुसूर में पकड़ा भी जाए तो तुम जो रूहानी हो, उसको नर्म मिज़ाजी से बहाल करो, और अपना भी ख्याल रख कहीं तू भी आज़माइश में न पड़ जाए।
2. तुम एक दूसरे का बोझ उठाओ, और यूँ मसीह की शरी' अत को पूरा करो। [PE]
3. [PS]क्यूँकि अगर कोई शख़्स अपने आप को कुछ समझे और कुछ भी न हो, तो अपने आप को धोखा देता है।
4. पस हर शख़्स अपने ही काम को आज़माले, इस सूरत में उसे अपने ही बारे में फ़ख़्र करने का मौक़ा'होगा न कि दूसरे के बारे में।
5. क्यूँकि हर शख़्स अपना ही बोझ उठाएगा। [PE]
6. [PS]कलाम की ता'लीम पानेवाला, ता'लीम देनेवाले को सब अच्छी चीज़ों में शरीक करे।
7. धोखा न खाओ; ख़ुदा ठठ्ठों में नहीं उड़ाया जाता, क्यूँकि आदमी जो कुछ बोता है वही काटेगा।
8. जो कोई अपने जिस्म के लिए बोता है, वो जिस्म से हलाकत की फ़स्ल काटेगा; और जो रूह के लिए बोता है, वो पाक रूह से हमेशा की ज़िन्दगी की फ़सल काटेगा। [PE]
9. [PS]हम नेक काम करने में हिम्मत न हारें, क्यूँकि अगर बेदिल न होंगे तो 'सही वक़्त पर काटेंगे।
10. पस जहाँ तक मौक़ा मिले सबके साथ नेकी करें ख़ासकर अहले ईमान के साथ। [PE]
11. [PS]देखो, मैंने कैसे बड़े बड़े हरफों में तुम को अपने हाथ से लिखा है।
12. जितने लोग जिस्मानी ज़ाहिर होना चाहते हैं वो तुम्हें ख़तना कराने पर मजबूर करते हैं, सिर्फ़ इसलिए कि मसीह की सलीब के वजह से सताए न जाँए।
13. क्यूँकि ख़तना कराने वाले ख़ुद भी शरी'अत पर अमल नहीं करते, मगर तुम्हारा ख़तना इस लिए कराना चाहते हैं, कि तुम्हारी जिस्मानी हालत पर फ़ख़्र करें। [PE]
14. [PS]लेकिन ख़ुदा न करे कि मैं किसी चीज़ पर फ़ख़्र, करूँ सिवा अपने ख़ुदावन्द मसीह ईसा की सलीब के, जिससे दुनिया मेरे ए'तिबार से।
15. क्यूँकि न ख़तना कुछ चीज़ है न नामख़्तूनी, बल्कि नए सिरे से मख़लूक़ होना।
16. और जितने इस क़ईदे पर चलें उन्हें, और ख़ुदा के इस्राईल को इत्मीनान और रहम हासिल होता रहे। [PE]
17.
18. [PS]आगे को कोई मुझे तकलीफ़ न दे, क्यूँकि मैं अपने जिस्म पर मसीह के दाग़ लिए फिरता हूँ। [PE][PS]ऐ भाइयों! हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह का फ़ज़ल तुम्हारे साथ रहे। अमीन[PE]
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1 {हम जो बोते हैं वही काटते है } ऐ भाइयों! अगर कोई आदमी किसी क़ुसूर में पकड़ा भी जाए तो तुम जो रूहानी हो, उसको नर्म मिज़ाजी से बहाल करो, और अपना भी ख्याल रख कहीं तू भी आज़माइश में न पड़ जाए। 2 तुम एक दूसरे का बोझ उठाओ, और यूँ मसीह की शरी' अत को पूरा करो। 3 क्यूँकि अगर कोई शख़्स अपने आप को कुछ समझे और कुछ भी न हो, तो अपने आप को धोखा देता है। 4 पस हर शख़्स अपने ही काम को आज़माले, इस सूरत में उसे अपने ही बारे में फ़ख़्र करने का मौक़ा'होगा न कि दूसरे के बारे में। 5 क्यूँकि हर शख़्स अपना ही बोझ उठाएगा। 6 कलाम की ता'लीम पानेवाला, ता'लीम देनेवाले को सब अच्छी चीज़ों में शरीक करे। 7 धोखा न खाओ; ख़ुदा ठठ्ठों में नहीं उड़ाया जाता, क्यूँकि आदमी जो कुछ बोता है वही काटेगा। 8 जो कोई अपने जिस्म के लिए बोता है, वो जिस्म से हलाकत की फ़स्ल काटेगा; और जो रूह के लिए बोता है, वो पाक रूह से हमेशा की ज़िन्दगी की फ़सल काटेगा। 9 हम नेक काम करने में हिम्मत न हारें, क्यूँकि अगर बेदिल न होंगे तो 'सही वक़्त पर काटेंगे। 10 पस जहाँ तक मौक़ा मिले सबके साथ नेकी करें ख़ासकर अहले ईमान के साथ। 11 देखो, मैंने कैसे बड़े बड़े हरफों में तुम को अपने हाथ से लिखा है। 12 जितने लोग जिस्मानी ज़ाहिर होना चाहते हैं वो तुम्हें ख़तना कराने पर मजबूर करते हैं, सिर्फ़ इसलिए कि मसीह की सलीब के वजह से सताए न जाँए। 13 क्यूँकि ख़तना कराने वाले ख़ुद भी शरी'अत पर अमल नहीं करते, मगर तुम्हारा ख़तना इस लिए कराना चाहते हैं, कि तुम्हारी जिस्मानी हालत पर फ़ख़्र करें। 14 लेकिन ख़ुदा न करे कि मैं किसी चीज़ पर फ़ख़्र, करूँ सिवा अपने ख़ुदावन्द मसीह ईसा की सलीब के, जिससे दुनिया मेरे ए'तिबार से। 15 क्यूँकि न ख़तना कुछ चीज़ है न नामख़्तूनी, बल्कि नए सिरे से मख़लूक़ होना। 16 और जितने इस क़ईदे पर चलें उन्हें, और ख़ुदा के इस्राईल को इत्मीनान और रहम हासिल होता रहे। 17 18 आगे को कोई मुझे तकलीफ़ न दे, क्यूँकि मैं अपने जिस्म पर मसीह के दाग़ लिए फिरता हूँ। ऐ भाइयों! हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह का फ़ज़ल तुम्हारे साथ रहे। अमीन
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