انجیل مقدس

خدا کا فضل تحفہ
1. {खु़दावन्द के आने से पहले होने वाली बातें } [PS]ऐ भाइयों! हम अपने ख़ुदा वन्द ईसा मसीह के आने और उस के पास जमा होने के बारे में तुम से दरख़्वास्त करते हैं।
2. कि किसी रूह या कलाम या ख़त से जो गोया हमारी तरफ़ से हो ये समझ कर कि ख़ुदावन्द के वापस आने का दिन आ पहुँचा है तुम्हारी अक़्ल अचानक परेशान न हो जाए और न तुम घबराओ। [PE]
3. [PS]किसी तरह से किसी के धोखे में न आना क्यूँकि वो दिन नहीं आएगा जब तक कि पहले बरगश्तगी न हो और वो गुनाह का शख़्स या'नी हलाकत का फ़र्ज़न्द ज़ाहिर न हो।
4. जो मुख़ालिफ़त करता है और हर एक से जो ख़ुदा या मा'बूद कहलाता है अपने आप को बड़ा ठहराता है; यहाँ तक कि वो ख़ुदा के मक़्दिस में बैठ कर अपने आप को ख़ुदा ज़ाहिर करता है। [PE]
5. [PS]क्या तुम्हें याद नहीं कि जब मैं तुम्हारे पास था तो तुम से ये बातें कहा करता था?
6. अब जो चीज़ उसे रोक रही है ताकि वो अपने ख़ास वक़्त पर ज़ाहिर हो उस को तुम जानते हो।
7. क्यूँकी बेदीनी का राज़ तो अब भी तासीर करता जाता है मगर अब एक रोकने वाला है और जब तक कि वो दूर न किया जाए रोके रहेगा। [PE]
8. [PS]उस वक़्त वो बेदीन ज़ाहिर होगा, जिसे ख़ुदावन्द येसू अपने मुँह की फूँक से हलाक और अपनी आमद के जलाल से मिटा देगा।
9. और जिसकी आमद शैतान की तासीर के मुवाफ़िक़ हर तरह की झूठी क़ुदरत और निशानों और अजीब कामों के साथ,
10. और हलाक होने वालों के लिए नारास्ती के हर तरह के धोखे के साथ होगी इस वास्ते कि उन्हों ने हक़ की मुहब्बत को इख़्तियार न किया जिससे उनकी नजात होती। [PE]
11. [PS]इसी वजह से ख़ुदा उन के पास गुमराह करने वाली तासीर भेजेगा ताकि वो झूठ को सच जानें।
12. और जितने लोग हक़ का यक़ीन नहीं करते बल्कि नारास्ती को पसन्द करते हैं; वो सज़ा पाएँगे। [PE]
13. [PS]लेकिन तुम्हारे बारे में ऐ भाइयों! ख़ुदावन्द के प्यारों हर वक़्त ख़ुदा का शुक्र करना हम पर फ़र्ज़ है क्यूँकि ख़ुदा ने तुम्हें शुरू से ही इसलिए चुन लिया था कि रूह के ज़रिए से पाकीज़ा बन कर और हक़ पर ईमान लाकर नजात पाओ।
14. जिस के लिए उस ने तुम्हें हमारी ख़ुशख़बरी के वसीले से बुलाया ताकि तुम हमारे ख़ुदा वन्द 'ईसा मसीह का जलाल हासिल करो।
15. पस ऐ भाइयों! साबित क़दम रहो, और जिन रवायतों की तुम ने हमारी ज़बानी या ख़त के ज़रिए से ता'लीम पाई है उन पर क़ाईम रहो। [PE]
16. [PS]अब हमारा ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह ख़ुद और हमारा बाप ख़ुदा जिसने हम से मुहब्बत रखी और फ़ज़ल से हमेशा तसल्ली और अच्छी उम्मीद बख़्शी
17. तुम्हारे दिलों को तसल्ली दे और हर एक नेक काम और कलाम में मज़बूत करे। [PE]
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1 {खु़दावन्द के आने से पहले होने वाली बातें } ऐ भाइयों! हम अपने ख़ुदा वन्द ईसा मसीह के आने और उस के पास जमा होने के बारे में तुम से दरख़्वास्त करते हैं। 2 कि किसी रूह या कलाम या ख़त से जो गोया हमारी तरफ़ से हो ये समझ कर कि ख़ुदावन्द के वापस आने का दिन आ पहुँचा है तुम्हारी अक़्ल अचानक परेशान न हो जाए और न तुम घबराओ। 3 किसी तरह से किसी के धोखे में न आना क्यूँकि वो दिन नहीं आएगा जब तक कि पहले बरगश्तगी न हो और वो गुनाह का शख़्स या'नी हलाकत का फ़र्ज़न्द ज़ाहिर न हो। 4 जो मुख़ालिफ़त करता है और हर एक से जो ख़ुदा या मा'बूद कहलाता है अपने आप को बड़ा ठहराता है; यहाँ तक कि वो ख़ुदा के मक़्दिस में बैठ कर अपने आप को ख़ुदा ज़ाहिर करता है। 5 क्या तुम्हें याद नहीं कि जब मैं तुम्हारे पास था तो तुम से ये बातें कहा करता था? 6 अब जो चीज़ उसे रोक रही है ताकि वो अपने ख़ास वक़्त पर ज़ाहिर हो उस को तुम जानते हो। 7 क्यूँकी बेदीनी का राज़ तो अब भी तासीर करता जाता है मगर अब एक रोकने वाला है और जब तक कि वो दूर न किया जाए रोके रहेगा। 8 उस वक़्त वो बेदीन ज़ाहिर होगा, जिसे ख़ुदावन्द येसू अपने मुँह की फूँक से हलाक और अपनी आमद के जलाल से मिटा देगा। 9 और जिसकी आमद शैतान की तासीर के मुवाफ़िक़ हर तरह की झूठी क़ुदरत और निशानों और अजीब कामों के साथ, 10 और हलाक होने वालों के लिए नारास्ती के हर तरह के धोखे के साथ होगी इस वास्ते कि उन्हों ने हक़ की मुहब्बत को इख़्तियार न किया जिससे उनकी नजात होती। 11 इसी वजह से ख़ुदा उन के पास गुमराह करने वाली तासीर भेजेगा ताकि वो झूठ को सच जानें। 12 और जितने लोग हक़ का यक़ीन नहीं करते बल्कि नारास्ती को पसन्द करते हैं; वो सज़ा पाएँगे। 13 लेकिन तुम्हारे बारे में ऐ भाइयों! ख़ुदावन्द के प्यारों हर वक़्त ख़ुदा का शुक्र करना हम पर फ़र्ज़ है क्यूँकि ख़ुदा ने तुम्हें शुरू से ही इसलिए चुन लिया था कि रूह के ज़रिए से पाकीज़ा बन कर और हक़ पर ईमान लाकर नजात पाओ। 14 जिस के लिए उस ने तुम्हें हमारी ख़ुशख़बरी के वसीले से बुलाया ताकि तुम हमारे ख़ुदा वन्द 'ईसा मसीह का जलाल हासिल करो। 15 पस ऐ भाइयों! साबित क़दम रहो, और जिन रवायतों की तुम ने हमारी ज़बानी या ख़त के ज़रिए से ता'लीम पाई है उन पर क़ाईम रहो। 16 अब हमारा ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह ख़ुद और हमारा बाप ख़ुदा जिसने हम से मुहब्बत रखी और फ़ज़ल से हमेशा तसल्ली और अच्छी उम्मीद बख़्शी 17 तुम्हारे दिलों को तसल्ली दे और हर एक नेक काम और कलाम में मज़बूत करे।
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