انجیل مقدس

خدا کا فضل تحفہ
1. {पौलुस का सलाम } [PS]पौलुस की तरफ़ से जो उस ज़िन्दगी के वा'दे के मुताबिक़ जो मसीह ईसा में है ख़ुदा की मर्ज़ी से मसीह 'ईसा का रसूल है।
2. प्यारे बेटे तीमुथियुस के नाम ख़त:फ़ज़ल रहम और इत्मीनान ख़ुदा बाप और हमारे ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह की तरफ़ से तुझे हासिल होता रहे। [PE]
3. [PS]जिस ख़ुदा की इबादत में साफ़ दिल से बाप दादा के तौर पर करता हूँ; उसका शुक्र है कि अपनी दुआओं में बिला नाग़ा तुझे याद रखता हूँ।
4. और तेरे आँसुओं को याद करके रात दिन तेरी मुलाक़ात का मुश्ताक़ रहता हूँ ताकि ख़ुशी से भर जाऊँ।
5. और मुझे तेरा वो बे रिया ईमान याद दिलाया गया है जो पहले तेरी नानी लूइस और तेरी माँ यूनीके रखती थीं और मुझे यक़ीन है कि तू भी रखता है। [PE]
6. [PS]इसी वजह से मै तुझे याद दिलाता हूँ कि तू ख़ुदा की उस ने'अमत को चमका दे जो मेरे हाथ रखने के ज़रिए तुझे हासिल है।
7. क्यूँकि ख़ुदा ने हमें दहशत की रूह नहीं बल्कि क़ुदरत और मुहब्बत और तरबियत की रूह दी है। [PE]
8. [PS]पस, हमारे ख़ुदावन्द की गवाही देने से और मुझ से जो उसका क़ैदी हूँ शर्म न कर बल्कि ख़ुदा की क़ुदरत के मुताबिक़ ख़ुशख़बरी की ख़ातिर मेरे साथ दु:ख उठा।
9. जिस ने हमें नजात दी और पाक बुलावे से बुलाया हमारे कामों के मुताबिक़ नहीं बल्कि अपने ख़ास इरादा और उस फ़ज़ल के मुताबिक़ जो मसीह 'ईसा में हम पर शुरू से हुआ।
10. मगर अब हमारे मुन्जी मसीह 'ईसा के आने से ज़ाहिर हुआ जिस ने मौत को बरबाद और बाक़ी ज़िन्दगी को उस ख़ुशख़बरी के वसीले से रौशन कर दिया।
11. जिस के लिए मैं ऐलान करने वाला और रसूल और उस्ताद मुक़र्रर हुआ।
12. इसी वजह से मैं ये दु:ख भी उठाता हूँ, लेकिन शर्माता नहीं क्यूँकि जिसका मैं ने यक़ीन किया है उसे जानता हूँ और मुझे यक़ीन है कि वो मेरी अमानत की उस दिन तक हिफ़ाज़त कर सकता है। [PE]
13. [PS]जो सही बातें तू ने मुझ से सुनी उस ईमान और मुहब्बत के साथ जो मसीह ईसा में है उन का ख़ाका याद रख।
14. रूह — उल — क़ुद्दुस के वसीले से जो हम में बसा हुआ है इस अच्छी अमानत की हिफ़ाज़त कर। [PE]
15. [PS]तू ये जानता है कि आसिया सूबे के सब लोग मुझ से ख़फ़ा हो गए; जिन में से फ़ूगलुस और हरमुगिनेस हैं।
16. ख़ुदावन्द उनेस्फिरुस के घराने पर रहम करे क्यूँकि उस ने बहुत मर्तबा मुझे ताज़ा दम किया और मेरी क़ैद से शर्मिन्दा न हुआ।
17. बल्कि जब वो रोमा शहर में आया तो कोशिश से तलाश करके मुझ से मिला।
18. ख़ुदावन्द उसे ये बख़्शे कि उस दिन उस पर ख़ुदावन्द का रहम हो और उस ने इफ़िसुस में जो जो ख़िदमतें कीं तू उन्हें ख़ूब जानता है। [PE]
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1 {पौलुस का सलाम } पौलुस की तरफ़ से जो उस ज़िन्दगी के वा'दे के मुताबिक़ जो मसीह ईसा में है ख़ुदा की मर्ज़ी से मसीह 'ईसा का रसूल है। 2 प्यारे बेटे तीमुथियुस के नाम ख़त:फ़ज़ल रहम और इत्मीनान ख़ुदा बाप और हमारे ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह की तरफ़ से तुझे हासिल होता रहे। 3 जिस ख़ुदा की इबादत में साफ़ दिल से बाप दादा के तौर पर करता हूँ; उसका शुक्र है कि अपनी दुआओं में बिला नाग़ा तुझे याद रखता हूँ। 4 और तेरे आँसुओं को याद करके रात दिन तेरी मुलाक़ात का मुश्ताक़ रहता हूँ ताकि ख़ुशी से भर जाऊँ। 5 और मुझे तेरा वो बे रिया ईमान याद दिलाया गया है जो पहले तेरी नानी लूइस और तेरी माँ यूनीके रखती थीं और मुझे यक़ीन है कि तू भी रखता है। 6 इसी वजह से मै तुझे याद दिलाता हूँ कि तू ख़ुदा की उस ने'अमत को चमका दे जो मेरे हाथ रखने के ज़रिए तुझे हासिल है। 7 क्यूँकि ख़ुदा ने हमें दहशत की रूह नहीं बल्कि क़ुदरत और मुहब्बत और तरबियत की रूह दी है। 8 पस, हमारे ख़ुदावन्द की गवाही देने से और मुझ से जो उसका क़ैदी हूँ शर्म न कर बल्कि ख़ुदा की क़ुदरत के मुताबिक़ ख़ुशख़बरी की ख़ातिर मेरे साथ दु:ख उठा। 9 जिस ने हमें नजात दी और पाक बुलावे से बुलाया हमारे कामों के मुताबिक़ नहीं बल्कि अपने ख़ास इरादा और उस फ़ज़ल के मुताबिक़ जो मसीह 'ईसा में हम पर शुरू से हुआ। 10 मगर अब हमारे मुन्जी मसीह 'ईसा के आने से ज़ाहिर हुआ जिस ने मौत को बरबाद और बाक़ी ज़िन्दगी को उस ख़ुशख़बरी के वसीले से रौशन कर दिया। 11 जिस के लिए मैं ऐलान करने वाला और रसूल और उस्ताद मुक़र्रर हुआ। 12 इसी वजह से मैं ये दु:ख भी उठाता हूँ, लेकिन शर्माता नहीं क्यूँकि जिसका मैं ने यक़ीन किया है उसे जानता हूँ और मुझे यक़ीन है कि वो मेरी अमानत की उस दिन तक हिफ़ाज़त कर सकता है। 13 जो सही बातें तू ने मुझ से सुनी उस ईमान और मुहब्बत के साथ जो मसीह ईसा में है उन का ख़ाका याद रख। 14 रूह — उल — क़ुद्दुस के वसीले से जो हम में बसा हुआ है इस अच्छी अमानत की हिफ़ाज़त कर। 15 तू ये जानता है कि आसिया सूबे के सब लोग मुझ से ख़फ़ा हो गए; जिन में से फ़ूगलुस और हरमुगिनेस हैं। 16 ख़ुदावन्द उनेस्फिरुस के घराने पर रहम करे क्यूँकि उस ने बहुत मर्तबा मुझे ताज़ा दम किया और मेरी क़ैद से शर्मिन्दा न हुआ। 17 बल्कि जब वो रोमा शहर में आया तो कोशिश से तलाश करके मुझ से मिला। 18 ख़ुदावन्द उसे ये बख़्शे कि उस दिन उस पर ख़ुदावन्द का रहम हो और उस ने इफ़िसुस में जो जो ख़िदमतें कीं तू उन्हें ख़ूब जानता है।
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