1. उस वक़्त युरब'आम का बेटा अबियाह बीमार पड़ा।
2. और युरब'आम ने अपनी बीवी से कहा, “ज़रा उठ कर अपना भेस बदल डाल, ताकि पहचान न हो सके कि तू युरब'आम की बीवी है, और शीलोह को चली जा। देख, अखि़याह नबी वहाँ है जिसने मेरे बारे में कहा था कि मैं इस क़ौम का बादशाह हूँगा।
3. और दस रोटियाँ और पपड़ियाँ और शहद का एक मर्तबान अपने साथ ले, और उसके पास जा; वह तुझे बता देगा कि लड़के का क्या हाल होगा।”
4. तब युरब'आम की बीवी ने ऐसा ही किया, और उठकर शीलोह को गई और अख़ियाह के घर पहुँची; लेकिन अखि़याह को कुछ नज़र नहीं आता था, क्यूँकि बुढ़ापे की वजह से उसकी आँखें रह गई थीं।
5. और ख़ुदावन्द ने अखि़याह से कहा, “देख, युरब'आम की बीवी तुझ से अपने बेटे के बारे में पूछने आ रही है, क्यूँकि वह बीमार है। तब तू उससे ऐसा ऐसा कहना, क्यूँकि जब वह अन्दर आएगी तो अपने आपको दूसरी 'औरत बनाएगी।”
6. और जैसे ही वह दरवाज़े से अन्दर आई, और अख़ियाह ने उसके पाँव की आहट सुनी तो उसने उससे कहा, “ऐ युरब'आम की बीवी, अन्दर आ! तू क्यूँ अपने को दूसरी बनाती है? क्यूँकि मैं तो तेरे ही पास सख़्त पैग़ाम के साथ भेजा गया हूँ।
7. इसलिए जाकर युरब'आम से कह, 'ख़ुदावन्द इस्राईल का ख़ुदा ऐसा फ़रमाता है, हालाँकि मैंने तुझे लोगों में से लेकर सरफ़राज़ किया, और अपनी कौम इस्राईल पर तुझे बादशाह बनाया।
8. और दाऊद के घराने से हुकूमत छीन ली और तुझे दी; तोभी तू मेरे बन्दे दाऊद की तरह न हुआ, जिसने मेरे हुक्म माने और अपने सारे दिल से मेरी पैरवी की ताकि सिर्फ़ वही करे जो मेरी नज़र में ठीक था,
9. लेकिन तू ने उन सभों से जो तुझ से पहले हुए ज़्यादा बदी की, और जाकर अपने लिए और और मा'बूद और ढाले हुए बुत बनाए ताकि मुझे ग़ुस्सा दिलाए; बल्कि तू ने मुझे अपनी पीठ के पीछे फेंका।
10. इसलिए देख, मैं युरब'आम के घराने पर बला नाज़िल करूँगा, और युरब'आम की नसल के हर एक लड़के को, यानी हर एक को जो इस्राईल में बन्द है और उसको जो आज़ाद छूटा हुआ है, काट डालूँगा, और युरब'आम के घराने की सफ़ाई कर दूँगा, जैसे कोई गोबर की सफ़ाई करता हो, जब तक वह सब दूर न हो जाए।
11. युरब'आम का जो कोई शहर में मरेगा उसे कुत्ते खाएँगे और जो मैदान में मरेगा उसे हवा के परिन्दे चट कर जाएँगे, क्यूँकि ख़ुदावन्द ने यह फ़रमाया है।
12. इसलिए तू उठ और अपने घर जा, और जैसे ही तेरा क़दम शहर में पड़ेगा वह लड़का मर जाएगा।
13. और सारा इस्राईल उसके लिए रोएगा और उसे दफ़न करेगा क्यूँकि युरब'आम की औलाद में से सिर्फ़ उसी को क़ब्र नसीब होगी, इसलिए कि युरब'आम के घराने में से इसी में कुछ पाया गया जो ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा के नज़दीक भला है।
14. 'अलावा इसके ख़ुदावन्द अपनी तरफ़ से इस्राईल के लिए एक ऐसा बादशाह पैदा करेगा जो उसी दिन युरब'आम के घराने को काट डालेगा, लेकिन कब? यह अभी होगा।
15. क्यूँकि ख़ुदावन्द इस्राईल को ऐसा मारेगा जैसे सरकण्डा पानी में हिलाया जाता है, और वह इस्राईल को इस अच्छे मुल्क से जो उसने उनके बाप दादा को दिया था उखाड़ फेंकेगा, और उनको दरिया — ए — फ़ुरात के पार बिखेर देगा; क्यूँकि उन्होंने अपने लिए यसीरतें बनाई और ख़ुदावन्द को ग़ुस्सा दिलाया है।
16. और वह इस्राईल को युरब'आम के उन गुनाहों की वजह से छोड़ देगा जो उसने ख़ुद किए, और जिनसे उसने इस्राईल से गुनाह कराया।”
17. और युरब'आम की बीवी उठकर रवाना हुई और तिरज़ा में आई, और जैसे ही वह घर की चौखट पर पहुँची वह लड़का मर गया;
18. और सारे इस्राईल ने जैसा ख़ुदावन्द ने अपने बन्दे अख़ियाह नबी की ज़रिए' फ़रमाया था, उसे दफ़न करके उस पर नौहा किया।
19. युरब'आम का बाक़ी हाल कि वह किस किस तरह लड़ा और उसने क्यूँकर हुकूमत की, वह इस्राईल के बादशाहों की तवारीख़ की किताब में लिखा है।
20. और जितनी मुद्दत तक युरब'आम ने हुकूमत की वह बाईस साल की थी, और वह अपने बाप दादा के साथ सो गया और उसका बेटा नदब उसकी जगह बादशाह हुआ।
21. सुलेमान का बेटा रहुब'आम यहूदाह में बादशाह था। रहुब'आम इकतालीस साल का था, जब वह बादशाही करने लगा और उसने येरूशलेम यानी उस शहर में, जिसे ख़ुदावन्द ने बनी — इस्राईल के सब क़बीलों में से चुना था ताकि अपना नाम वहाँ रख्खे, सतरह साल हुकूमत की; और उसकी माँ का नाम ना'मा था जो 'अमोनी 'औरत थी।
22. और यहूदाह ने ख़ुदावन्द के सामने बदी की और जो गुनाह उनके बाप — दादा ने किए थे उनसे भी ज़्यादा उन्होंने अपने गुनाहों से, जो उनसे सरज़द हुए, उसकी ग़ैरत को भड़काया।
23. क्यूँकि उन्होंने अपने लिए हर एक ऊँचे टीले पर और हर एक हरे दरख़्त के नीचे, ऊँचे मक़ाम और सुतून और यसीरतें बनाई,
24. और उस मुल्क में लूती भी थे। वह उन क़ौमों के सब मकरूह काम करते थे, जिनको ख़ुदावन्द ने बनी इस्राईल के सामने से निकाल दिया था।
25. रहुब'आम बादशाह के पाँचवें साल में शाह — ए — मिस्र सीसक ने येरूशलेम पर पेश की।
26. और उसने ख़ुदावन्द के घर के ख़ज़ानों और शाही महल के ख़ज़ानों को ले लिया, बल्कि उसने सब कुछ ले लिया, और सोने की वह सब ढालें भी ले गया जो सुलेमान ने बनाई थीं।
27. और रहुब'आम बादशाह ने उनके बदले पीतल की ढालें बनाई और उनको मुहाफ़िज़ सिपाहियों के सरदारों के हवाले किया जो शाही महल के दरवाज़े पर पहरा देते थे।
28. और जब बादशाह ख़ुदावन्द के घर में जाता तो वह सिपाही उनको लेकर चलते, और फिर उनको वापस लाकर सिपाहियों की कोठरी में रख देते थे।
29. और रहुब'आम का बाक़ी हाल और सब कुछ जो उसने किया, तो क्या वह यहूदाह के बादशाहों की तवारीख़ की किताब में लिखा नहीं है?
30. और रहुब'आम और युरब'आम में बराबर जंग रही।
31. और रहुब'आम अपने बाप — दादा के साथ सो गया और दाऊद के शहर में अपने बाप — दादा के साथ दफ़न हुआ, उसकी माँ का नाम ना'मा था जो 'अम्मोनी 'औरत थी; और उसका बेटा अबियाम उसकी जगह बादशाह हुआ। [PE]