انجیل مقدس

خدا کا فضل تحفہ
1. अब उस चन्दे के बारे में जो मुक़द्दसों के लिए किया जाता है; जैसा मैं ने ग़लतिया की कलीसियाओं को हुक्म दिया वैसे ही तुम भी करो।
2. हफ़्ते के पहले दिन तुम में से हर शख़्स अपनी आमदनी के मुवाफ़िक़ कुछ अपने पास रख छोड़ा करे ताकि मेरे आने पर चन्दा न करना पड़े। [PE][PS]
3. और जब मैं आऊँगा तो जिन्हें तुम मंज़ूर करोगे उनको मैं ख़त देकर भेज दूँगा कि तुम्हारी ख़ैरात येरूशलेम को पहुँचा दें।
4. अगर मेरा भी जाना मुनासिब हुआ तो वो मेरे साथ जाएँगे। [PE][PS]
5. मैं मकिदुनिया होकर तुम्हारे पास आऊँगा; क्यूँकि मुझे मकिदुनिया हो कर जाना तो है ही।
6. मगर रहूँगा शायद तुम्हारे पास और जाड़ा भी तुम्हारे पास ही काटूँ ताकि जिस तरफ़ मैं जाना चाहूँ तुम मुझे उस तरफ़ रवाना कर दो। [PE][PS]
7. क्यूँकि मैं अब राह में तुम से मुलाक़ात करना नहीं चाहता बल्कि मुझे उम्मीद है कि ख़ुदावन्द ने चाहा तो कुछ अरसे तुम्हारे पास रहूँगा।
8. लेकिन मैं ईद'ए पिन्तेकुस्त तक इफ़िसुस में रहूँगा।
9. क्यूँकि मेरे लिए एक वसी' और कार आमद दरवाज़ा खुला है और मुख़ालिफ़ बहुत से हैं। [PE][PS]
10. अगर तीमुथियुस आ जाए तो ख्याल रखना कि वो तुम्हारे पास बेख़ौफ़ रहे क्यूँकि वो मेरी तरह ख़ुदावन्द का काम करता है।
11. पस कोई उसे हक़ीर न जाने बल्कि उसको सही सलामत इस तरफ़ रवाना करना कि मेरे पास आजाए क्यूँकि मैं मुन्तज़िर हूँ कि वो भाइयों समेत आए।
12. और भाई अपुल्लोस से मैंने बहुत इल्तिमास किया कि तुम्हारे पास भाइयों के साथ जाए; मगर इस वक़्त जाने पर वो अभी राज़ी न हुआ लेकिन जब उस को मौक़ा मिलेगा तो जाएगा। [PE][PS]
13. जागते रहो ईमान में क़ाईम रहो मर्दानगी करो मज़बूत हो।
14. जो कुछ करते हो मुहब्बत से करो। [PE][PS]
15. ऐ भाइयों! तुम स्तिफ़नास के ख़ानदान को जानते हो कि वो अख़िया के पहले फल हैं और मुक़द्दसों की ख़िदमत के लिए तैयार रहते हैं।
16. पस मैं तुम से इल्तिमास करता हूँ कि ऐसे लोगों के ताबे रहो बल्कि हर एक के जो इस काम और मेहनत में शरीक हैं। [PE][PS]
17. और मैं स्तिफ़नास और फ़रतूनातूस और अख़ीकुस के आने से ख़ुश हूँ क्यूँकि जो तुम में से रह गया था उन्होंने पूरा कर दिया।
18. और उन्होंने मेरी और तुम्हारी रूह को ताज़ा किया पस ऐसों को मानो। [PE][PS]
19. आसिया की कलीसिया तुम को सलाम कहती है अक्विला और प्रिस्का उस कलीसिया समेत जो उन के घर में हैं, तुम्हें ख़ुदावन्द में बहुत बहुत सलाम कहते हैं।
20. सब भाई तुम्हें सलाम कहते हैं पाक बोसा लेकर आपस में सलाम करो। [PE][PS]
21. मैं पौलुस अपने हाथ से सलाम लिखता हूँ।
22. जो कोई ख़ुदावन्द को अज़ीज़ नहीं रखता मला'ऊन हो हमारा ख़ुदावन्द आने वाला है।
23. ख़ुदावन्द ईसा मसीह का फ़ज़ल तुम पर होता रहे।
24. मेरी मुहब्बत ईसा मसीह में तुम सब से रहे। आमीन। [PE]

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کُرنتھِیوں ۱ 16:8
1. अब उस चन्दे के बारे में जो मुक़द्दसों के लिए किया जाता है; जैसा मैं ने ग़लतिया की कलीसियाओं को हुक्म दिया वैसे ही तुम भी करो।
2. हफ़्ते के पहले दिन तुम में से हर शख़्स अपनी आमदनी के मुवाफ़िक़ कुछ अपने पास रख छोड़ा करे ताकि मेरे आने पर चन्दा करना पड़े। PEPS
3. और जब मैं आऊँगा तो जिन्हें तुम मंज़ूर करोगे उनको मैं ख़त देकर भेज दूँगा कि तुम्हारी ख़ैरात येरूशलेम को पहुँचा दें।
4. अगर मेरा भी जाना मुनासिब हुआ तो वो मेरे साथ जाएँगे। PEPS
5. मैं मकिदुनिया होकर तुम्हारे पास आऊँगा; क्यूँकि मुझे मकिदुनिया हो कर जाना तो है ही।
6. मगर रहूँगा शायद तुम्हारे पास और जाड़ा भी तुम्हारे पास ही काटूँ ताकि जिस तरफ़ मैं जाना चाहूँ तुम मुझे उस तरफ़ रवाना कर दो। PEPS
7. क्यूँकि मैं अब राह में तुम से मुलाक़ात करना नहीं चाहता बल्कि मुझे उम्मीद है कि ख़ुदावन्द ने चाहा तो कुछ अरसे तुम्हारे पास रहूँगा।
8. लेकिन मैं ईद'ए पिन्तेकुस्त तक इफ़िसुस में रहूँगा।
9. क्यूँकि मेरे लिए एक वसी' और कार आमद दरवाज़ा खुला है और मुख़ालिफ़ बहुत से हैं। PEPS
10. अगर तीमुथियुस जाए तो ख्याल रखना कि वो तुम्हारे पास बेख़ौफ़ रहे क्यूँकि वो मेरी तरह ख़ुदावन्द का काम करता है।
11. पस कोई उसे हक़ीर जाने बल्कि उसको सही सलामत इस तरफ़ रवाना करना कि मेरे पास आजाए क्यूँकि मैं मुन्तज़िर हूँ कि वो भाइयों समेत आए।
12. और भाई अपुल्लोस से मैंने बहुत इल्तिमास किया कि तुम्हारे पास भाइयों के साथ जाए; मगर इस वक़्त जाने पर वो अभी राज़ी हुआ लेकिन जब उस को मौक़ा मिलेगा तो जाएगा। PEPS
13. जागते रहो ईमान में क़ाईम रहो मर्दानगी करो मज़बूत हो।
14. जो कुछ करते हो मुहब्बत से करो। PEPS
15. भाइयों! तुम स्तिफ़नास के ख़ानदान को जानते हो कि वो अख़िया के पहले फल हैं और मुक़द्दसों की ख़िदमत के लिए तैयार रहते हैं।
16. पस मैं तुम से इल्तिमास करता हूँ कि ऐसे लोगों के ताबे रहो बल्कि हर एक के जो इस काम और मेहनत में शरीक हैं। PEPS
17. और मैं स्तिफ़नास और फ़रतूनातूस और अख़ीकुस के आने से ख़ुश हूँ क्यूँकि जो तुम में से रह गया था उन्होंने पूरा कर दिया।
18. और उन्होंने मेरी और तुम्हारी रूह को ताज़ा किया पस ऐसों को मानो। PEPS
19. आसिया की कलीसिया तुम को सलाम कहती है अक्विला और प्रिस्का उस कलीसिया समेत जो उन के घर में हैं, तुम्हें ख़ुदावन्द में बहुत बहुत सलाम कहते हैं।
20. सब भाई तुम्हें सलाम कहते हैं पाक बोसा लेकर आपस में सलाम करो। PEPS
21. मैं पौलुस अपने हाथ से सलाम लिखता हूँ।
22. जो कोई ख़ुदावन्द को अज़ीज़ नहीं रखता मला'ऊन हो हमारा ख़ुदावन्द आने वाला है।
23. ख़ुदावन्द ईसा मसीह का फ़ज़ल तुम पर होता रहे।
24. मेरी मुहब्बत ईसा मसीह में तुम सब से रहे। आमीन। PE
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