زبُور 82 : 1 (IRVUR)
ख़ुदा की जमा'अत में ख़ुदा मौजूद है। वह इलाहों के बीच 'अदालत करता है:
زبُور 82 : 2 (IRVUR)
“तुम कब तक बेइन्साफ़ी से 'अदालत करोगे, और शरीरों की तरफ़दारी करोगे? सिलाह
زبُور 82 : 3 (IRVUR)
ग़रीब और यतीम का इन्साफ़ करो, ग़मज़दा और मुफ़लिस के साथ इन्साफ़ से पेश आओ।
زبُور 82 : 4 (IRVUR)
ग़रीब और मोहताज को बचाओ; शरीरों के हाथ से उनको छुड़ाओ।”
زبُور 82 : 5 (IRVUR)
वह न तो कुछ जानते हैं न समझते हैं, वह अंधेरे में इधर उधर चलते हैं; ज़मीन की सब बुनियादें हिल गई हैं।
زبُور 82 : 6 (IRVUR)
मैंने कहा था, “तुम इलाह हो, और तुम सब हक़ता'ला के फ़र्ज़न्द हो;
زبُور 82 : 7 (IRVUR)
तोभी तुम आदमियों की तरह मरोगे, और 'उमरा में से किसी की तरह गिर जाओगे।”
زبُور 82 : 8 (IRVUR)
ऐ ख़ुदा! उठ ज़मीन की 'अदालत कर क्यूँकि तू ही सब क़ौमों का मालिक होगा। [PE]

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