زبُور 80 : 1 (IRVUR)
ऐ इस्राईल के चौपान! तू जो ग़ल्ले की तरह यूसुफ़ को ले चलता है, कान लगा! तू जो करूबियों पर बैठा है, जलवागर हो!
زبُور 80 : 2 (IRVUR)
इफ़्राईम — ओ — बिनयमीन और मनस्सी के सामने अपनी कु़व्वत को बेदार कर, और हमें बचाने को आ!
زبُور 80 : 3 (IRVUR)
ऐ ख़ुदा, हम को बहाल कर; और अपना चेहरा चमका, तो हम बच जाएँगे।
زبُور 80 : 4 (IRVUR)
ऐ ख़ुदावन्द लश्करों के ख़ुदा, तू कब तक अपने लोगों की दुआ से नाराज़ रहेगा?
زبُور 80 : 5 (IRVUR)
तूने उनको आँसुओं की रोटी खिलाई, और पीने को कसरत से आँसू ही दिए।
زبُور 80 : 6 (IRVUR)
तू हम को हमारे पड़ोसियों के लिए झगड़े का ज़रिए' बनाता है, और हमारे दुश्मन आपस में हँसते हैं।
زبُور 80 : 7 (IRVUR)
ऐ लश्करों के ख़ुदा, हम को बहाल कर; और अपना चेहरा चमका, तो हम बच जाएँगे।
زبُور 80 : 8 (IRVUR)
तू मिस्र से एक ताक लाया; तूने क़ौमों को ख़ारिज करके उसे लगाया।
زبُور 80 : 9 (IRVUR)
तूने उसके लिए जगह तैयार की; उसने गहरी जड़ पकड़ी और ज़मीन को भर दिया।
زبُور 80 : 10 (IRVUR)
पहाड़ उसके साये में छिप गए, और उसकी डालियाँ ख़ुदा के देवदारों की तरह थीं।
زبُور 80 : 11 (IRVUR)
उसने अपनी शाख़ समन्दर तक फैलाई, और अपनी टहनियाँ दरिया — ए — फरात तक।
زبُور 80 : 12 (IRVUR)
फिर तूने उसकी बाड़ों को क्यूँ तोड़ डाला, कि सब आने जाने वाले उसका फल तोड़ते हैं?
زبُور 80 : 13 (IRVUR)
जंगली सूअर उसे बरबाद करता है, और जंगली जानवर उसे खा जातेहैं।
زبُور 80 : 14 (IRVUR)
ऐ लश्करों के ख़ुदा, हम तेरी मिन्नत करते हैं, फिर मुतक्ज्जिह हो! आसमान पर से निगाह कर और देख, और इस ताक की निगहबानी फ़रमा।
زبُور 80 : 15 (IRVUR)
और उस पौदे की भी जिसे तेरे दहने हाथ ने लगाया है, और उस शाख़ की जिसे तूने अपने लिए मज़बूत किया है।
زبُور 80 : 16 (IRVUR)
यह आग से जली हुई है, यह कटी पड़ी है; वह तेरे मुँह की झिड़की से हलाक हो जाते हैं।
زبُور 80 : 17 (IRVUR)
तेरा हाथ तेरी दहनी तरफ़ के इंसान पर हो, उस इब्न — ए — आदम पर जिसे तूने अपने लिए मज़बूत किया है।
زبُور 80 : 18 (IRVUR)
फिर हम तुझ से नाफ़रमान न होंगे:तू हम को फिर ज़िन्दा कर और हम तेरा नाम लिया करेंगे।
زبُور 80 : 19 (IRVUR)
ऐ ख़ुदा वन्द लश्करों के ख़ुदा! हम को बहाल कर; अपना चेहरा चमका तो हम बच जाएँगे!
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