زبُور 6 : 1 (IRVUR)
ऐ ख़ुदा तू मुझे अपने क़हर में न झिड़क, और अपने ग़ज़बनाक ग़ुस्से में मुझे तम्बीह न दे।
زبُور 6 : 2 (IRVUR)
ऐ ख़ुदावन्द, मुझ पर रहम कर, क्यूँकि मैं अधमरा हो गया हूँ। ऐ ख़ुदवन्द, मुझे शिफ़ा दे, क्यूँकि मेरी हडिडयों में बेक़रारी है।
زبُور 6 : 3 (IRVUR)
मेरी जान भी बहुत ही बेक़रार है; और तू ऐ ख़ुदावन्द, कब तक?
زبُور 6 : 4 (IRVUR)
लौट ऐ ख़ुदावन्द, मेरी जान को छुड़ा। अपनी शफ़क़त की ख़ातिर मुझे बचा ले।
زبُور 6 : 5 (IRVUR)
क्यूँकि मौत के बाद तेरी याद नहीं होती, क़ब्र में कौन तेरी शुक्रगुज़ारी करेगा?
زبُور 6 : 6 (IRVUR)
मैं कराहते कराहते थक गया, मैं अपना पलंग आँसुओं से भिगोता हूँ हर रात मेरा बिस्तर तैरता है।
زبُور 6 : 7 (IRVUR)
मेरी आँख ग़म के मारे बैठी जाती हैं, और मेरे सब मुख़ालिफ़ों की वजह से धुंधलाने लगीं।
زبُور 6 : 8 (IRVUR)
ऐ सब बदकिरदारो, मेरे पास से दूर हो; क्यूँकि ख़ुदावन्द ने मेरे रोने की आवाज़ सुन ली है।
زبُور 6 : 9 (IRVUR)
खूदावन्द ने मेरी मिन्नत सुन ली; ख़ुदावन्द मेरी दुआ क़ुबूल करेगा।
زبُور 6 : 10 (IRVUR)
मेरे सब दुश्मन शर्मिन्दा और बहुत ही बेक़रार होंगे; वह लौट जाएँगे, वह अचानक शर्मिन्दा होंगे। [PE]

1 2 3 4 5 6 7 8 9 10

BG:

Opacity:

Color:


Size:


Font: