زبُور 3 : 1 (IRVUR)
{मुसीबत के वक्त आखरी भरोसा }{दाऊद का ज़बूर जब वह अपने बेटे अबीसलोम के सामने से भागा गया था। } ऐ ख़ुदावन्द मेरे सताने वाले कितने बढ़ गए, वह जो मेरे ख़िलाफ़ उठते हैं बहुत हैं।
زبُور 3 : 2 (IRVUR)
बहुत से मेरी जान के बारे में कहते हैं, कि ख़ुदा की तरफ़ से उसकी मदद न होगी। सिलाह
زبُور 3 : 3 (IRVUR)
लेकिन तू ऐ ख़ुदावन्द, हर तरफ़ मेरी सिपर है। मेरा फ़ख़्र और सरफ़राज़ करने वाला।
زبُور 3 : 4 (IRVUR)
मैं बुलन्द आवाज़ से ख़ुदावन्द के सामने फ़रियाद करता हूँ और वह अपने पाक पहाड़ पर से मुझे जवाब देता है। सिलाह
زبُور 3 : 5 (IRVUR)
मैं लेट कर सो गया; मैं जाग उठा, क्यूँकि ख़ुदावन्द मुझे संभालता है।
زبُور 3 : 6 (IRVUR)
मैं उन दस हज़ार आदमियों से नहीं डरने का, जो चारों तरफ़ मेरे ख़िलाफ़ इकठ्ठा हैं।
زبُور 3 : 7 (IRVUR)
उठ ऐ ख़ुदावन्द, ऐ मेरे ख़ुदा, मुझे बचा ले! क्यूँकि तूने मेरे सब दुश्मनों को जबड़े पर मारा है। तूने शरीरों के दाँत तोड़ डाले हैं।
زبُور 3 : 8 (IRVUR)
नजात ख़ुदावन्द की तरफ़ से है। तेरे लोगों पर तेरी बरकत हो!
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