زبُور 134 : 1 (IRVUR)
ऐ ख़ुदावन्द के बन्दो! आओ सब ख़ुदावन्द को मुबारक कहो! तुम जो रात को ख़ुदावन्द के घर में खड़े रहते हो!
زبُور 134 : 2 (IRVUR)
हैकल की तरफ़ अपने हाथ उठाओ, और ख़ुदावन्द को मुबारक कहो!
زبُور 134 : 3 (IRVUR)
ख़ुदावन्द, जिसने आसमान और ज़मीन को बनाया, सिय्यून में से तुझे बरकत बख़्शे। [PE]

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