زبُور 102 : 1 (IRVUR)
ऐ ख़ुदावन्द! मेरी दुआ सुन और मेरी फ़रियाद तेरे सामने पहुँचे।
زبُور 102 : 2 (IRVUR)
मेरी मुसीबत के दिन मुझ से चेहरा न छिपा, अपना कान मेरी तरफ़ झुका, जिस दिन मैं फ़रियाद करूँ मुझे जल्द जवाब दे।
زبُور 102 : 3 (IRVUR)
क्यूँकि मेरे दिन धुएँ की तरह उड़े जाते हैं, और मेरी हड्डियाँ ईधन की तरह जल गई।
زبُور 102 : 4 (IRVUR)
मेरा दिल घास की तरह झुलस कर सूख गया; क्यूँकि मैं अपनी रोटी खाना भूल जाता हूँ।
زبُور 102 : 5 (IRVUR)
कराहते कराहते मेरी हड्डियाँ मेरे गोश्त से जा लगीं।
زبُور 102 : 6 (IRVUR)
मैं जंगली हवासिल की तरह हूँ, मैं वीराने का उल्लू बन गया।
زبُور 102 : 7 (IRVUR)
मैं बेख़्वाब और उस गौरे की तरह हो गया हूँ, जो छत पर अकेला हो।
زبُور 102 : 8 (IRVUR)
मेरे दुश्मन मुझे दिन भर मलामत करते हैं; मेरे मुख़ालिफ़ दीवाना होकर मुझ पर ला'नत करते हैं।
زبُور 102 : 9 (IRVUR)
क्यूँकि मैंने रोटी की तरह राख खाई, और आँसू मिलाकर पानी पिया।
زبُور 102 : 10 (IRVUR)
यह तेरे ग़ज़ब और क़हर की वजह से है, क्यूँकि तूने मुझे उठाया और फिर पटक दिया।
زبُور 102 : 11 (IRVUR)
मेरे दिन ढलने वाले साये की तरह हैं, और मैं घास की तरह मुरझा गया
زبُور 102 : 12 (IRVUR)
लेकिन तू ऐ ख़ुदावन्द, हमेशा तक रहेगा; और तेरी यादगार नसल — दर — नसल रहेगी।
زبُور 102 : 13 (IRVUR)
तू उठेगा और सिय्यून पर रहम करेगाःक्यूँकि उस पर तरस खाने का वक़्त है, हाँ उसका मु'अय्यन वक़्त आ गया है।
زبُور 102 : 14 (IRVUR)
इसलिए कि तेरे बन्दे उसके पत्थरों को चाहते, और उसकी ख़ाक पर तरस खाते हैं।
زبُور 102 : 15 (IRVUR)
और क़ौमों को ख़ुदावन्द के नाम का, और ज़मीन के सब बादशाहों को तेरे जलाल का ख़ौफ़ होगा।
زبُور 102 : 16 (IRVUR)
क्यूँकि ख़ुदावन्द ने सिय्यून को बनाया है; वह अपने जलाल में ज़ाहिर हुआ है।
زبُور 102 : 17 (IRVUR)
उसने बेकसों की दुआ पर तवज्जुह की, और उनकी दुआ को हक़ीर न जाना।
زبُور 102 : 18 (IRVUR)
यह आने वाली नसल के लिए लिखा जाएगा, और एक क़ौम पैदा होगी जो ख़ुदावन्द की सिताइश करेगी।
زبُور 102 : 19 (IRVUR)
क्यूँकि उसने अपने हैकल की बुलन्दी पर से निगाह की, ख़ुदावन्द ने आसमान पर से ज़मीन पर नज़र की;
زبُور 102 : 20 (IRVUR)
ताकि ग़ुलाम का कराहना सुने, और मरने वालों को छुड़ा ले;
زبُور 102 : 21 (IRVUR)
ताकि लोग सिय्यून में ख़ुदावन्द के नाम का इज़हार, और येरूशलेम में उसकी ता'रीफ़ करें,
زبُور 102 : 22 (IRVUR)
जब ख़ुदावन्द की इबादत के लिए, हों।
زبُور 102 : 23 (IRVUR)
उसने राह में मेरा ज़ोर घटा दिया, उसने मेरी उम्र कोताह कर दी।
زبُور 102 : 24 (IRVUR)
मैंने कहा, ऐ मेरे ख़ुदा, मुझे आधी उम्र में न उठा, तेरे बरस नसल दर नसल हैं।
زبُور 102 : 25 (IRVUR)
तूने इब्तिदा से ज़मीन की बुनियाद डाली; आसमान तेरे हाथ की कारीगरी है।
زبُور 102 : 26 (IRVUR)
वह हलाक हो जाएँगे, लेकिन तू बाक़ी रहेगा; बल्कि वह सब पोशाक की तरह पुराने हो जाएँगे। तू उनको लिबास की तरह बदलेगा, और वह बदल जाएँगे;
زبُور 102 : 27 (IRVUR)
लेकिन तू बदलने वाला नहीं है, और तेरे बरस बेइन्तिहा होंगे।
زبُور 102 : 28 (IRVUR)
तेरे बन्दों के फ़र्ज़न्द बरकरार रहेंगे; और उनकी नसल तेरे सामने क़ाईम रहेगी। [PE]

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