اِمثال 9 : 1 (IRVUR)
हिकमत ने अपना घर बना लिया, उसने अपने सातों सुतून तराश लिए हैं।
اِمثال 9 : 2 (IRVUR)
उसने अपने जानवरों को ज़बह कर लिया, और अपनी मय मिला कर तैयार कर ली; उसने अपना दस्तरख़्वान भी चुन लिया।
اِمثال 9 : 3 (IRVUR)
उसने अपनी सहेलियों को रवाना किया है; वह ख़ुद शहर की ऊँची जगहों पर पुकारती है,
اِمثال 9 : 4 (IRVUR)
“जो सादा दिल है, इधर आ जाए!” और बे'अक़्ल से वह यह कहती है,
اِمثال 9 : 5 (IRVUR)
“आओ, मेरी रोटी में से खाओ, और मेरी मिलाई हुई मय में से पियो।
اِمثال 9 : 6 (IRVUR)
ऐ सादा दिलो, बाज़ आओ और ज़िन्दा रहो, और समझ की राह पर चलो।”
اِمثال 9 : 7 (IRVUR)
ठठ्ठा बाज़ को तम्बीह करने वाला ला'नतान उठाएगा, और शरीर को मलामत करने वाले पर धब्बा लगेगा।
اِمثال 9 : 8 (IRVUR)
ठठ्ठाबाज़ को मलामत न कर, ऐसा न हो कि वह तुझ से 'अदावत रखने लगे; 'अक़्लमंद को मलामत कर, और वह तुझ से मुहब्बत रख्खेगा।
اِمثال 9 : 9 (IRVUR)
'अक़्लमंद की तरबियत कर, और वह और भी 'अक़्लमंद बन जाएगा; सादिक़ को सिखा और वह 'इल्म में तरक़्क़ी करेगा।
اِمثال 9 : 10 (IRVUR)
ख़ुदावन्द का ख़ौफ़ हिकमत का शुरू' है, और उस क़ुद्दुस की पहचान समझ है।
اِمثال 9 : 11 (IRVUR)
क्यूँकि मेरी बदौलत तेरे दिन बढ़ जाएँगे, और तेरी ज़िन्दगी के साल ज़्यादा होंगे।
اِمثال 9 : 12 (IRVUR)
अगर तू 'अक़्लमंद है तो अपने लिए, और अगर तू ठठ्ठाबाज़ है तो ख़ुद ही भुगतेगा।
اِمثال 9 : 13 (IRVUR)
{नादान औरत का पुकारना } बेवक़ूफ़ 'औरत गौग़ाई है; वह नादान है और कुछ नहीं जानती।
اِمثال 9 : 14 (IRVUR)
वह अपने घर के दरवाज़े पर, शहर की ऊँची जगहों में बैठ जाती है;
اِمثال 9 : 15 (IRVUR)
ताकिआने जाने वालों को बुलाए, जो अपने अपने रास्ते पर सीधे जा रहें हैं,
اِمثال 9 : 16 (IRVUR)
“सादा दिल इधर आ जाएँ,” और बे'अक़्ल से वह यह कहती है,
اِمثال 9 : 17 (IRVUR)
“चोरी का पानी मीठा है, और पोशीदगी की रोटी लज़ीज़।”
اِمثال 9 : 18 (IRVUR)
लेकिन वह नहीं जानता कि वहाँ मुर्दे पड़े हैं, और उस 'औरत के मेहमान पाताल की तह में हैं।

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