گنتی 34 : 1 (IRVUR)
{मुल्क की सरहदें } फिर ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि,
گنتی 34 : 2 (IRVUR)
“बनी — इस्राईल को हुक्म कर, और उनको कह दे कि जब तुम मुल्क — ए — कना'न में दाख़िल हो; यह वही मुल्क है जो तुम्हारी मीरास होगा, या'नी कनान का मुल्क म'ए अपनी हुदूद — ए — अरबा' के
گنتی 34 : 3 (IRVUR)
तो तुम्हारी दख्खिनी सिम्त सीन के जंगल से लेकर मुल्क — ए — अदोम के किनारे किनारे हो, और तुम्हारी दख्खिनी सरहद दरिया — ए — शोर के आख़िर से शुरू' होकर पश्चिम को जाए।
گنتی 34 : 4 (IRVUR)
वहाँ से तुम्हारी सरहद 'अक़राबियम की चढ़ाई के दख्खिन तक पहुँच कर मुड़े, और सीन से होती हुई क़ादिस बर्नी'अ के दख्खिन में जाकर निकले, और हसर अद्दार से होकर 'अज़मून तक पहुँचे।
گنتی 34 : 5 (IRVUR)
फिर यही सरहद 'अज़मून से होकर घूमती हुई मिस्र की नहर तक जाए और समन्दर के किनारे पर ख़त्म हो।
گنتی 34 : 6 (IRVUR)
“और पश्चिमी सिम्त में बड़ा समन्दर और उसका साहिल हो, इसलिए यही तुम्हारी पश्चिमी सरहद ठहरे।
گنتی 34 : 7 (IRVUR)
“और उत्तरी सिम्त में तुम बड़े समन्दर से कोह — ए — होर तक अपनी हद्द रखना।
گنتی 34 : 8 (IRVUR)
फिर कोह — ए — होर से हमात के मदख़ल तक तुम इस तरह अपनी हद्द मुक़र्रर करना कि वह सिदाद से जा मिले।
گنتی 34 : 9 (IRVUR)
और वहाँ से होती हुई ज़िफ़रून को निकल जाए और हसर 'एनान पर जाकर ख़त्म हो, यह तुम्हारी उत्तरी सरहद हो।
گنتی 34 : 10 (IRVUR)
“और तुम अपनी पूरबी सरहद हसर 'एनान से लेकर सफ़ाम तक बाँधना।
گنتی 34 : 11 (IRVUR)
और यह सरहद सफ़ाम से रिबला तक जो 'ऐन के पश्चिम में है जाए, और वहाँ से नीचे को उतरती हुई किन्नरत की झील के पूरबी किनारे तक पहुँचे:
گنتی 34 : 12 (IRVUR)
और फिर यरदन के किनारे किनारे नीचे को जाकर दरिया — ए — शोर पर ख़त्म हो। इन हदों के अन्दर का मुल्क तुम्हारा होगा।”
گنتی 34 : 13 (IRVUR)
तब मूसा ने बनी — इस्राईल को हुक्म दिया, “यही वह ज़मीन है जिसे तुम पर्ची डाल कर मीरास में लोगे, और इसी के बारे में ख़ुदावन्द ने हुक्म दिया है कि वह साढ़े नौ क़बीलों को दी जाए।
گنتی 34 : 14 (IRVUR)
क्यूँकि बनी रूबिन के क़बीले ने अपने आबाई ख़ान्दानों के मुवाफ़िक, और बनी जद्द के क़बीले ने भी अपने आबाई ख़ान्दानों के मुताबिक़ मीरास पा ली, और बनी मनस्सी के आधे क़बीले ने भी अपनी मीरास पा ली;
گنتی 34 : 15 (IRVUR)
या'नी इन ढाई क़बीलों को यरदन के इसी पार यरीहू के सामने पश्चिम की तरफ़ जिधर से सूरज निकलता है मीरास मिल चुकी है।”
گنتی 34 : 16 (IRVUR)
{ज़मीन का बटवारा करने वाले रहनुमा } और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि,
گنتی 34 : 17 (IRVUR)
'जो अश्ख़ास इस मुल्क को मीरास के तौर पर तुम को बाँट देंगे उन के नाम यह हैं, या'नी इली'एलियाज़र काहिन और नून का बेटा यशू'अ।
گنتی 34 : 18 (IRVUR)
और तुम ज़मीन को मीरास के तौर पर बाँटने के लिए हर क़बीले से एक सरदार को लेना।
گنتی 34 : 19 (IRVUR)
और उन आदमियों के नाम यह हैं: यहूदाह के क़बीले से यफुना का बेटा कालिब,
گنتی 34 : 20 (IRVUR)
और बनी शमौन के क़बीले से अम्मीहूद का बेटा समूएल,
گنتی 34 : 21 (IRVUR)
और बिनयमीन के क़बीले से किसलून का बेटा इलीदाद,
گنتی 34 : 22 (IRVUR)
और बनी दान के क़बीले से एक सरदार बुक्की बिन युगली,
گنتی 34 : 23 (IRVUR)
और बनी यूसुफ़ में से या'नी बनी मनस्सी के क़बीले से एक सरदार हनीएल बिन अफ़ूद,
گنتی 34 : 24 (IRVUR)
और बनी इफ़्राईम के क़बीले से एक सरदार क़मूएल बिन सिफ़्तान,
گنتی 34 : 25 (IRVUR)
और बनी ज़बूलून के क़बीले से एक सरदार इलिसफ़न बिन फ़रनाक,
گنتی 34 : 26 (IRVUR)
और बनी इश्कार के क़बीले से एक सरदार फ़लतीएल बिन 'अज़्ज़ान,
گنتی 34 : 27 (IRVUR)
और बनी आशर के क़बीले से एक सरदार अखीहूद बिन शलूमी,
گنتی 34 : 28 (IRVUR)
और बनी नफ़्ताली के क़बीले से एक सरदार फ़िदाहेल बिन 'अम्मीहूद।”
گنتی 34 : 29 (IRVUR)
यह वह लोग हैं जिनको ख़ुदावन्द ने हुक्म दिया कि मुल्क — ए — कना'न में बनी — इस्राईल को मीरास तक़्सीम कर दें।
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