متّی 11 : 1 (IRVUR)
{येसु और बपतिस्मा देने वाला } जब ईसा अपने बारह शागिर्दों को हुक्म दे चुका, तो ऐसा हुआ कि वहाँ से चला गया ताकि उनके शहरों में ता'लीम दे और एलान करे।
متّی 11 : 2 (IRVUR)
यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने क़ैदख़ाने में मसीह के कामों का हाल सुनकर अपने शागिर्दों के ज़रिए उससे पुछवा भेजा।
متّی 11 : 3 (IRVUR)
“आने वाला तू ही है या हम दूसरे की राह देखें?”
متّی 11 : 4 (IRVUR)
ईसा ने जवाब में उनसे कहा, “जो कुछ तुम सुनते हो और देखते हो जाकर यूहन्ना से बयान कर दो।
متّی 11 : 5 (IRVUR)
कि अन्धे देखते और लंगड़े चलते फिरते हैं; कौढ़ी पाक साफ़ किए जाते हैं और बहरे सुनते हैं और मुर्दे ज़िन्दा किए जाते हैं और ग़रीबों को ख़ुशख़बरी सुनाई जाती है।
متّی 11 : 6 (IRVUR)
और मुबारिक़ वो है जो मेरी वजह से ठोकर न खाए।”
متّی 11 : 7 (IRVUR)
जब वो रवाना हो लिए तो ईसा ने यूहन्ना के बारे में लोगों से कहना शुरू किया कि “तुम वीराने में क्या देखने गए थे? क्या हवा से हिलते हुए सरकंडे को?
متّی 11 : 8 (IRVUR)
तो फिर क्या देखने गए थे क्या महीन कपड़े पहने हुए शख़्स को? देखो जो महीन कपड़े पहनते हैं वो बादशाहों के घरों में होते हैं।
متّی 11 : 9 (IRVUR)
तो फिर क्यूँ गए थे? क्या एक नबी को देखने? हाँ मैं तुम से कहता हूँ बल्कि नबी से बड़े को।
متّی 11 : 10 (IRVUR)
ये वही है जिसके बारे में लिखा है कि देख मैं अपना पैग़म्बर तेरे आगे भेजता हूँ जो तेरा रास्ता तेरे आगे तैयार करेगा”
متّی 11 : 11 (IRVUR)
“मैं तुम से सच कहता हूँ; जो औरतों से पैदा हुए हैं, उन में यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले से बड़ा कोई नहीं हुआ, लेकिन जो आसमान की बादशाही में छोटा है वो उस से बड़ा है।
متّی 11 : 12 (IRVUR)
और यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के दिनों से अब तक आसमान की बादशाही पर ज़ोर होता रहा है; और ताक़तवर उसे छीन लेते हैं।
متّی 11 : 13 (IRVUR)
क्यूँकि सब नबियों और तौरेत ने यूहन्ना तक नबुव्वत की।
متّی 11 : 14 (IRVUR)
और चाहो तो मानो; एलियाह जो आनेवाला था; यही है।
متّی 11 : 15 (IRVUR)
जिसके सुनने के कान हों वो सुन ले!”
متّی 11 : 16 (IRVUR)
“पस इस ज़माने के लोगों को मैं किस की मिसाल दूँ? वो उन लड़कों की तरह हैं, जो बाज़ारों में बैठे हुए अपने साथियों को पुकार कर कहते हैं।
متّی 11 : 17 (IRVUR)
हम ने तुम्हारे लिए बाँसुरी बजाई[* बाँसुरी बजाई ये ख़ुशी के वक़्त बजाई जाती है ]और तुम न नाचे। हम ने मातम किया और तुम ने छाती न पीटी।
متّی 11 : 18 (IRVUR)
क्यूँकि यूहन्ना न खाता आया न पीता और वो कहते हैं उस में बदरूह है।
متّی 11 : 19 (IRVUR)
इब्न — ए — आदम खाता पीता आया। और वो कहते हैं, देखो खाऊ और शराबी आदमी महसूल लेने वालों और गुनाहगारों का यार। मगर हिक्मत अपने कामों से रास्त साबित हुई है।”
متّی 11 : 20 (IRVUR)
वो उस वक़्त उन शहरों को मलामत करने लगा जिनमें उसके अकसर मोजिज़े ज़ाहिर हुए थे; क्यूँकि उन्होंने तौबा न की थी।
متّی 11 : 21 (IRVUR)
“ऐ ख़ुराज़ीन, तुझ पर अफ़्सोस! ऐ बैत — सैदा, तुझ पर अफ़्सोस! क्यूँकि जो मोजिज़े तुम में हुए अगर सूर और सैदा में होते तो वो टाट ओढ़ कर और ख़ाक में बैठ कर कब के तौबा कर लेते।
متّی 11 : 22 (IRVUR)
मैं तुम से सच कहता हूँ; कि 'अदालत के दिन सूर और सैदा का हाल तुम्हारे हाल से ज़्यादा बर्दाश्त के लायक़ होगा।
متّی 11 : 23 (IRVUR)
और ऐ कफ़रनहूम, क्या तू आस्मान तक बुलन्द किया जाएगा? तू तो आलम — ए अर्वाह में उतरेगा क्यूँकि जो मोजिज़े तुम में ज़ाहिर हुए अगर सदूम में होते तो आज तक क़ाईम रहता।
متّی 11 : 24 (IRVUR)
मगर मैं तुम से कहता हूँ कि 'अदालत के दिन सदूम के इलाक़े का हाल तेरे हाल से ज़्यादा बर्दाश्त के लायक़ होगा।”
متّی 11 : 25 (IRVUR)
उस वक़्त ईसा ने कहा, “ऐ बाप, आस्मान — ओ — ज़मीन के ख़ुदावन्द मैं तेरी हम्द करता हूँ कि तू ने यह बातें समझदारों और अक़लमन्दों से छिपाईं और बच्चों पर ज़ाहिर कीं।
متّی 11 : 26 (IRVUR)
हाँ ऐ बाप!, क्यूँकि ऐसा ही तुझे पसन्द आया।”
متّی 11 : 27 (IRVUR)
متّی 11 : 28 (IRVUR)
“मेरे बाप की तरफ़ से सब कुछ मुझे सौंपा गया और कोई बेटे को नहीं जानता सिवा बाप के और कोई बाप को नहीं जानता सिवा बेटे के और उसके जिस पर बेटा उसे ज़ाहिर करना चाहे।” “ऐ मेहनत उठाने वालो और बोझ से दबे हुए लोगो, सब मेरे पास आओ! मैं तुम को आराम दूँगा।
متّی 11 : 29 (IRVUR)
मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो और मुझ से सीखो, क्यूँकि मैं हलीम हूँ और दिल का फ़िरोतन तो तुम्हारी जानें आराम पाएँगी,
متّی 11 : 30 (IRVUR)
क्यूँकि मेरा जूआ मुलायम है और मेरा बोझ हल्का।”

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