احبار 21 : 1 (IRVUR)
{क़ाहिनों के लिये कायदे } और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि 'हारून के बेटों से जो काहिन हैं कह कि अपने क़बीले के मुर्दे की वजह से कोई अपने आप को नजिस न कर ले।
احبار 21 : 2 (IRVUR)
अपने क़रीबी रिश्तेदारों की वजह से जैसे अपनी माँ की वजह से, और अपने बाप की वजह से, और अपने बेटे — बेटी की वजह से, और अपने भाई की वजह से,
احبار 21 : 3 (IRVUR)
और अपनी सगी कुँवारी बहन की वजह से जिसने शौहर न किया हो, इन की ख़ातिर वह अपने को नजिस कर सकता है।
احبار 21 : 4 (IRVUR)
चूँकि वह अपने लोगों में सरदार है, इसलिए [* दीगर रिश्तेदारों के लिए जोड़ें, शादी के ज़रिये उस के दीगर रिश्तेदार ]वह अपने आप को ऐसा आलूदा न करे कि नापाक हो जाए।
احبار 21 : 5 (IRVUR)
वह न अपने सिर उनकी ख़ातिर बीच से घुटवाएँ और न अपनी दाढ़ी के कोने मुण्डवाएँ, और न अपने को ज़ख़्मी करें। [† 19:27 — 28 पढ़ें ]
احبار 21 : 6 (IRVUR)
वह अपने ख़ुदा के लिए पाक बने रहें और अपने ख़ुदा के नाम को बेहुरमत न करें, क्यूँकि वह ख़ुदावन्द की आतिशीन क़ुर्बानियाँ जो उनके ख़ुदा की गिज़ा है पेश करते हैं; इसलिए वह पाक रहें।
احبار 21 : 7 (IRVUR)
वह किसी फ़ाहिशा या नापाक 'औरत से ब्याह न करें, और न उस 'औरत से ब्याह करें जिसे उसके शौहर ने तलाक़ दी हो; क्यूँकि काहिन अपने ख़ुदा के लिए पाक है।
احبار 21 : 8 (IRVUR)
तब तू काहिन को पाक जानना क्यूँकि वह तेरे ख़ुदा की गिज़ा पेश करता है; इसलिए वह तेरी नज़र में पाक ठहरे, क्यूँकि मैं ख़ुदावन्द जो तुम को पाक करता हूँ क़ुद्दूस हूँ।
احبار 21 : 9 (IRVUR)
और अगर काहिन की बेटी फ़ाहिशा बनकर अपने आप को नापाक करे तो वह अपने बाप को नापाक ठहराती है, वह 'औरत आग में जलाई जाए।
احبار 21 : 10 (IRVUR)
और वह जो अपने भाइयों के बीच सरदार काहिन हो, जिसके सिर पर मसह करने का तेल डाला गया और जो पाक लिबास पहनने के लिए मख़्सूस किया गया, वह अपने सिर के बाल बिखरने न दे और अपने कपड़े न फाड़े।
احبار 21 : 11 (IRVUR)
वह किसी मुर्दे के पास न जाए, और न अपने बाप या माँ की ख़ातिर अपने आप को नजिस करे।
احبار 21 : 12 (IRVUR)
और वह हैकल के बाहर भी न निकले और न अपने ख़ुदा के हैकल को बेहुरमत करे, क्यूँकि उसके ख़ुदा के मसह करने के तेल का ताज उस पर है; मैं ख़ुदावन्द हूँ।
احبار 21 : 13 (IRVUR)
और वह कुँवारी 'औरत से ब्याह करे;
احبار 21 : 14 (IRVUR)
जो बेवा या मुतल्लक़ा या नापाक 'औरत या फ़ाहिशा हो, उनसे वह ब्याह न करे बल्कि वह अपनी ही क़ौम की कुँवारी को ब्याह ले।
احبار 21 : 15 (IRVUR)
और वह अपने तुख़्म को अपनी क़ौम में नापाक न ठहराए, क्यूँकि मैं ख़ुदावन्द हूँ जो उसे पाक करता हूँ।
احبار 21 : 16 (IRVUR)
फिर ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि,
احبار 21 : 17 (IRVUR)
“हारून से कह दे कि तेरी नसल में नसल — दर — नसल अगर कोई किसी तरह का 'ऐब रखता हो, तो वह अपने ख़ुदा की गिज़ा पेश करने को नज़दीक न आए;
احبار 21 : 18 (IRVUR)
चाहे कोई हो जिसमें 'ऐब हो वह नज़दीक न आए चाहे वह अन्धा हो या लंगड़ा, या नकचपटा हो, या ज़ाइद — उल — 'आज़ा,
احبار 21 : 19 (IRVUR)
या उसका पाँव टूटा हो, या हाथ टूटा हो
احبار 21 : 20 (IRVUR)
या वह कुबड़ा या बौना हो, या उसकी आँख में कुछ नुक्स हो, या खुजली भरा हो, या उसके पपड़ियाँ हों, या उसके खुसिए पिचके हों।
احبار 21 : 21 (IRVUR)
हारून काहिन की नसल में से कोई जो 'ऐबदार हो ख़ुदावन्द की आतिशी क़ुर्बानियाँ पेश करने को नज़दीक न आए, वह 'ऐबदार है; वह हरगिज़ अपने ख़ुदा की ग़िज़ा पेश करने को पास न आए।
احبار 21 : 22 (IRVUR)
वह अपने ख़ुदा की बहुत ही मुक़द्दस और पाक दोनों तरह की रोटी खाए,
احبار 21 : 23 (IRVUR)
लेकिन पर्दे के अन्दर दाख़िल न हो, न मज़बह के पास आए इसलिए कि वह 'ऐबदार है; कहीं ऐसा न हो कि वह मेरे पाक मक़ामों को बे — हुरमत करे, क्यूँकि मैं ख़ुदावन्द उनका पाक करने वाला हूँ।”
احبار 21 : 24 (IRVUR)
तब मूसा ने हारून और उसके बेटों और सब बनी — इस्राईल से यह बातें कहीं।

1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24