قضاة 8 : 1 (IRVUR)
{जिदा'ऊन का ज़िबह को मारना } और इफ़्राईम के बाशिन्दों ने उससे कहा कि तूने हम से यह सलूक क्यूँ किया, कि जब तू मिदियानियों से लड़ने को चला तो हम को न बुलवाया? इसलिए उन्होंने उसके साथ बड़ा झगड़ा किया।
قضاة 8 : 2 (IRVUR)
उसने उनसे कहा, “मैंने तुम्हारी तरह भला किया ही क्या है? क्या इफ़्राईम के छोड़े हुए अंगूर भी अबी'अएज़र की फ़सल से बेहतर नहीं हैं?
قضاة 8 : 3 (IRVUR)
ख़ुदा ने मिदियान के सरदार 'ओरेब और ज़ईब को तुम्हारे क़ब्ज़े में कर दिया; इसलिए तुम्हारी तरह मैं कर ही क्या सका हूँ?” जब उसने यह कहा, तो उनका गुस्सा उसकी तरफ़ से धीमा हो गया।
قضاة 8 : 4 (IRVUR)
तब जिदा'ऊन और उसके साथ के तीन सौ आदमी जो बावजूद थके माँदे होने के फिर भी पीछा करते ही रहे थे, यरदन पर आकर पार उतरे। [* मिद्यानी दुश्मन लोग ]
قضاة 8 : 5 (IRVUR)
तब उसने सुक्कात के बाशिंदों से कहा कि इन लोगों को जो मेरे पैरौ हैं, रोटी के गिर्दे दो क्यूँकि यह थक गए हैं; और मैं मिदियान के दोनों बादशाहों ज़िबह और ज़िलमना' का पीछा कर रहा हूँ।
قضاة 8 : 6 (IRVUR)
सुक्कात के सरदारों ने कहा, “क्या ज़िबह और ज़िलमना' के हाथ अब तेरे क़ब्ज़े में आ गए हैं, जो हम तेरे लश्कर को रोटियाँ दें?”
قضاة 8 : 7 (IRVUR)
जिदा'ऊन ने कहा, “जब ख़ुदावन्द ज़िबह और ज़िलमना' को मेरे क़ब्ज़े में कर देगा, तो मैं तुम्हारे गोश्त को बबूल और हमेशा गुलाब के काँटों से नुचवाऊँगा।”
قضاة 8 : 8 (IRVUR)
फिर वहाँ से वह फ़नूएल को गया, और वहाँ के लोगों से भी ऐसी ही बात कही; और फ़नूएल के लोगों ने भी उसे वैसा ही जवाब दिया जैसा सुक्कातियों ने दिया था।
قضاة 8 : 9 (IRVUR)
इसलिए उसने फ़नूएल के बाशिंदों से भी कहा कि जब मैं सलामत लौटूँगा, [† मीनारें, शहरपनाहकी दीवारों पर बनाया जाता था ]तो इस बुर्ज को ढा दूँगा।
قضاة 8 : 10 (IRVUR)
और ज़िबह और ज़िलमना' अपने क़रीबन पंद्रह हज़ार आदमियों के लश्कर के साथ क़रक़ूर में थे, क्यूँकि सिर्फ़ इतने ही मशरिक़ के लोगों के लश्कर में से बच रहे थे; इसलिए कि एक लाख बीस हज़ार शमशीर ज़न आदमी क़त्ल हो गए थे।
قضاة 8 : 11 (IRVUR)
तब जिदा'ऊन उन लोगों के रास्ते से जो नुबह और युगबिहा के मशरिक़ की तरफ़ डेरों में रहते थे गया, और उस लश्कर को मारा क्यूँकि वह लश्कर बेफ़िक्र पड़ा था।
قضاة 8 : 12 (IRVUR)
और ज़िबह और ज़िलमना' भागे, और उसने उनका पीछा करके उन दोनों मिदियानी बादशाहों, ज़िबह और ज़िलमना' को पकड़ लिया और सारे लश्कर को भगा दिया।
قضاة 8 : 13 (IRVUR)
और यूआस का बेटा जिदा'ऊन हर्स की चढ़ाई के पास से जंग से लौटा।
قضاة 8 : 14 (IRVUR)
और उसने सुक्कातियों में से एक जवान को पकड़ कर उससे दरियाफ़त किया; इसलिए उसने उसे सुक्कात के सरदारों और बुज़ुर्गों का हाल बता दिया जो शुमार में सत्तर थे।
قضاة 8 : 15 (IRVUR)
तब वह सुक्कातियों के पास आकर कहने लगा कि ज़िबह और ज़िलमना' को देख लो, जिनके बारे में तुम ने तन्ज़न मुझ से कहा था, 'क्या ज़िबह और ज़िलमना' के हाथ तेरे क़ब्ज़े में आ गए हैं, कि हम तेरे आदमियों को जो थक गए हैं रोटियाँ दें?'
قضاة 8 : 16 (IRVUR)
तब उसने शहर के बुज़ुर्गों को पकड़ा और बबूल और सदा गुलाब के कॉटें लेकर उनसे सुक्कातियों की तादीब की।
قضاة 8 : 17 (IRVUR)
और उसने फ़नूएल का बुर्ज ढा कर उस शहर के लोगों को क़त्ल किया।
قضاة 8 : 18 (IRVUR)
फिर उसने ज़िबह और ज़िलमना' से कहा कि वह लोग जिनको तुम ने तबूर में क़त्ल किया कैसे थे? उन्होंने जवाब दिया, जैसा तू है वैसे ही वह थे; उनमें से हर एक शहज़ादों की तरह था।
قضاة 8 : 19 (IRVUR)
तब उसने कहा कि वह मेरे भाई, मेरी माँ के बेटे थे, इसलिए ख़ुदावन्द की हयात की क़सम, अगर तुम उनको जीता छोड़ते तो मैं भी तुम को न मारता।
قضاة 8 : 20 (IRVUR)
फिर उसने अपने बड़े बेटे यतर को हुक्म किया कि उठ, उनको क़त्ल कर। लेकिन उस लड़के ने अपनी तलवार न खींची, क्यूँकि उसे डर लगा, इसलिए कि वह अभी लड़का ही था।
قضاة 8 : 21 (IRVUR)
तब ज़िबह और ज़िलमना' ने कहा, “तू आप उठ कर हम पर वार कर, क्यूँकि जैसा आदमी होता है वैसी ही उसकी ताक़त होती है।” इसलिए जिदा'ऊन ने उठ कर ज़िबह और ज़िलमना' को क़त्ल किया, और उनके ऊँटों के गले के चन्दन हार ले लिए।
قضاة 8 : 22 (IRVUR)
{जिदा'ऊन का पाक अफ़ूद } तब बनीं — इस्राईल ने जिदा'ऊन से कहा कि तू हम पर हुकूमत कर, तू और तेरा बेटा और तेरा पोता भी; क्यूँकि तूने हम को मिदियानियों के हाथ से छुड़ाया।
قضاة 8 : 23 (IRVUR)
तब जिदा'ऊन ने उनसे कहा कि न मैं तुम पर हुकूमत करूँ और न मेरा बेटा, बल्कि ख़ुदावन्द ही तुम पर हुकूमत करेगा।
قضاة 8 : 24 (IRVUR)
और जिदा'ऊन ने उनसे कहा कि मैं तुम से यह 'अर्ज़ करता हूँ, कि तुम में से हर शख़्स अपनी लूट की बालियाँ मुझे दे दे। यह लोग इस्माईली थे, इसलिए इनके पास सोने की बालियाँ थीं।
قضاة 8 : 25 (IRVUR)
उन्होंने जवाब दिया कि हम इनको बड़ी ख़ुशी से देंगे। फिर उन्होंने एक चादर बिछाई और हर एक ने अपनी लूट की बालियाँ उस पर डाल दीं।
قضاة 8 : 26 (IRVUR)
इसलिए वह सोने की बालियाँ जो उसने माँगी थीं, वज़न में एक हज़ार सात सौ मिस्काल थीं; 'अलावह उन चन्दन हारों और झुमकों और मिदियानी बादशाहों की इर्ग़वानी पोशाक के जो वह पहने थे, और उन ज़न्जीरों के जो उनके ऊँटों के गले में पड़ी थीं।
قضاة 8 : 27 (IRVUR)
और जिदा'ऊन ने उनसे एक [‡ एफ़ोद के मायने जानने के लिए देखें ख़ुरूज का 28 बाब ]अफ़ूद बनवाया और उसे अपने शहर उफ़रा में रख्खा; और वहाँ सब इस्राईली उसकी पैरवी में ज़िनाकारी करने लगे, और वह जिदा'ऊन और उसके घराने के लिए फंदा ठहरा।
قضاة 8 : 28 (IRVUR)
यूँ मिदियानी बनी — इस्राईल के आगे मग़लूब हुए और उन्होंने फिर कभी सिर न उठाया। और जिदा'ऊन के दिनों में चालीस बरस तक उस मुल्क में अम्न रहा।
قضاة 8 : 29 (IRVUR)
और यूआस का बेटा यरुब्बा'[§ 1: यरुबबाल जिदौन के लिए दूसरा नाम है ]ल जाकर अपने घर में रहने लगा।
قضاة 8 : 30 (IRVUR)
और जिदा'ऊन के सत्तर बेटे थे जो उस ही के सुल्ब से पैदा हुए थे, क्यूँकि उसकी बहुत सी बीवियाँ थीं।
قضاة 8 : 31 (IRVUR)
और उसकी एक हरम के भी जो सिकम में थी उस से एक बेटा हुआ, और उसने उसका नाम अबीमलिक रख्खा।
قضاة 8 : 32 (IRVUR)
और यूआस के बेटे जिदा'ऊन ने ख़ूब उम्र रसीदा होकर वफ़ात पाई, और अबी'अज़रियों के उफ़रा में अपने बाप यूआस की क़ब्र में दफ़्न हुआ।
قضاة 8 : 33 (IRVUR)
और जिदा'ऊन के मरते ही बनी इस्राईल फिर कर बा'लीम की पैरवी में ज़िनाकारी करने लगे, और [* अहद का बा’लदेवता ]बा'ल बरीत को अपना मा'बूद बना लिया।
قضاة 8 : 34 (IRVUR)
और बनी इस्राईल ने ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा को, जिसने उनको हर तरफ़ उनके दुश्मनों के हाथ से रिहाई दी थी याद न रख्खा;
قضاة 8 : 35 (IRVUR)
और न वह यरुब्बा'ल या'नी जिदा'ऊन के ख़ान्दान के साथ, उन सब नेकियों के बदले में जो उसने बनी इस्राईल से की थीं महेरबानी से पेश आए।

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