یرمیاہ 28 : 1 (IRVUR)
और उसी साल शाह — ए — यहूदाह सिदक़ियाह की सल्तनत के शुरू' में, चौथे बरस के पाँचवें महीने में, यूँ हुआ कि जिबा'ऊनी ''अज़्ज़ूर के बेटे हननियाह नबी ने ख़ुदावन्द के घर में काहिनों और सब लोगों के सामने मुझसे मुख़ातिब होकर कहा,
یرمیاہ 28 : 2 (IRVUR)
'रब्ब — उल — अफ़वाज, इस्राईल का ख़ुदा, यूँ फ़रमाता है कि: मैंने शाह — ए — बाबुल का जुआ तोड़ डाला है,
یرمیاہ 28 : 3 (IRVUR)
दो ही बरस के अन्दर मैं ख़ुदावन्द के घर के सब बर्तन, जो शाह — ए — बाबुल नबूकदनज़र इस मकान से बाबुल को ले गया, इसी मकान में वापस लाऊँगा।
یرمیاہ 28 : 4 (IRVUR)
शाह — ए — यहूदाह यकूनियाह — बिन — यहूयक़ीम को और यहूदाह के सब ग़ुलामों को जो बाबुल को गए थे, फिर इसी जगह लाऊँगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है; क्यूँकि मैं शाह — ए — बाबुल के जूए को तोड़ डालूँगा।
یرمیاہ 28 : 5 (IRVUR)
तब यरमियाह नबी ने काहिनों और सब लोगों के सामने, जो ख़ुदावन्द के घर में खड़े थे, हननियाह नबी से कहा,
یرمیاہ 28 : 6 (IRVUR)
“हाँ, यरमियाह नबी ने कहा, आमीन! ख़ुदावन्द ऐसा ही करे, ख़ुदावन्द तेरी बातों को जो तू ने नबुव्वत से कहीं, पूरा करे कि ख़ुदावन्द के घर के बर्तनों को और सब ग़ुलामों को बाबुल से इस मकान में वापस लाए।
یرمیاہ 28 : 7 (IRVUR)
तो भी अब यह बात जो मैं तेरे और सब लोगों के कानों में कहता हूँ सुन;
یرمیاہ 28 : 8 (IRVUR)
उन नबियों ने जो मुझसे और तुझ से पहले गुज़रे ज़माने में थे, बहुत से मुल्कों और बड़ी — बड़ी सल्तनतों के हक़ में, जंग और बला और वबा की नबुव्वत की है।
یرمیاہ 28 : 9 (IRVUR)
वह नबी जो सलामती की ख़बर देता है, जब उस नबी का कलाम पूरा हो जाए तो मा'लूम होगा कि हक़ीक़त में ख़ुदावन्द ने उसे भेजा है।”
یرمیاہ 28 : 10 (IRVUR)
तब हननियाह नबी ने यरमियाह नबी की गर्दन पर से जुआ उतारा और उसे तोड़ डाला;
یرمیاہ 28 : 11 (IRVUR)
और हननियाह ने सब लोगों के सामने इस तरह कलाम किया, ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि: मैं इसी तरह शाह — ए — बाबुल नबूकदनज़र का जुआ सब क़ौमों की गर्दन पर से, दो ही बरस के अन्दर तोड़ डालूँगा। तब यरमियाह नबी ने अपनी राह ली।
یرمیاہ 28 : 12 (IRVUR)
जब हननियाह नबी यरमियाह नबी की गर्दन पर से जुआ तोड़ चुका था, तो ख़ुदावन्द का कलाम यरमियाह पर नाज़िल हुआ:
یرمیاہ 28 : 13 (IRVUR)
कि “जा, और हननियाह से कह कि 'ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि: तूने लकड़ी के जुओं को तो तोड़ा, लेकिन उनके बदले में लोहे के जूए बना दिए।
یرمیاہ 28 : 14 (IRVUR)
क्यूँकि रब्ब — उलअफ़वाज, इस्राईल का ख़ुदा यूँ फ़रमाता है कि मैंने इन सब क़ौमों की गर्दन पर लोहे का जुआ डाल दिया है, ताकि वह शाह — ए — बाबुल नबूकदनज़र की ख़िदमत करें; तब वह उसकी ख़िदमतगुज़ारी करेंगी, और मैंने मैदान के जानवर भी उसे दे दिए हैं।”
یرمیاہ 28 : 15 (IRVUR)
तब यरमियाह नबी ने हननियाह नबी से कहा, ऐ हननियाह, अब सुन; ख़ुदावन्द ने तुझे नहीं भेजा, लेकिन तू इन लोगों को झूटी उम्मीद दिलाता है।
یرمیاہ 28 : 16 (IRVUR)
इसलिए ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि “देख, मैं तुझे इस ज़मीन पर से निकाल दूँगा; तू इसी साल मर जाएगा क्यूँकि तूने ख़ुदावन्द के ख़िलाफ़ फ़ितनाअंगेज़ बातें कही हैं।”
یرمیاہ 28 : 17 (IRVUR)
चुनाँचे उसी साल के सातवें महीने हननियाह नबी मर गया। [PE]
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