پیَدایش 3 : 1 (IRVUR)
{मर्द और औ़रत का गुनाह करना } और साँप सब जंगली जानवरों से, जिनको ख़ुदावन्द ख़ुदा ने बनाया था चालाक था, और उसने 'औरत से कहा क्या वाक़'ई ख़ुदा ने कहा है, कि बाग़ के किसी दरख़्त का फल तुम न खाना?
پیَدایش 3 : 2 (IRVUR)
'औरत ने साँप से कहा कि बाग़ के दरख़्तों का फल तो हम खाते हैं।
پیَدایش 3 : 3 (IRVUR)
लेकिन जो दरख़्त बाग़ के बीच में है उसके फल के बारे में ख़ुदा ने कहा है कि तुम न तो उसे खाना और न छूना वरना मर जाओगे।
پیَدایش 3 : 4 (IRVUR)
तब साँप ने 'औरत से कहा कि तुम हरगिज़ न मरोगे!
پیَدایش 3 : 5 (IRVUR)
बल्कि ख़ुदा जानता है कि जिस दिन तुम उसे खाओगे, तुम्हारी आँखें खुल जाएँगी, और तुम ख़ुदा की तरह भले और बुरे के जानने वाले बन जाओगे।
پیَدایش 3 : 6 (IRVUR)
'औरत ने जो देखा कि वह दरख़्त खाने के लिए अच्छा और आँखों को ख़ुशनुमा मा'लूम होता है और अक्ल बख़्शने के लिए ख़ूब है तो उसके फल में से लिया और खाया और अपने शौहर को भी दिया और उसने खाया।
پیَدایش 3 : 7 (IRVUR)
[* तब उनकी समझ की आँखें खुल गईं ]तब दोनों की आँखें खुल गई और उनको मा'लूम हुआ कि वह नंगे हैं और उन्होंने अंजीर के पत्तों को [† बंधकर, जकड़कर, सीकर या जोड़कर ]सी कर अपने लिए लूंगियाँ बनाई।
پیَدایش 3 : 8 (IRVUR)
और उन्होंने ख़ुदावन्द ख़ुदा की आवाज़ जो [‡ शाम ]ठंडे वक़्त बाग़ में फिरता था सुनी और आदम और उसकी बीवी ने अपने आप को ख़ुदावन्द ख़ुदा के सामने से बाग़ के दरख़तों में छिपाया।
پیَدایش 3 : 9 (IRVUR)
तब ख़ुदावन्द ख़ुदा ने आदम को पुकारा और उससे कहा कि तू कहाँ है?
پیَدایش 3 : 10 (IRVUR)
उसने कहा, मैंने बाग़ में तेरी आवाज़ सुनी और मैं डरा क्यूँकि मैं नंगा था और मैंने अपने आप को छिपाया।
پیَدایش 3 : 11 (IRVUR)
उसने कहा, तुझे किसने बताया कि तू नंगा है? क्या तूने उस दरख़्त का फल खाया जिसके बारे में मैंने तुझ को हुक्म दिया था कि उसे न खाना?
پیَدایش 3 : 12 (IRVUR)
आदम ने कहा कि जिस 'औरत को तूने मेरे साथ किया है उसने मुझे उस दरख़्त का फल दिया और मैंने खाया।
پیَدایش 3 : 13 (IRVUR)
तब ख़ुदावन्द ख़ुदा ने, 'औरत से कहा कि तूने यह क्या किया? 'औरत ने कहा कि साँप ने मुझ को बहकाया तो मैंने खाया।
پیَدایش 3 : 14 (IRVUR)
और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने साँप से कहा, इसलिए कि तूने यह किया तू सब चौपायों और जंगली जानवरों में ला'नती ठहरा; तू अपने पेट के बल चलेगा, और अपनी उम्र भर खाक चाटेगा।
پیَدایش 3 : 15 (IRVUR)
और मैं तेरे और 'औरत के बीच और तेरी नसल और औरत की नसल के बीच 'अदावत डालूँगा वह तेरे सिर को कुचलेगा और तू उसकी एड़ी पर काटेगा।
پیَدایش 3 : 16 (IRVUR)
फिर उसने 'औरत से कहा कि मैं तेरे दर्द — ए — हम्ल को बहुत बढ़ाऊँगा तू दर्द के साथ बच्चे जनेगी और तेरी रग़बत अपने शौहर की तरफ़ होगी और वह तुझ पर हुकूमत करेगा।
پیَدایش 3 : 17 (IRVUR)
और आदम से उसने कहा चूँकि तूने अपनी बीवी की बात मानी और उस दरख़्त का फल खाया जिस के बारे मैंने तुझे हुक्म दिया था कि उसे न खाना इसलिए ज़मीन तेरी वजह से ला'नती हुई। मशक़्क़त के साथ तू अपनी उम्र भर उसकी पैदावार खाएगा
پیَدایش 3 : 18 (IRVUR)
और वह तेरे लिए काँटे और ऊँटकटारे उगाएगी और तू खेत की सब्ज़ी खाएगा।
پیَدایش 3 : 19 (IRVUR)
तू अपने मुँह के पसीने की रोटी खाएगा जब तक कि ज़मीन में तू फिर लौट न जाए इसलिए कि तू उससे [§ बनाया गया, घड़ा गया, ढाला गया ]निकाला गया है क्यूँकि तू ख़ाक है और ख़ाक में फिर लौट जाएगा।
پیَدایش 3 : 20 (IRVUR)
{बहिश्त से निकाला जाना: ख़ुदा का ईन्साफ़ } और आदम ने अपनी बीवी का नाम [* ज़िन्दगी ]हव्वा रख्खा, इसलिए कि वह सब ज़िन्दों की माँ है।
پیَدایش 3 : 21 (IRVUR)
और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने आदम और उसकी बीवी के लिए चमड़े के कुर्तें बना कर उनको पहनाए।
پیَدایش 3 : 22 (IRVUR)
और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने कहा, देखो इंसान भले और बुरे की पहचान में हम में से एक की तरह हो गया: अब कहीं ऐसा न हो कि वह अपना हाथ बढ़ाए और ज़िन्दगी के दरख़्त से भी कुछ लेकर खाए और हमेशा ज़िन्दा रहे।
پیَدایش 3 : 23 (IRVUR)
इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा ने उसको बाग — ए — 'अदन से बाहर कर दिया, ताकि वह उस ज़मीन की जिसमें से वह [† बनाया गया ]लिया गया था, खेती करे।
پیَدایش 3 : 24 (IRVUR)
चुनाँचे उसने आदम को निकाल दिया और बाग — ए — 'अदन के मशरिक़ की तरफ़ करूबियों को और चारों तरफ़ घूमने वाली शो'लाज़न तलवार को रख्खा, कि वह ज़िन्दगी के दरख़्त की राह की हिफ़ाज़त करें।
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