پیَدایش 18 : 1 (IRVUR)
{सारय को एक बेटे का वादा } फिर ख़ुदावन्द ममरे के बलूतों में उसे नज़र आया और वह दिन को गर्मी के वक़्त अपने खे़मे के दरवाज़े पर बैठा था।

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