گلتیوں 6 : 1 (IRVUR)
{हम जो बोते हैं वही काटते है } ऐ भाइयों! अगर कोई आदमी किसी क़ुसूर में पकड़ा भी जाए तो तुम जो रूहानी हो, उसको नर्म मिज़ाजी से बहाल करो, और अपना भी ख्याल रख कहीं तू भी आज़माइश में न पड़ जाए।

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