خُروج 29 : 1 (IRVUR)
{क़ाहिन का नज़र-ओ-नियाज़ } और उनको पाक करने की ख़ातिर ताकि वह मेरे लिए काहिन की ख़िदमत को अन्जाम दें, तू उनके लिए यह करना कि एक बछड़ा और दो बे — 'ऐब मेंढे लेना,

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