کُرنتھِیوں ۱ 10 : 1 (IRVUR)
{इस्राईल की बुतपरस्ती से सीख लेना } ऐ भाइयों! मैं तुम्हारा इस से नावाक़िफ़ रहना नहीं चाहता कि हमारे सब बाप दादा बादल के नीचे थे; और सब के सब लाल समुन्दर में से गुज़रे।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 2 (IRVUR)
और सब ही ने उस बादल और समुन्दर में मूसा का बपतिस्मा लिया।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 3 (IRVUR)
और सब ने एक ही रूहानी ख़ुराक खाई।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 4 (IRVUR)
और सब ने एक ही रूहानी पानी पिया क्यूँकि वो उस रूहानी चट्टान में से पानी पीते थे जो उन के साथ साथ चलती थी और वो चट्टान मसीह था।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 5 (IRVUR)
मगर उन में अक्सरों से ख़ुदा राज़ी न हुआ चुनाँचे वो वीराने में ढेर हो गए।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 6 (IRVUR)
ये बातें हमारे लिए इबरत ठहरीं, ताकि हम बुरी चीज़ों की ख़्वाहिश न करें, जैसे उन्हों ने की।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 7 (IRVUR)
और तुम बुतपरस्त न बनो जिस तरह कुछ उनमें से बन गए थे चुनाँचे लिखा है। “लोग खाने पीने को बैठे फिर नाचने कूदने को उठे।”
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 8 (IRVUR)
और हम हरामकारी न करें जिस तरह उनमें से कुछ ने की, और एक ही दिन में तेईस हज़ार मर गए।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 9 (IRVUR)
और हम ख़ुदा वन्द की आज़माइश न करें जैसे उन में से कुछ ने की और साँपों ने उन्हें हलाक किया।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 10 (IRVUR)
और तुम बड़बड़ाओ नहीं जिस तरह उन में से कुछ बड़बड़ाए और हलाक करने वाले से हलाक हुए।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 11 (IRVUR)
ये बातें उन पर 'इबरत के लिए वाक़े' हुईं और हम आख़री ज़माने वालों की नसीहत के वास्ते लिखी गईं।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 12 (IRVUR)
पस जो कोई अपने आप को क़ाईम समझता है, वो ख़बरदार रहे के गिर न पड़े।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 13 (IRVUR)
तुम किसी ऐसी आज़माइश में न पड़े जो इंसान की आज़माइश से बाहर हो ख़ुदा सच्चा है वो तुम को तुम्हारी ताक़त से ज़्यादा आज़माइश में पड़ने न देगा, बल्कि आज़माइश के साथ निकलने की राह भी पैदा कर देगा, ताकि तुम बर्दाश्त कर सको।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 14 (IRVUR)
इस वजह से ऐ मेरे प्यारो! बुतपरस्ती से भागो।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 15 (IRVUR)
मैं अक़्लमन्द जानकर तुम से कलाम करता हूँ; जो मैं कहता हूँ, तुम आप उसे परखो।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 16 (IRVUR)
वो बर्क़त का प्याला जिस पर हम बर्क़त चाहते हैं क्या मसीह के ख़ून की शराकत नहीं? वो रोटी जिसे हम तोड़ते हैं क्या मसीह के बदन की शराकत नहीं?
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 17 (IRVUR)
चूँकि रोटी एक ही है इस लिए हम जो बहुत से हैं एक बदन हैं क्यूँकि हम सब उसी एक रोटी में शरीक होते हैं।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 18 (IRVUR)
जो जिस्म के ऐ'तिबार से इस्राईली हैं उन पर नज़र करो क्या क़ुर्बानी का गोश्त खानेवाले क़ुर्बानगाह के शरीक नहीं?
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 19 (IRVUR)
पस मैं क्या ये कहता हूँ कि बुतों की क़ुर्बानी कुछ चीज़ है या बुत कुछ चीज़ है?
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 20 (IRVUR)
नहीं बल्कि मैं ये कहता हूँ कि जो क़ुर्बानी ग़ैर क़ौमें करती हैं शयातीन के लिए क़ुर्बानी करती हैं; न कि ख़ुदा के लिए, और मैं नहीं चाहता कि तुम शयातीन के शरीक हो।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 21 (IRVUR)
तुम ख़ुदावन्द के प्याले और शयातीन के प्याले दोनों में से नहीं पी सकते; ख़ुदावन्द के दस्तरख़्वान और शयातीन के दस्तरख़्वान दोनों पर शरीक नहीं हो सकते।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 22 (IRVUR)
क्या हम ख़ुदावन्द की ग़ैरत को जोश दिलाते हैं? क्या हम उस से ताक़तवर हैं?
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 23 (IRVUR)
सब चीज़ें जाएज़ तो हैं, मगर सब चीज़ें मुफ़ीद नहीं; जाएज़ तो हैं मगर तरक़्क़ी का ज़रिया नहीं।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 24 (IRVUR)
कोई अपनी बेहतरी न ढूँडे बल्कि दूसरे की।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 25 (IRVUR)
जो कुछ क़स्साबों की दुकानों में बिकता है वो खाओ और दीनी इम्तियाज़ की वजह से कुछ न पूछो।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 26 (IRVUR)
“क्यूँकि ज़मीन और उसकी मा'मूरी ख़ुदावन्द की है।”
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 27 (IRVUR)
अगर बे'ईमानों में से कोई तुम्हारी दा'वत करे और तुम जाने पर राज़ी हो तो जो कुछ तुम्हारे आगे रख्खा जाए उसे खाओ और दीनी इम्तियाज़ की वजह से कुछ न पूछो।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 28 (IRVUR)
लेकिन अगर कोई तुम से कहे; ये क़ुर्बानी का गोश्त है, तो उस की वजह से न खाओ।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 29 (IRVUR)
दीनी इम्तियाज़ से मेरा मतलब तेरा इम्तियाज़ नहीं बल्कि उस दूसरे का; भला मेरी आज़ादी दूसरे शख़्स के इम्तियाज़ से क्यूँ परखी जाए?
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 30 (IRVUR)
अगर मैं शुक्र कर के खाता हूँ तो जिस चीज़ पर शुक्र करता हूँ उसकी वजह से किस लिए बदनाम किया जाता हूँ?
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 31 (IRVUR)
पस तुम खाओ या पियो जो कुछ करो ख़ुदा के जलाल के लिए करो।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 32 (IRVUR)
तुम न यहूदियों के लिए ठोकर का ज़रिया बनो; न यूनानियों के लिए, न ख़ुदा की कलीसिया के लिए।
کُرنتھِیوں ۱ 10 : 33 (IRVUR)
चुनाँचे मैं भी सब बातों में सब को ख़ुश करता हूँ और अपना नहीं बल्कि बहुतों का फ़ाइदा ढूँडता हूँ, ताकि वो नजात पाएँ।

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