1. {टिड्डियों की बसारत } [PS]ख़ुदावन्द ख़ुदा ने मुझे ख़्वाब दिखाया और क्या देखता हूँ कि उसने ज़रा'अत की आख़िरी रोईदगी की शुरू' में टिड्डियाँ पैदा कीं; और देखो, ये शाही कटाई के बाद आख़िरी रोईदगी थी।
2. और जब वह ज़मीन की घास को बिल्कुल खा चुकीं, तो मैंने 'अर्ज़ की, “ऐ ख़ुदावन्द ख़ुदा, मेहरबानी से मु'आफ़ फ़रमा! या'क़ूब की क्या हक़ीक़त है कि वह क़ायम रह सके? क्यूँकि वह छोटा है!”
3. ख़ुदावन्द इससे बाज़ आया, और उसने फ़रमाया: “यूँ न होगा।” [PE]
4. {आग की बसारत } [PS]फिर ख़ुदावन्द ख़ुदा ने मुझे ख़्वाब दिखाया, और क्या देखता हूँ कि ख़ुदावन्द ख़ुदा ने आग को बुलाया कि मुक़ाबला करे, और वह बहर — ए — 'अमीक़ को निगल गई, और नज़दीक था कि ज़मीन को खा जाए।
5. तब मैंने 'अर्ज़ की, “ऐ ख़ुदावन्द ख़ुदा, मेहरबानी से बाज़ आ, या'क़ूब की क्या हक़ीक़त है कि वह क़ायम रह सके? क्यूँकि वह छोटा है!”
6. ख़ुदावन्द इससे बाज़ आया, और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने फ़रमाया: “यूँ भी न होगा।”
7. फिर उसने मुझे ख़्वाब दिखाया, और क्या देखता हूँ कि ख़ुदावन्द एक दीवार पर, जो साहूल से बनाई गई थी खड़ा है, और साहूल उसके हाथ में है।
8. और ख़ुदावन्द ने मुझे फ़रमाया कि “ऐ 'आमूस, तू क्या देखता है?” मैंने 'अर्ज़ की, कि साहूल। तब ख़ुदावन्द ने फ़रमाया, देख, मैं अपनी क़ौम इस्राईल में साहूल लटकाऊँगा, और मैं फिर उनसे दरगुज़र न करूँगा;
9. और इस्हाक़ के ऊँचे मक़ाम बर्बाद होंगे, और इस्राईल के मक़दिस वीरान हो जाएँगे; और मैं युरब'आम के घराने के ख़िलाफ़ तलवार लेकर उढूँगा।
10. तब बैतएल के काहिन इम्सियाह ने शाह — ए — इस्राईल युरब'आम को कहला भेजा कि 'आमूस ने तेरे ख़िलाफ़ बनी — इस्राईल में फ़ितना खड़ा किया है, और मुल्क में उसकी बातों की बर्दाश्त नहीं।
11. क्यूँकि 'आमूस यूँ कहता है, 'कि युरब'आम तलवार से मारा जाएगा, और इस्राईल यक़ीनन अपने वतन से ग़ुलाम होकर जाएगा।
12. और इम्सियाह ने 'आमूस से कहा, ऐ गै़बगो, तू यहूदाह के मुल्क को भाग जा; वहीं खा पी और नबुव्वत कर,
13. लेकिन बैतएल में फिर कभी नबुव्वत न करना, क्यूँकि ये बादशाह का मक़दिस और शाही महल है।
14. तब 'आमूस ने इम्सियाह को जवाब दिया, कि मैं न नबी हूँ, न नबी का बेटा; बल्कि चरवाहा और गूलर का फल बटोरने वाला हूँ।
15. और जब मैं गल्ले के पीछे — पीछे जाता था, तो ख़ुदावन्द ने मुझे लिया और फ़रमाया, कि 'जा, मेरी क़ौम इस्राईल से नबुव्वत कर।
16. इसलिए अब तू ख़ुदावन्द का कलाम सुन। तू कहता है, 'कि इस्राईल के ख़िलाफ़ नबुव्वत और इस्हाक़ के घराने के ख़िलाफ़ कलाम न कर।
17. इसलिए ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है, कि तेरी बीवी शहर में कस्बी बनेगी, और तेरे बेटे और तेरी बेटियाँ तलवार से मारे जाएँगे; और तेरी ज़मीन जरीब से बाँटी जाएगी, और तू एक नापाक मुल्क में मरेगा; और इस्राईल यक़ीनन अपने वतन से ग़ुलाम होकर जाएगा। [PE]