انجیل مقدس

Indian Revised Version (IRV)
1. {झुठे उस्तादों का खतरा } [PS]जिस तरह उस उम्मत में झूठे नबी भी थे उसी तरह तुम में भी झूठे उस्ताद होंगे, जो पोशीदा तौर पर हलाक करने वाली नई — नई बातें निकालेंगे, और उस मालिक का इन्कार करेंगे जिसने उन्हें ख़रीद लिया था, और अपने आपको जल्द हलाकत में डालेंगे।
2. और बहुत सारे उनकी बुरी आदतों की पैरवी करेंगे, जिनकी वजह से राह — ए — हक़ की बदनामी होगी।
3. और वो लालच से बातें बनाकर तुम को अपने नफ़े' की वजह ठहराएँगे, और जो ज़माने से उनकी सज़ा का हुक्म हो चुका है उसके आने में कुछ देर नहीं, और उनकी हलाकत सोती नहीं। [PE]
4. [PS]क्यूँकि जब ख़ुदा ने गुनाह करने वाले फ़रिश्तों को न छोड़ा, बल्कि जहन्नुम भेज कर तारीक ग़ारों में डाल दिया ताकि 'अदालत के दिन तक हिरासत में रहें,
5. और न पहली दुनिया को छोड़ा, बल्कि बेदीन दुनिया पर तूफ़ान भेजकर रास्तबाज़ी के ऐलान करने वाले नूह समेत सात आदमियों को बचा लिया;
6. और सदूम और 'अमूरा के शहरों को मिट्टी में मिला दिया और उन्हें हलाकत की सज़ा दी और आइन्दा ज़माने के बेदीनों के लिए जा — ए — 'इबरत बना दिया, [PE]
7. [PS]और रास्तबाज़ लूत को जो बेदीनों के नापाक चाल — चलन से बहुत दुखी था रिहाई बख़्शी।
8. [चुनाँचे वो रास्तबाज़ उनमें रह कर और उनके बेशरा'कामों को देख देख कर और सुन सुन कर, गोया हर रोज़ अपने सच्चे दिल को शिकंजे में खींचता था।]
9. तो ख़ुदावन्द दीनदारों को आज़माइश से निकाल लेना और बदकारों को 'अदालत के दिन तक सज़ा में रखना जानता है, [PE]
10. [PS]खुसूसन उनको जो नापाक ख़्वाहिशों से जिस्म की पैरवी करते हैं और हुकूमत को नाचीज़ जानते हैं। वो गुस्ताख़ और नाफ़रमान हैं, और 'इज़्ज़तदारों पर ला'न ता'न करने से नहीं डरते,
11. बावजूद ये कि फ़रिश्ते जो ताक़त और क़ुदरत में उनसे बड़े हैं, ख़ुदावन्द के सामने उन पर ला'न ता'न के साथ नालिश नहीं करते। [PE]
12. [PS]लेकिन ये लोग बे'अक़्ल जानवरों की तरह हैं, जो पकड़े जाने और हलाक होने के लिए हैवान — ए — मुतल्लिक़ पैदा हुए हैं, जिन बातों से नावाक़िफ़ हैं उनके बारे में औरों पर ला'न ता'न करते हैं, अपनी ख़राबी में ख़ुद ख़राब किए जाएँगे।
13. दूसरों को बुरा करने के बदले इन ही का बुरा होगा। इनको दिन दहाड़े अय्याशी करने में मज़ा आता है। ये दाग़ा बाज़ और ऐबदार हैं। जब तुम्हारे साथ खाते पीते हैं, तो अपनी तरफ़ से मुहब्बत की ज़ियाफ़त करके 'ऐश — ओ — अशरत करते हैं।
14. उनकी आँखें जिनमें ज़िनाकार 'औरतें बसी हुई हैं, गुनाह से रुक नहीं सकतीं; वो बे क़याम दिलों को फँसाते हैं। उनका दिल लालच का मुश्ताक़ है, वो ला'नत की औलाद हैं। [PE]
15. [PS]वो सीधी राह छोड़ कर गुमराह हो गए हैं, और बऊर के बेटे बिल'आम की राह पर हो लिए हैं, जिसने नारास्ती की मज़दूरी को 'अज़ीज़ जाना;
16. मगर अपने क़ुसूर पर ये मलामत उठाई कि एक बेज़बान गधी ने आदमी की तरह बोल कर उस नबी को दीवानगी से बाज़ रख्खा। [PE]
17.
18. [PS]वो अन्धे कुँए हैं, और ऐसे बादल है जिसे आँधी उड़ाती है; उनके लिए बेहद तारीकी घिरी है। [PE][PS]वो घमण्ड की बेहूदा बातें बक बक कर बुरी आदतों के ज़रिए से, उन लोगों को जिस्मानी ख़्वाहिशों में फँसाते हैं जो गुमराही में से निकल ही रहे हैं।
19. जो उनसे तो आज़ादी का वा'दा करते हैं और आप ख़राबी के ग़ुलाम बने हुए हैं, क्यूँकि जो शख़्स जिससे मग़लूब है वो उसका ग़ुलाम है। [PE]
20. [PS]जब वो ख़ुदावन्द और मुन्जी ईसा मसीह की पहचान के वसीले से दुनिया की आलूदगी से छुट कर, फिर उनमें फँसे और उनसे मग़लूब हुए, तो उनका पिछला हाल पहले से भी बदतर हुआ।
21. क्यूँकि रास्तबाज़ी की राह का न जानना उनके लिए इससे बेहतर होता कि उसे जान कर उस पाक हुक्म से फिर जाते, जो उन्हें सौंपा गया था।
22. उन पर ये सच्ची मिसाल सादिक़ आती है, कुत्ता अपनी क़ै की तरफ़ रुजू' करता है, और नहलाई हुई सूअरनी दलदल में लोटने की तरफ़। [PE]
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1 {झुठे उस्तादों का खतरा } जिस तरह उस उम्मत में झूठे नबी भी थे उसी तरह तुम में भी झूठे उस्ताद होंगे, जो पोशीदा तौर पर हलाक करने वाली नई — नई बातें निकालेंगे, और उस मालिक का इन्कार करेंगे जिसने उन्हें ख़रीद लिया था, और अपने आपको जल्द हलाकत में डालेंगे। 2 और बहुत सारे उनकी बुरी आदतों की पैरवी करेंगे, जिनकी वजह से राह — ए — हक़ की बदनामी होगी। 3 और वो लालच से बातें बनाकर तुम को अपने नफ़े' की वजह ठहराएँगे, और जो ज़माने से उनकी सज़ा का हुक्म हो चुका है उसके आने में कुछ देर नहीं, और उनकी हलाकत सोती नहीं। 4 क्यूँकि जब ख़ुदा ने गुनाह करने वाले फ़रिश्तों को न छोड़ा, बल्कि जहन्नुम भेज कर तारीक ग़ारों में डाल दिया ताकि 'अदालत के दिन तक हिरासत में रहें, 5 और न पहली दुनिया को छोड़ा, बल्कि बेदीन दुनिया पर तूफ़ान भेजकर रास्तबाज़ी के ऐलान करने वाले नूह समेत सात आदमियों को बचा लिया; 6 और सदूम और 'अमूरा के शहरों को मिट्टी में मिला दिया और उन्हें हलाकत की सज़ा दी और आइन्दा ज़माने के बेदीनों के लिए जा — ए — 'इबरत बना दिया, 7 और रास्तबाज़ लूत को जो बेदीनों के नापाक चाल — चलन से बहुत दुखी था रिहाई बख़्शी। 8 [चुनाँचे वो रास्तबाज़ उनमें रह कर और उनके बेशरा'कामों को देख देख कर और सुन सुन कर, गोया हर रोज़ अपने सच्चे दिल को शिकंजे में खींचता था।] 9 तो ख़ुदावन्द दीनदारों को आज़माइश से निकाल लेना और बदकारों को 'अदालत के दिन तक सज़ा में रखना जानता है, 10 खुसूसन उनको जो नापाक ख़्वाहिशों से जिस्म की पैरवी करते हैं और हुकूमत को नाचीज़ जानते हैं। वो गुस्ताख़ और नाफ़रमान हैं, और 'इज़्ज़तदारों पर ला'न ता'न करने से नहीं डरते, 11 बावजूद ये कि फ़रिश्ते जो ताक़त और क़ुदरत में उनसे बड़े हैं, ख़ुदावन्द के सामने उन पर ला'न ता'न के साथ नालिश नहीं करते। 12 लेकिन ये लोग बे'अक़्ल जानवरों की तरह हैं, जो पकड़े जाने और हलाक होने के लिए हैवान — ए — मुतल्लिक़ पैदा हुए हैं, जिन बातों से नावाक़िफ़ हैं उनके बारे में औरों पर ला'न ता'न करते हैं, अपनी ख़राबी में ख़ुद ख़राब किए जाएँगे। 13 दूसरों को बुरा करने के बदले इन ही का बुरा होगा। इनको दिन दहाड़े अय्याशी करने में मज़ा आता है। ये दाग़ा बाज़ और ऐबदार हैं। जब तुम्हारे साथ खाते पीते हैं, तो अपनी तरफ़ से मुहब्बत की ज़ियाफ़त करके 'ऐश — ओ — अशरत करते हैं। 14 उनकी आँखें जिनमें ज़िनाकार 'औरतें बसी हुई हैं, गुनाह से रुक नहीं सकतीं; वो बे क़याम दिलों को फँसाते हैं। उनका दिल लालच का मुश्ताक़ है, वो ला'नत की औलाद हैं। 15 वो सीधी राह छोड़ कर गुमराह हो गए हैं, और बऊर के बेटे बिल'आम की राह पर हो लिए हैं, जिसने नारास्ती की मज़दूरी को 'अज़ीज़ जाना; 16 मगर अपने क़ुसूर पर ये मलामत उठाई कि एक बेज़बान गधी ने आदमी की तरह बोल कर उस नबी को दीवानगी से बाज़ रख्खा। 17 18 वो अन्धे कुँए हैं, और ऐसे बादल है जिसे आँधी उड़ाती है; उनके लिए बेहद तारीकी घिरी है। वो घमण्ड की बेहूदा बातें बक बक कर बुरी आदतों के ज़रिए से, उन लोगों को जिस्मानी ख़्वाहिशों में फँसाते हैं जो गुमराही में से निकल ही रहे हैं। 19 जो उनसे तो आज़ादी का वा'दा करते हैं और आप ख़राबी के ग़ुलाम बने हुए हैं, क्यूँकि जो शख़्स जिससे मग़लूब है वो उसका ग़ुलाम है। 20 जब वो ख़ुदावन्द और मुन्जी ईसा मसीह की पहचान के वसीले से दुनिया की आलूदगी से छुट कर, फिर उनमें फँसे और उनसे मग़लूब हुए, तो उनका पिछला हाल पहले से भी बदतर हुआ। 21 क्यूँकि रास्तबाज़ी की राह का न जानना उनके लिए इससे बेहतर होता कि उसे जान कर उस पाक हुक्म से फिर जाते, जो उन्हें सौंपा गया था। 22 उन पर ये सच्ची मिसाल सादिक़ आती है, कुत्ता अपनी क़ै की तरफ़ रुजू' करता है, और नहलाई हुई सूअरनी दलदल में लोटने की तरफ़।
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