Urdu بائبل

زبُور کل 150 ابواب

زبُور

زبُور باب 120
زبُور باب 120

1 मैंने मुसीबत में ख़ुदावन्द से फ़रियाद की, और उसने मुझे जवाब दिया।

2 झूटे होंटों और दग़ाबाज़ ज़बान से, ऐ ख़ुदावन्द, मेरी जान को छुड़ा।

3 ऐ दग़ाबाज़ ज़बान, तुझे क्या दिया जाए? और तुझ से और क्या किया जाए?

4 ज़बरदस्त के तेज़ तीर, झाऊ के अंगारों के साथ।

5 मुझ पर अफ़सोस कि मैं मसक में बसता, और क़ीदार के ख़ैमों में रहता हूँ।

زبُور باب 120

6 सुलह के दुश्मन के साथ रहते हुए, मुझे बड़ी मुद्दत हो गई।

7 मैं तो सुलह दोस्त हूँ। लेकिन जब बोलता हूँ तो वह जंग पर आमादा हो जाते हैं।