Urdu بائبل
یشوؔع کل 24 ابواب
یشوؔع باب 15
1 {यहूदाह के फिरके को दी हुई ज़मीन } और बनी यहूदाह के क़बीले का हिस्सा उनके घरानों के मुताबिक़ पर्ची डालकर अदोम की सरहद तक, और दख्खिन में दश्त — ए — सीन तक जो जुनुब के इन्तिहाई हिस्से में आबाद है ठहरा।
2 और उनकी दख्खिनी हद दरिया — [* बहीरा — ए — मुरदार ]ए — शोर के इन्तिहाई हिस्से की उस खाड़ी से जिसका रुख दख्खिन की तरफ़ है शुरू'' हुई;
یشوؔع باب 15
3 और वह 'अक़रब्बीम की चढ़ाई की दख्खिनी सिम्त से निकल सीन होती हुई क़ादिस बरनी' के दख्खिन को गयी, फिर हसरून के पास से अदार को जाकर क़रक़ा' को मुड़ी,
4 और वहाँ से 'अज़मून होती हुई मिस्र के नाले को जा निकली, और उस हद का ख़ातिमा समन्दर पर हुआ; यही तुम्हारी दख्खिनी सरहद होगी।
5 और पूरबी सरहद यरदन के दहाने तक दरिया — ए — शोर ही ठहरा, और उसकी उत्तरी हद उस दरिया की उस खाड़ी से जो यरदन के दहाने पर है शुरू'' हुई,
یشوؔع باب 15
6 और यह हद बैत हजला को जाकर और बैत उल 'अराबा के उत्तर से गुज़र कर रूबिन के बेटे बोहन के पत्थर को पहुँची;
7 फिर वहाँ से वह हद 'अकूर की वादी होती हुई दबीर को गई और वहाँ से उत्तर की सिम्त चल कर जिलजाल के सामने जो अदुम्मीम की चढ़ाई के मुक़ाबिल है जा निकली, यह चढ़ाई नदी के दख्खिन में है; फिर वह हद 'ऐन शम्स के चश्मों के पास होकर 'ऐन राजिल पहुँची।
8 फिर वही हद हिन्नूम के बेटे की वादी में से होकर यबूसियों की बस्ती के दख्खिन को गयी, येरूशलेम वही है; और वहाँ से उस पहाड़ की चोटी को जा निकली, जो वादी — ए — हिन्नूम के मुक़ाबिल पश्चिम की तरफ़ और रिफ़ाईम की वादी के उत्तरी इन्तिहाई हिस्से में आबाद' है;
یشوؔع باب 15
9 फिर वही हद पहाड़ की चोटी से आब — ए — नफ़्तूह के चश्में को गयी, और वहाँ से कोह — ए — 'अफ़रोन के शहरों के पास जा निकली, और उधर से बा'ला तक जो क़रयत या'रीम है पहुँची;
10 और बा'ला से होकर पश्चिम की सिम्त कोह — ए — श'ईर को फिरी, और कोह — ए — या'रीम के जो कसलून भी कहलाता है, उत्तरी दामन के पास से गुज़र कर बैत शम्स की तरफ़ उतरती हुई तिमना को गयी;
11 और वहाँ से वह हद 'अक़रून के उत्तर को जा निकली; फिर वह सिक्रून से हो कर कोह — ए — बा'ला के पास से गुज़रती हुई यबनीएल पर जा निकली; और इस हद का ख़ातिमा समन्दर पर हुआ
یشوؔع باب 15
12 और पश्चिमी सरहद बड़ा समन्दर और उसका साहिल था। बनी यहूदाह की चारों तरफ़ की हद उनके घरानों के मुताबिक़ यही है।
13 और यशू'अ ने उस हुक्म के मुताबिक़ जो ख़ुदावन्द ने उसे दिया था, युफ़न्ना के बेटे कालिब को बनी यहूदाह के बीच 'अनाक़ के बाप अरबा' का शहर क़रयत अरबा'जो हबरून है हिस्सा दिया।
14 इसलिए कालिब ने वहाँ से 'अनाक़ के तीनों बेटों, या'नी सीसी और अख़ीमान और तलमी को जो बनी 'अनाक़ हैं निकाल दिया।
یشوؔع باب 15
15 और वह वहाँ से दबीर के बाशिंदों पर चढ़ गया। दबीर का क़दीमी नाम क़रयत सिफ़र था।
16 और कालिब ने कहा, “जो कोई क़रयत सिफ़र को मार कर उसको सर करले, उसे मैं अपनी बेटी 'अकसा ब्याह दूँगा”।
17 तब कालिब के भाई क़नज़ के बेटे ग़तनीएल ने उसको सर कर लिया, इसलिए उसने अपनी बेटी 'अकसा उसे ब्याह दी।
18 जब वह उसके पास आई, तो उसने उस आदमी को उभारा कि वह उसके बाप से एक खेत माँगे; इसलिए वह अपने गधे पर से उतर पड़ी, तब कालिब ने उससे कहा, “तू क्या चाहती है?”
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19 उस ने कहा, “मुझे बरकत दे; क्यूँकि तूने दख्खिन के मुल्क में कुछ ज़मीन मुझे 'इनायत की है, इसलिए मुझे पानी के चश्में भी दे।” तब उसने उसे ऊपर के चश्में और नीचे के चश्में 'इनायत किये।
20 {यहूदाह के फिरके को दी हुई ज़मीन } बनी यहूदाह के क़बीले की मीरास उनके घरानों के मुताबिक़ यह है।
21 और अदोम की सरहद की तरफ़ दख्खिन में बनी यहूदाह के इन्तिहाई शहर यह हैं: क़बज़ीएल और 'एदर और यजूर,
یشوؔع باب 15
22 और कै़ना और दैमूना और 'अद 'अदा,
23 और क़ादिस और हसूर और इतनान,
24 ज़ीफ़ और तलम और बा'लूत,
25 और हसूर और हदता और क़रयत और हसरून जो हसूर हैं,
26 और अमाम और समा' और मोलादा,
27 और हसार जद्दा और हिशमोन और बैत फ़लत,
28 और हसर सु'आल और बैरसबा'और बिज़योत्याह,
یشوؔع باب 15
29 बा'ला और 'इय्यीम और 'अज़म,
30 और इलतोलद और कसील और हुरमा,
31 और सिक़लाज और मदमन्ना और सनसन्ना,
32 और लबाऊत और सिलहीम और 'ऐन और रिम्मोन; यह सब उन्तीस शहर हैं, और इनके गाँव भी हैं।
33 और नशेब की ज़मीन में इस्ताल और सुर'आह और असनाह,
34 और ज़नोआह और 'ऐन जन्नीम, तफ़ूह और 'एनाम,
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35 यरमूत और 'अदूल्लाम, शोको और 'अज़ीक़ा,
36 और शा'रीम और अदीतीम और जदीरा और जदीरतीम; और यह चौदह शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
37 ज़िनान और हदाशा और मिजदल जद,
38 और दिल'आन और मिस्फ़ाह और यक़्तीएल,
39 लकीस और बुसक़त और 'इजलून,
40 और कब्बून और लहमान और कितलीस,
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41 और जदीरोत और बैत दजून और ना'मा और मुक़्क़ैदा; यह सोलह शहर हैं, और इनके गाँव भी हैं।
42 लिबना और 'अत्र और 'असन,
43 और यफ़्ताह और असना और नसीब;
44 और क़'ईला और अकज़ीब और मरेसा; यह नौ शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
45 अक़रून और उसके क़स्बे और गाँव।
46 अक़रून से समन्दर तक अशदूद के पास के सब शहर और उनके गाँव।
یشوؔع باب 15
47 अशदूद अपने शहरों और गांवों के साथ, और गज़्ज़ा अपने शहरों और गाँव के साथ; मिस्र की नदी और बड़े समन्दर और साहिल तक।
48 और पहाड़ी मुल्क में समीर और यतीर और शोको,
49 और दन्ना और क़रयत सन्ना जो दबीर है,
50 और 'अनाब और इस्मतोह और 'इनीम,
51 और जशन और हौलून और जिलोह; यह ग्यारह शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
یشوؔع باب 15
52 अराब और दोमाह और इश'आन,
53 और यनीम और बैत तफ़्फ़ूह और अफ़ीका,
54 और हुमता और क़रयत अरबा' जो हबरून है और सी'ऊर; यह नौ शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
55 म'ऊन, कर्मिल और ज़ीफ़ और यूत्ता,
56 और यज़रएल और याक़दि'आम और ज़नोआह,
57 कै़न, जिब'आ और तिमना; यह दस शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
یشوؔع باب 15
58 हालहूल और बैत सूर और जदूर,
59 और मा' रात और बैत 'अनोत और इलतिक़ून; यह छह शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
60 क़रयत बा'ल जो क़रयत या'रीम है, और रब्बा; यह दो शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
61 और वीराने में बैत 'अराबा और मद्दीन और सकाका,
62 और नबसान और नमक का शहर और 'ऐन जदी; यह छः शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
یشوؔع باب 15
63 और यबूसियों को जो येरूशलेम के बाशिन्दे थे, बनी यहूदाह निकाल न सके; इसलिए यबूसी बनी यहूदाह के साथ आज के दिन तक येरूशलेम में बसे हुए हैं।