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یسعیاہ کل 66 ابواب

یسعیاہ

یسعیاہ باب 51
یسعیاہ باب 51

1 {ख़ुदा पर भरोसा रखने की मांग } ऐ लोगो, जो सदाक़त की पैरवी करते हो और ख़ुदावन्द के जोयान हो, मेरी सुनो। उस चटटान पर जिसमें से तुम काटे गए हो और उस गढ़े के सूराख़ पर जहाँ से तुम खोदे गए हो, नज़र करो।

2 अपने बाप अब्रहाम पर और सारा पर जिससे तुम पैदा हुए निगाह करो कि जब मैंने उसे बुलाया वह अकेला था, पर मैंने उसको बरकत दी और उसको कसरत बख़्शी।

یسعیاہ باب 51

3 यक़ीनन ख़ुदावन्द सिय्यून को तसल्ली देगा, वह उसके तमाम वीरानों की दिलदारी करेगा, वह उसका वीराना अदन की तरह और उसका सहरा ख़ुदावन्द के बाग़ की तरह बनाएगा; ख़ुशी और शादमानी उसमें पाई जाएगी, शुक्रगुज़ारी और गाने की आवाज़ उसमें होगी।

4 मेरी तरफ़ मुत्वज्जिह हो, ऐ मेरे लोगो; मेरी तरफ़ कान लगा, ऐ मेरी उम्मत:क्यूँकि शरी'अत मुझ से सादिर होगी और मैं अपने 'अद्ल को लोगों की रोशनी के लिए क़ाईम करूँगा।

یسعیاہ باب 51

5 मेरी सदाक़त नज़दीक है, मेरी नजात ज़ाहिर है, और मेरे बाज़ू लोगों पर हुक्मरानी करेंगे, जज़ीरे मेरा इन्तिज़ार करेंगे और मेरे बाज़ू पर उनका तवक्कुल होगा।

6 अपनी आँखें आसमान की तरफ़ उठाओ और नीचे ज़मीन पर निगाह करो; क्यूँकि आसमान धुँवें की तरह ग़ायब हो जायेंगे और ज़मीन कपड़े की तरह पुरानी हो जाएगी, और उसके बाशिन्दे मच्छरों की तरह मर जाएँगे; लेकिन मेरी नजात हमेशा तक रहेगी, और मेरी सदाक़त ख़त्म न होगी।

یسعیاہ باب 51

7 “ऐ सच्चाई के जाननेवालों, मेरी सुनो, ऐ लोगो, जिनके दिल में मेरी शरी'अत है; इंसान की मलामत से न डरो और उनकी ता'नाज़नी से परेशान न हो।

8 क्यूँकि कीड़ा उनको कपड़े की तरह खाएगा और किर्म उनको पश्मीने की तरह खा जाएगा, लेकिन मेरी सदाक़त हमेशा तक रहेगी और मेरी नजात नस्ल — दर — नस्ल।”

9 जाग, जाग, ऐ ख़ुदावन्द के बाज़ू तवानाई से मुलब्बस हो; जाग जैसा पुराने ज़माने में और गुज़िश्ता नस्लों में क्या तू वही नहीं जिसने रहब' को टुकड़े — टुकड़े किया और अज़दहे को छेदा?

یسعیاہ باب 51

10 क्या तू वही नहीं जिसने समन्दर या'नी बहर — ए — 'अमीक़ के पानी को सुखा डाला; जिसने बहर की तह को रास्ता बना डाला, ताकि जिनका फ़िदिया दिया गया उसे उबूर करें?

11 फ़िर वह जिनको ख़ुदावन्द ने मख़लसी बख़्शी लौटेंगे और गाते हुए सिय्यून में आएँगे, और हमेशा सुरूर उनके सिरों पर होगा; वह ख़ुशी और शादमानी हासिल करेंगे और ग़म — ओ — अन्दोह काफ़ूर हो जाएँगे।

12 “तुम को तसल्ली देनेवाला मैं ही हूँ, तू कौन है जो फ़ानी इंसान से, और आदमज़ाद से जो घास की तरह हो जाएगा डरता है,

یسعیاہ باب 51

13 और ख़ुदावन्द अपने ख़ालिक़ को भूल गया है, जिसने आसमान को ताना और ज़मीन की बुनियाद डाली; और तू हर वक़्त ज़ालिम के जोश — ओ — ख़रोश से कि जैसे वह हलाक करने को तैयार है, डरता है? पर ज़ालिम का जोश — ओ — ख़रोश कहाँ है?

14 जिलावतन ग़ुलाम जल्दी से आज़ाद किया जाएगा, वह ग़ार में न मरेगा और उसकी रोटी कम न होगी।

15 क्यूँकि मैं ही ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा हूँ, जो मौजज़न समन्दर को थमा देता हूँ; मेरा नाम रब्ब — उल — अफ़वाज है।

یسعیاہ باب 51

16 और मैंने अपना कलाम तेरे मुँह में डाला, और तुझे अपने हाथ के साये तले छिपा रख्खा ताकि अफ़लाक को खड़ा करूँ” और ज़मीन की बुनियाद डालूँ, और अहल — ए — सिय्यून से कहूँ, 'तुम मेरे लोग हो।

17 जाग, जाग, उठ ऐ येरूशलेम; तूने ख़ुदावन्द के हाथ से उसके ग़ज़ब का प्याला पिया, तूने डगमगाने का जाम तलछट के साथ पी लिया।

18 उन सब बेटों में जो उससे पैदा हुए, कोई नहीं जो उसका रहनुमा हो; और उन सब बेटों में जिनको उसने पाला, एक भी नहीं जो उसका हाथ पकड़े।

یسعیاہ باب 51

19 ये दो हादिसे तुझ पर आ पड़े, कौन तेरा ग़मख़्वार होगा? वीरानी और हलाकत, काल और तलवार; मैं क्यूँकर तुझे तसल्ली दूँ?

20 तेरे बेटे हर कूंचे के मदख़ल में ऐसे बेहोश पड़े हैं, जैसे हरन दाम में, वह ख़ुदावन्द के ग़ज़ब और तेरे ख़ुदा की धमकी से बेख़ुद हैं'।

21 इसलिए अब तू जो बदहाल और मस्त है पर मय से नहीं, ये बात सुन;

22 तेरा “ख़ुदावन्द यहोवाह हाँ तेरा ख़ुदा जो अपने लोगों की वकालत करता है यूँ फ़रमाता है कि देख, मैं डगमगाने का प्याला और अपने क़हर का जाम तेरे हाथ से ले लूँगा; तू उसे फिर कभी न पिएगी।

یسعیاہ باب 51

23 और मैं उसे उनके हाथ में दूँगा जो तुझे दुख देते, और जो तुझ से कहते थे, 'झुक जा ताकि हम तेरे ऊपर से गुज़रें', और तूने अपनी पीठ को जैसे ज़मीन, बल्कि गुज़रने वालों के लिए सड़क बना दिया।”