Urdu بائبل
واعظ کل 12 ابواب
واعظ باب 9
1 {मौत सबकी आती है } इन सब बातों पर मैंने दिल से ग़ौर किया और सब हाल की तफ़्तीश की, और मा'लूम हुआ कि सादिक़ और 'अक़्लमन्द और उनके काम ख़ुदा के हाथ में हैं; सब कुछ इंसान के सामने है, लेकिन वह न मुहब्बत जानता है न 'अदावत।
2 सब कुछ सब पर एक जैसा गुज़रता है, सादिक़ और शरीर पर, नेकोकार, और पाक और नापाक पर, उस पर जो कु़र्बानी पेश करता है और उस पर जो क़ुर्बानी नहीं पेश करता एक ही हादसा वाक़े' होता है। जैसा नेकोकार है, वैसा ही गुनहगार है; जैसा वह जो क़सम खाता है, वैसा ही वह जो क़सम से डरता है।
واعظ باب 9
3 सब चीज़ों में जो दुनिया में होती हैं एक जुबूनी ये है कि एक ही हादसा सब पर गुज़रता है; हाँ, बनी आदम का दिल भी शरारत से भरा है, और जब तक वह जीते हैं हिमाक़त उनके दिल में रहती है, और इसके बाद मुर्दों में शामिल होते हैं।
4 चूँकि जो ज़िन्दों के साथ है उसके लिए उम्मीद है, इसलिए ज़िन्दा कुत्ता मुर्दा शेर से बेहतर है।
5 क्यूँकि ज़िन्दा जानते हैं कि वह मरेंगे, लेकिन मुर्दे कुछ भी नहीं जानते और उनके लिए और कुछ अज्र नहीं क्यूँकि उनकी याद जाती रही है।
واعظ باب 9
6 अब उनकी मुहब्बत और 'अदावत — ओ — हसद सब हलाक हो गए, और ता हमेशा उन सब कामों में जो दुनिया में किए जाते हैं, उनका कोई हिस्सा नहीं।
7 अपनी राह चला जा, ख़ुशी से अपनी रोटी खा और ख़ुशदिली से अपनी मय पी; क्यूँकि ख़ुदा तेरे 'आमाल को क़ुबूल कर चुका है।
8 तेरा लिबास हमेशा सफ़ेद हो, और तेरा सिर चिकनाहट से ख़ाली न रहे।
9 अपनी बेकार की ज़िन्दगी के सब दिन जो उसने दुनिया में तुझे बख़्शी है, हाँ, अपनी बेकारी के सब दिन, उस बीवी के साथ जो तेरी प्यारी है 'ऐश कर ले कि इस ज़िन्दगी में और तेरी उस मेहनत के दौरान में जो तू ने दुनिया में की तेरा यही हिस्सा है।
واعظ باب 9
10 जो काम तेरा हाथ करने को पाए उसे मक़दूर भर कर क्यूँकि पाताल में जहाँ तू जाता है न काम है न मन्सूबा, न 'इल्म न हिकमत।
11 फिर मैंने तवज्जुह की और देखा कि दुनिया' में न तो दौड़ में तेज़ रफ़्तार को सबक़त है न जंग में ज़ोरआवर को फ़तह, और न रोटी 'अक़्लमन्द को मिलती है न दौलत 'अक़्लमन्दों को, और न 'इज़्ज़त 'अक़्ल वालों को; बल्कि उन सब के लिए वक़्त और हादिसा है।
واعظ باب 9
12 क्यूँकि इंसान अपना वक़्त भी नहीं पहचानता; जिस तरह मछलियाँ जो मुसीबत के जाल में गिरफ़्तार होती हैं, और जिस तरह चिड़ियाँ फंदे में फसाई जाती है उसी तरह बनी आदम भी बदबख़्ती में, जब अचानक उन पर आ पड़ती है, फँस जाते हैं।
13 मैंने ये भी देखा कि दुनिया में हिकमत है और ये मुझे बड़ी चीज़ मा'लूम हुई।
14 एक छोटा शहर था और उसमें थोड़े से लोग थे, उस पर एक बड़ा बा'दशाह चढ़ आया और उसका घिराव किया और उसके मुक़ाबिल बड़े — बड़े दमदमे बाँधे।
واعظ باب 9
15 मगर उस शहर में एक कंगाल 'अक़्लमन्द मर्द पाया गया और उसने अपनी हिकमत से उस शहर को बचा लिया, तोभी किसी शख़्स ने इस ग़रीब मर्द को याद न किया।
16 तब मैंने कहा कि हिकमत ज़ोर से बेहतर है; तोभी ग़रीब की हिकमत की तहक़ीर होती है, और उसकी बातें सुनी नहीं जातीं।
17 'अक़्लमन्दों की बातें जो आहिस्तगी से कही जाती हैं, बेवक़ूफ़ों के सरदार के शोर से ज़्यादा सुनी जाती है।
واعظ باب 9
18 हिकमत लड़ाई के हथियारों से बेहतर है, लेकिन एक गुनहगार बहुत सी नेकी को बर्बा'द कर देता है।