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۔تواریخ ۱ کل 29 ابواب
۔تواریخ ۱
۔تواریخ ۱ باب 26
۔تواریخ ۱ باب 26
1 {दरबानों की ज़िम्मेदारियां } दरबानों के फ़रीक़ यह थे: क़ुरहियों में मसलमियाह बिन कूरे, जो बनी आसफ़ में से था;
2 और मसलमियाह के यहाँ बेटे थे: ज़करियाह पहलौठा, यदी'एल दूसरा, जबदियाह तीसरा, यतनीएल चौथा,
3 ऐलाम पाँचवाँ, यहूहानान छटा, इलीहू'ऐनी सातवाँ था।
4 और 'ओबेदअदोम के यहाँ बेटे थे: समायाह पहलौठा, यहूज़बा'द दूसरा, यूआख़ तीसरा, और सकार चौथा, और नतनीएल पाँचवाँ,
۔تواریخ ۱ باب 26
5 'अम्मीएल छटा, इश्कार सातवाँ, फ़'उलती आठवाँ; क्यूँकि ख़ुदा ने उसे बरकत बख़्शी थी।
6 उसके बेटे समायाह के यहाँ भी बेटे पैदा हुए, जो अपने आबाई खानदान पर सरदारी करते थे क्यूँकि वह ताक़तवर सूर्मा थे।
7 समायाह के बेटे: उतनी और रफ़ाएल और 'ओबेद और इलज़बा'द, जिनके भाई इलीहू और समाकियाह सूर्मा थे।
8 यह सब 'ओबेदअदोम की औलाद में से थे। वह और उनके बेटे और उनके भाई ख़िदमत के लिए ताक़त के 'ऐतबार से क़ाबिल आदमी थे, यूँ 'ओबेदअदोमी बासठ थे।
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9 मसलमियाह के बेटे और भाई अठारह सूर्मा थे।
10 और बनी मिरारी में से हूसा के हाँ बेटे थे: सिमरी सरदार था वह पहलौठा तो न था, लेकिन उसके बाप ने उसे सरदार बना दिया था,
11 दूसरा खिलक़ियाह, तीसरा तबलयाह, चौथा ज़करियाह; हूसा के सब बेटे और भाई तेरह थे।
12 इन्ही में से या'नी सरदारों में से दरबानों के फ़रीक़ थे, जिनका ज़िम्मा अपने भाइयों की तरह ख़ुदावन्द के घर में ख़िदमत करने का था।
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13 और उन्होंने क्या छोटे क्या बड़े, अपने अपने आबाई ख़ान्दान के मुताबिक़ हर एक फाटक के लिए पर्ची डाला।
14 पूरब की तरफ़ का पर्ची सलमियाह के नाम निकला। फिर उसके बेटे ज़करियाह के लिए भी, जो 'अक़्लमन्द सलाहकार था, पर्चा डाला गया और उसका पर्चा शिमाल की तरफ़ का निकला।
15 'ओबेदअदोम के लिए जुनूब की तरफ़ का था, और उसके बेटों के लिए ग़ल्लाखाना का।
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16 सुफ़्फ़ीम और हूसा के लिए पश्चिम की तरफ़ सलकत के फाटक के नज़दीक का, जहाँ से ऊँची सड़क ऊपर जाती है ऐसा कि आमने सामने होकर पहरा दें।
17 पूरब की तरफ़ छ: लावी थे, उत्तर की तरफ़ हर रोज़ चार, दक्खिन की तरफ़ हर रोज़ चार, और तोशाख़ाने के पास दो दो।
18 पश्चिम की तरफ़ परबार के लिए चार तो ऊँची सड़क पर और दो परबार के लिए।
19 बनी कोरही और बनी मिरारी में से दरबानों के फ़रीक़ यही थे।
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20 लावियों में से अख़ियाह ख़ुदा के घर के ख़ज़ानों और नज़्र की चीज़ों के ख़ज़ानों पर मुक़र्रर था।
21 बनी ला'दान: इसलिए ला'दान के ख़ान्दान के जैरसोनियों के बेटे, जो उन आबाई ख़ान्दानों के सरदार थे, जो जैरसोनी ला'दान से त'अल्लुक रखते थे यह थे: यहीएली।
22 और यहीएली के बेटे: जैताम और उसका भाई यूएल, ख़ुदावन्द के घर के खज़ानों पर थे।
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23 अमरामियों, इज़हारियों, हबरूनियों और उज़्ज़ीएलियों में से:
24 सबुएल बिन जैरसोम बिन मूसा, बैत — उल — माल पर मुख़्तार था।
25 और उसके भाई इली'एलियाज़र की तरफ़ से:उसका बेटा रहबियाह, रहबिया का बेटा यसा'याह, यसा'याह का बेटा यूराम, यूराम का बेटा ज़िकरी, ज़िकरी का बेटा सल्लूमीत।
26 यह सल्लूमीत और उसके भाई नज़्र की हुई चीज़ों के सब ख़ज़ानों पर मुक़र्रर थे, जिनको दाऊद बादशाह और आबाई ख़ान्दानों के सरदारों और हज़ारों और सैकड़ों के सरदारों और लश्कर के सरदारों ने नज़्र किया था।
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27 लड़ाइयों की लूट में से उन्होंने ख़ुदावन्द के घर की मरम्मत के लिए कुछ नज़्र किया था।
28 समुएल गै़बबीन और साऊल बिन क़ीस और अबनेर बिन नेर और योआब बिन ज़रोयाह की सारी नज़्र, ग़रज़ जो कुछ किसी ने नज़्र किया था वह सब सल्लूमीत और उसके भाइयों के हाथ में सुपुर्द था।
29 इज़हारियों में से कनानियाह और उसके बेटे, इस्राईलियों पर बाहर के काम के लिए हाकिम और क़ाज़ी थे।
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30 हबरूनियों में से हसबियाह और उसके भाई, एक हज़ार सात सौ सूर्मा, मग़रिब की तरफ़ यरदन पार के इस्राईलियों की निगरानी की ख़ातिर ख़ुदावन्द के सब काम और बादशाह की ख़िदमत के लिए तैनात थे।
31 हबरूनियों में यरयाह, हबरूनियों का उनके आबाई ख़ान्दानों के नस्बों के मुताबिक़ सरदार था। दाऊद की हुकूमत के चालीसवें बरस में वह ढूँड निकाले गए, और जिल'आद के या'ज़ेर में उनके बीच ताक़तवर सूर्मा मिले।
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32 उसके भाई, दो हज़ार सात सौ सूर्मा और आबाई ख़ान्दानों के सरदार थे, जिनकी दाऊद बादशाह ने रूबीनियों और जहियों और मनस्सी के आधे क़बीले पर ख़ुदा के हर एक काम और शाही मु'आमिलात के लिए सरदार बनाया।