Urdu بائبل
۔تواریخ ۱ کل 29 ابواب
۔تواریخ ۱
۔تواریخ ۱ باب 25
۔تواریخ ۱ باب 25
1 {म़ौसीकारों की ज़िम्मेदारियां } फिर दाऊद और लश्कर के सरदारों ने आसफ़ और हैमान और यदूतून के बेटों में से कुछ को ख़िदमत के लिए अलग किया, ताकि वह बरबत और सितार और झाँझ से नबुव्वत करें; और जो उस काम को करते थे उनका शुमार उनकी ख़िदमत के मुताबिक़ यह था:
2 आसफ़ के बेटों में से ज़क्कूर, यूसुफ़, नतनियाह और असरीलाह; आसफ़ के यह बेटे आसफ़ के मातहत थे, जो बादशाह के हुक्म के मुताबिक़ नबुव्वत करता था।
۔تواریخ ۱ باب 25
3 यदूतून से बनी यदूतून, सो जिदलियाह, ज़री और यसा'याह, हसबियाह और मतितियाह, यह छ: अपने बाप यदूतून के मातहत थे जो बरबत लिए रहता और ख़ुदावन्द की शुक्रगुज़ारी और हम्द करता हुआ नबुव्वत करता था।
4 रहा हैमान, वह हैमान के बेटे: बुक़्क़याह, मत्तनियाह, 'उज़्ज़ीएल, सबूएल यरीमोत, हनानियाह, हनानी, इलियाता, जिद्दाल्ती, रूमम्ती'अज़र, यसबिक़ाशा, मल्लूती, हौतीर, और महाज़ियोत;
۔تواریخ ۱ باب 25
5 यह सब हैमान के बेटे थे, जो ख़ुदा की बातों में सींग बुलन्द करने के लिए बादशाह का गै़बबीन था; और ख़ुदा ने हैमान को चौदह बेटे और तीन बेटियाँ दी थीं।
6 यह सब ख़ुदावन्द के घर में हम्द करने के लिए अपने बाप के मातहत थे, और झाँझ और सितार और बरबत से ख़ुदा के घर की ख़िदमत करते थे। आसफ़ और यदूतून और हैमान बादशाह के हुक्म के ताबे' थे
7 उनके भाइयों समेत जो ख़ुदावन्द की ता'रीफ़ और बड़ाई की ता'लीम पा चुके थे, या'नी वह सब जो माहिर थे, उनका शुमार दो सौ अठासी था।
۔تواریخ ۱ باب 25
8 और उन्होंने क्या छोटे क्या बड़े क्या उस्ताद क्या शागिर्द, एक ही तरीक़े से अपनी अपनी ख़िदमत के लिए पर्ची डाला।
9 पहली चिट्ठी आसफ़ की यूसुफ़ को मिली, दूसरी जिदलियाह को, और उसके भाई और बेटे उस समेत बारह थे।
10 तीसरी ज़क्कूर को, और उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।
11 चौथी यिज़री को, उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।
۔تواریخ ۱ باب 25
12 पाँचवीं नतनियाह को, उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।
13 छटी बुक्कयाह को, उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।
14 सातवीं यसरीलाह को, उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।
15 आठवीं यसा'याह को, उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।
16 नवीं मत्तनियाह को, उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।
۔تواریخ ۱ باب 25
17 दसवीं सिमई को, उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।
18 ग्यारहवीं 'अज़रएल को, उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।
19 बारहवीं हसबियाह को, उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।
20 तेरहवीं सबूएल को, उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।
21 चौदहवीं मतितियाह को, उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।
۔تواریخ ۱ باب 25
22 पंद्रहवीं यरीमोत को, उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।
23 सोलहवीं हनानियाह को, उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।
24 सत्रहवीं यसबिक़ाशा को, उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।
25 अठारहवीं हनानी को, उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।
26 उन्नीसवीं मल्लूती को, उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।
۔تواریخ ۱ باب 25
27 बीसवीं इलियाता को, उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।
28 इक्कीसवीं हौतीर को, उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।
29 बाइसवीं जिद्दाल्ती को, उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।
30 तेइसवीं महाज़ियोत को, उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।
31 चौबीसवीं रूमम्ती 'एलियाज़र को, उसके बेटे और भाई उस समेत बारह थे।